Shinzo Abe Assassination: शिंजो आबे की मोत के बाद जापानी PM को अमेरिका से आया फोन, बाइडेन से हुई ये बात
Shinzo Abe Assassination - शिंजो आबे की मोत के बाद जापानी PM को अमेरिका से आया फोन, बाइडेन से हुई ये बात
Shinzo Abe Murder News: जापान (Japan) के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) की शुक्रवार को हत्या कर दी गई. जिसके बाद अमेरिका (US) के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. व्हाइट हाउस (White House) के मुताबिक, दोनों नेताओं ने चर्चा की कि शांति और लोकतंत्र की रक्षा के अहम कार्य को जारी रखते हुए शिंजो आबे की विरासत कैसे आगे बढ़ेगी? बातचीत में जो बाइडेन ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या पर रोष, दुख और गहन संवेदनाएं जताई.आबे की हत्या से व्यथित है जापानगौरतलब है कि शिंजो आबे की जापान के नारा में एक भाषण देते हुए गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस ने नारा के रहने वाले 40 साल के एक शख्स को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कहा कि आरोपी ने जिस गन का इस्तेमाल किया उसे उसने घर पर ही बनाया था. गौरतलब है कि इस वारदात ने जापान को हिलाकर रख दिया है.बाइडेन और किशिदा में क्या बातचीत हुई?व्हाइट हाउस ने जानकारी देते हुए कहा, ‘राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वह और अमेरिकी लोग दुख की इस घड़ी में जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और देश के लोगों के साथ खड़े हैं.’ आगे कहा गया कि राष्ट्रपति ने खुले और मुक्त हिंद-प्रशांत और जापान, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया तथा भारत की क्वाड बैठकों को शुरू करने की दूरदृष्टि के साथ शिंजो आबे की स्थाई विरासत महत्ता पर जोर दिया. जान लें कि चीन के बढ़ते प्रभाव और सैन्य बढ़त से निपटने के मकसद से भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के क्वाड ग्रुप के गठन में शिंजो आबे की महत्वपूर्ण भूमिका थी.अमेरिकी राष्ट्रपति ने कही ये बातअमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और जापान के पीएम फुमियो किशिदा की बातचीत के बाद व्हाइट हाउस ने कहा, ‘राष्ट्रपति ने जापान के लोकतंत्र की ताकत में हमारे अटूट विश्वास पर जोर दिया और दोनों नेताओं ने इस पर चर्चा की कि शांति और लोकतंत्र की रक्षा के अहम कार्य को जारी रखते हुए आबे की विरासत कैसे अमर रहेगी.’बता दें कि अमेरिका में गोलीबारी की वारदातों से जूझ रहे राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ये भी कहा, ‘बंदूक से होने वाली हिंसा इससे प्रभावित समुदायों पर हमेशा गहरे निशान छोड़ती है.’