देश: 'क्रिसमस को देखते हुए संसद के शीतकालीन सत्र की तारीख तय की जानी चाहिए'- अधीर रंजन चौधरी

देश - 'क्रिसमस को देखते हुए संसद के शीतकालीन सत्र की तारीख तय की जानी चाहिए'- अधीर रंजन चौधरी
| Updated on: 06-Dec-2022 01:55 PM IST
Adhir Rajan Chowdhury On BJP: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने केंद्र सरकार (Modi Government) को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा है कि आज देश में महंगाई बढ़ती जा रही है और देश का माहौल खराब हो रहा है. सरकार हर मोर्चे पर फेल नजर रही है, सुप्रीम कोर्ट के साथ भी सरकार का टकराव चल रहा है.

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज चीन के साथ भी सीमा पर विवाद चल रहा है. इसके अलावा, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने एक बार फिर किसानों और न्यूनतम समर्थन मूल्य का मुद्दा उठाया. शीतकालन सत्र (Parliament Winter Session) की तारीख को लेकर भी प्रतिक्रिया दी.

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि क्रिसमस को देखते हुए संसद सत्र की तारीख तय की जानी चाहिए. उन्होंने वर्तमान सत्र की तारीखों में बदलाव के सवाल पर कहा कि जैसे हिंदू और मुसलमानों का त्यौहार होता है वैसे ही क्रिसमस का भी ध्यान रखना चाहिए. बता दें कि शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू होगा और यह 29 दिसंबर को समाप्त होगा. इस सत्र में 17 बैठकें होंगी.

'कश्मीर पंडितों पर जुल्म हो रहा है'

अधीर रंजन चौधरी ने कश्मीर पंडितों के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. कश्मीर में हिंदू पंडितों के ऊपर जुल्म हो रहा है और वो भागने की तैयारी में हैं. कांग्रेस सांसद ने कहा कि वहां स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. 

'CAA अब तक लागू क्यों नहीं हुआ?'

एक हफ्ते पहले भी कांग्रेस सांसद ने केंद्र को निशाने पर लिया था. उन्होंने दावा किया था कि नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA हिंदुओं के लिए सही नहीं है. तीन साल पहले CAA को पारित किया गया, लेकिन अगर इसे लागू किया गया तो यह खुद हिंदुओं के लिए सही नहीं होगा. इस दौरान उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि अभी तक इसे लागू क्यों नहीं गया? कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह सिर्फ राजनीति के लिए है.

'सपना देखना बंद कर देना चाहिए'

इसके बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) का भी बयान सामने आया था. उन्होंने कहा था कि CAA को पहले ही सरकार से मंजूरी मिल चुकी है और आलोचकों को अब यह सपना देखना बंद कर देना चाहिए कि कानून वापस लिया जाएगा या लागू नहीं किया जाएगा. नई दिल्ली में टाइम्स नाउ समिट को संबोधित करते हुए शाह ने याद दिलाया कि NRC और CAA को ठंडे बस्ते में नहीं डाला गया है.

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।