Allahabad High Court: अफजाल अंसारी बने रहेंगे सांसद, इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत, 4 साल की सजा का फैसला रद्द

Allahabad High Court - अफजाल अंसारी बने रहेंगे सांसद, इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत, 4 साल की सजा का फैसला रद्द
| Updated on: 29-Jul-2024 05:17 PM IST
Allahabad High Court: समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। गैंगस्टर मामले में हाईकोर्ट ने गाजीपुर एमपी एमएलए कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है। गाजीपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने अफजाल को चार साल की सजा सुनाई थी। अफजाल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में गाजीपुर एमपी एमएलए कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी और अब हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी की आपराधिक अपील पर 4 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

अफजाल के खिलाफ यह मामला भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की 2005 में हत्या के बाद दर्ज किया गया था। मौजूदा आपराधिक अपील के साथ ही यह अदालत इसी मामले में अफजाल की सजा बढ़ाने की राज्य सरकार और कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय की अपील पर भी सुनवाई कर रही थी। यह अपील इस मायने में महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि अफजाल की दोषसिद्धि बरकरार रखी जाती तो उनकी सांसदी चली जाती क्योंकि उन्हें दो साल से अधिक के कारावास की सजा सुनाई गई थी। अब सजा रद्द होने के साथ ही वह सांसद बने रहेंगे।

2024 में गाजीपुर सीट से जीता लोकसभा चुनाव

अफजाल अंसारी ने 2024 लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर गाजीपुर सीट से चुनाव जीता है। गाजीपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने 29 अप्रैल, 2023 को अफजाल को गैंगस्टर कानून के मामले में दोषी करार दिया था और चार साल की जेल की सजा सुनाई थी और साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। अदालत ने अफजाल के भाई मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए उसे 10 वर्ष के जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद, अफजाल सांसद के तौर पर अयोग्य हो गए, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में मौजूदा आपराधिक अपील दायर की। 

सुप्रीम कोर्ट ने दी थी जमानत

हाईकोर्ट ने 24 जुलाई, 2023 को अफजाल को जमानत दे दी, लेकिन इस मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप उनकी सांसदी बहाल नहीं हुई। साथ ही वह भविष्य में चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए, क्योंकि उन्हें सुनाई गई सजा दो वर्ष से अधिक की थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी, जिसके परिणाम स्वरूप उनकी सांसदी बहाल हो गई और वह लोकसभा चुनाव लड़ने के योग्य हो गए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में लंबित आपराधिक अपील पर तेजी से सुनवाई करने का निर्देश दिया।

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