Viral News: अफगानिस्तान के पत्रकार ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री की जमकर धुलाई, वीडियो वायरल

Viral News - अफगानिस्तान के पत्रकार ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री की जमकर धुलाई, वीडियो वायरल
| Updated on: 18-Jun-2021 04:30 PM IST
अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो के सैनिक 11 सितंबर 2021 तक वापस लौट जाएंगे। अफगानिस्तान की सरकार अपने देश के विकास में भारत की अहम भूमिका को देख रही है। लेकिन पाकिस्तान को अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी खल रही है। अफगानिस्तान के समाचार चैनल टोलो न्यूज के साथ इंटरव्यू में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को भारत से जुड़े सवालों पर फंस गए। शनिवार को प्रसारित होने वाले टोलो न्यूज के इस इंटरव्यू में कुरैशी को कुछ हंसते तो कुछ जगह फंसते देखा जा सकता है।  

कुरैशी का यह इंटरव्यू टोलो न्यूज के प्रमुख लोतफुल्ला नजफिजादा ने लिया है। टोलो न्यूज ने इंटरव्यू के कई क्लिप ट्विटर पर शेयर किए हैं। इस बातचीत के दौरान कुरैशी ने अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी को लेकर सवाल खड़े किए हैं।

लोतफुल्ला नजफिजादा के एक सवाल पर कुरैशी ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के द्विपक्षीय रिश्ते हैं। अफगानिस्तान का ये अधिकार है कि वो भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध रखे। दोनों देशों के बीच व्यावसायिक रिश्ता भी है। इसमें पाकिस्तान को कोई प्रॉबल्म भी नहीं है। मगर उन्हें लगता है कि अफगानिस्तान में भारत की मौजदूगी जितनी होनी चाहिए उससे कहीं अधिक है। यह तब है जब भारत और अफगानिस्तान की सीमा कहीं एक-दूसरे से नहीं लगती है। 

इसके बाद टोलो न्यूज के पत्रकार ने कुरैशी से पूछा कि क्या आपको भारत की मौजूदगी परेशान करती है? इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि अगर अफगानिस्तान की जमीन का प्रयोग पाकिस्तान के खिलाफ होगा तो उचित नहीं है। टोलो न्यूज ने पूछा कि क्या भारत ने ऐसा किया है तो क़ुरैशी मुस्कराने लगे।

अफगानिस्तान में भारत के कितने वाणिज्य दूतावास हैं? इस सवाल पर कुरैशी ने कहा कि आधिकारिक तौर पर तो चार हैं मगर अनाधिकारिक रूप से कितने हैं यह अफगानिस्तान को बताना चाहिए। अफगानिस्तान की सीमा भारत से नहीं लगती है। टोलो न्यूज ने पूछा कि अफगानिस्तान और भारत में अच्छे रिश्ते हैं पाकिस्तान को क्या दिक्कत है तो वे इस पर कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए।

अफगानिस्तान के पत्रकार के एक सवाल पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री असहज नजर आए। लोतफुल्लाह ने पूछा कि क्या तालिबान नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा, मुल्ला याकूब या सिराजुद्दीन हक्कानी पाकिस्तान में नहीं हैं? इस पर क़ुरैशी ने कहा कि यह सवाल अफगानिस्तान की सरकार से पूछें। कुरैशी को टोकते हुए पत्रकार ने कहा कि मई में तालिबान नेता शेख अब्दुल हकीम अफगानिस्तान में अपने नेताओं से मिलने आए थे। शेख अब्दुल हकीम ने सार्वजनिक रूप से कहा कि वह पाकिस्तान से आए हैं।

इस पर कुरैशी ने मुस्कुराते हुए कहा कि उन्होंने संपर्क नहीं किया था, इसलिए उनको पता नहीं है। कुरैशी ने कहा कि तालिबान भी अफगानिस्तान में शांति चाहता है। इस पर लोतफ़ुल्लाह ने पूछा कि आपको कैसे पता है कि तालिबान शांति चाहता है? शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि उनसे बात होती रही है। पाकिस्तानी मंत्री ने कहा कि वो तालिबान और अफगानिस्तान सरकार की बातचीत में शामिल नहीं हो सके। इस पर लोतफुल्लाह ने कहा कि ऐसी कोई चर्चा हुई ही नहीं है। क़ुरैशी इस पर कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए और कहा कि अफगानिस्तान फिर से एक और गृह युद्ध नहीं झेल सकता है।

पाकिस्तान और अफगानिस्तान अपने संबंधों को सुधारने की कोशिश में हैं। पिछले छह-सात महीनों में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच कई उच्च स्तरीय बैठकें हुई हैं। पिछले साल नवंबर महीने में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने काबुल का दौरा किया था। इसी साल, मई में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फयाज हमाद भी पड़ोसी देश के दौरे पर पहुंचे थे। 

मगर अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहिब ने पाकिस्तान को लेकर ऐसी टिप्पणी की कि दोनों देशों में हंगामा मच गया। अफगानिस्तान के एनएसए हमदुल्ला मोहिब ने पाकिस्तान को एक बयान में ब्रोथेल हाउस (वेश्यालय) कहा जिसे लेकर पाकिस्तान की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई। इस पर कुरैशी ने गुस्से में कहा था कि अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ध्यान से सुन लें, अगर आप पाकिस्तान के खिलाफ ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना बंद नहीं करते हैं तो कोई भी पाकिस्तानी ना आपके साथ हाथ मिलाएगा और ना ही आपके साथ किसी बातचीत में शामिल होगा।


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