Assembly By Elections: एक-एक सीट का उपचुनाव से पहले ऐसे समीकरण सेट कर रहे अखिलेश यादव
Assembly By Elections - एक-एक सीट का उपचुनाव से पहले ऐसे समीकरण सेट कर रहे अखिलेश यादव
Assembly By Elections: उत्तर प्रदेश में अक्टूबर और नवंबर के बीच होने वाले 10 विधानसभा उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए एक बड़ी प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है। इन उपचुनावों में जीत पाने के लिए दोनों प्रमुख दलों ने अपने-अपने रणनीतिक हथियार पूरी ताकत से झोंक दिए हैं। जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर सीट पर अपनी पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए लगातार दौरे कर रहे हैं, वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी प्रत्येक सीट के लिए एक-एक कर रणनीति पर काम कर रहे हैं।सीएम योगी आदित्यनाथ की सक्रियताबीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव की तैयारी में पूरे जोर-शोर से जुटे हैं। योगी ने पिछले 30 दिनों में मिल्कीपुर और अंबेडकरनगर सहित कई प्रमुख सीटों पर दौरे किए हैं। इन यात्राओं के दौरान वे न केवल स्थानीय मुद्दों की समीक्षा कर रहे हैं, बल्कि रोजगार मेला जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को सरकार की योजनाओं से जोड़ने का प्रयास भी कर रहे हैं। यह रणनीति बीजेपी की स्थिति को बेहतर बनाने और मतदाताओं के बीच सकारात्मक संदेश फैलाने के लिए है।अखिलेश यादव की बूथवार समीक्षावहीं, सपा के अखिलेश यादव भी उपचुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए गहराई से रणनीति बना रहे हैं। उन्होंने हाल ही में सीसामऊ, अयोध्या, और कटेहरी सीटों की समीक्षा की है। सीसामऊ में जहां इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को टिकट देकर अखिलेश ने इमोशनल अपील का सहारा लिया है, वहीं अयोध्या में मिल्कीपुर सीट को लेकर पार्टी में अंदरूनी मतभेदों को सुलझाने की दिशा में काम कर रहे हैं।सपा का अयोध्या और सीसामऊ पर फोकसअयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर अखिलेश यादव ने अगस्त के अंत में बैठक बुलाई थी, जिसमें उम्मीदवार तय करने और नाराज नेताओं को मनाने का काम किया गया। मिल्कीपुर सीट पर बीजेपी की प्रतिष्ठा को देखते हुए अखिलेश ने कई सपा नेताओं के साथ बैठक कर उनकी नाराजगी को दूर किया। इसी तरह, सीसामऊ में इरफान सोलंकी की पत्नी को टिकट देने के साथ-साथ अखिलेश ने मुस्लिम मतदाताओं की अहमियत को देखते हुए इस सीट पर विशेष ध्यान दिया है।कटेहरी और अन्य सीटों पर रणनीतिकटेहरी सीट पर अखिलेश यादव ने पूर्व मंत्री शंखलाल मांझी को साधने की कोशिश की है, जो टिकट के दावेदार माने जा रहे थे। वहीं, कुंदरकी, गाजियाबाद, और खैर सीटों की समीक्षा भी की गई है। इन सीटों पर बीजेपी और सपा दोनों के लिए जीत बेहद महत्वपूर्ण है।सपा का गठबंधन का संकेतअखिलेश यादव ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उपचुनाव में गठबंधन बनाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन, जिसमें सपा, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस शामिल हैं, यूपी की सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज करेगी। उनका यह बयान बीजेपी को चुनौती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।निष्कर्षउत्तर प्रदेश के इन उपचुनावों ने दोनों प्रमुख पार्टियों के लिए न केवल अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने का अवसर प्रदान किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि कैसे राजनीतिक दलों द्वारा रणनीति, दौरे, और गठबंधन की राजनीति से चुनावी परिणामों को प्रभावित किया जा सकता है। इन उपचुनावों की परिणति यह तय करेगी कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में अगले कुछ महीनों के लिए किस पार्टी की स्थिति मजबूत होती है।