US on India-China: रूस-यूक्रेन जंग के बीच बोला अमेरिका- भारत को हर मोड़ पर उकसा रहा चीन

US on India-China - रूस-यूक्रेन जंग के बीच बोला अमेरिका- भारत को हर मोड़ पर उकसा रहा चीन
| Updated on: 03-Mar-2022 04:16 PM IST
यूक्रेन-रूस में जंग के बीच अमेरिका का बड़ा बयान सामने आया है। बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि चीन हर समय भारत के खिलाफ उकसावे की कार्रवाई करता है, जैसा कि वह अमेरिका के मामले में भी करता है। अधिकारी ने कहा कि वाशिंगटन चीन की ओर से किए जा रहे उकसावे को रोकने के लिए भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

बता दें कि चीन के भारत के साथ संबंध कठिन समय से गुजर रहे हैं। बीजिंग द्वारा पूर्वी लद्दाख सीमा पर सैन्य बलों को नहीं लाने के समझौते का उल्लंघन करने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध सही नहीं है।

बाइडेन प्रशासन में सहायक विदेष मंत्री डोनाल्ड लू ने बुधवार को पूर्व, दक्षिण एशिया, मध्य एशिया पर सीनेट सबकमेटी को कहा कि चीन भारत को उसी तरह से उकसा रहा है जैसा कि वो अमेरिका के साथ करता है। उन्होंने कहा कि चीन द्वारा भारतीय सीमा पर हमले के लिए जिम्मेदार रेजीमेंट कमांडर को चुनने के बाद भारत ने बीजिंग खेलों का बहिष्कार किया था। इस संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। वहीं, हाल ही में बीजिंग ने चीन का नया नक्शा जारी किया है। इसमें भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के बड़े हिस्से पर अपना दावा पेश किया था। इसके साथ ही शहरों के नाम भी चीनी नामों से रखे थे।

पैंगोंग झील में हिंसक झड़प के बाद 5 मई 2020 को पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हो गया था। 15 जून 2020 को सेना गलवान घाटी में आमने-सामने आ गई। भारत पूर्वी सीमा गतिरोध को लेकर चीन से बातचीत कर रहा है कि भारत किसी भी तरह के बदलाव और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को एकतरफा रूप से बदलने के लिए सहमत नहीं होगा। लू ने सांसदों से कहा कि अमेरिका भी भारत के साथ अपने रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है। इसके अलावा मजबूत नौसैनिक सहयोग, बढ़ी हुई जानकारी साझा करने के साथ अंतरिक्ष और साइबर स्पेस में सहयोग बढ़ाने के माध्यम से चीन के उकसावे को रोकने के लिए भारत की रक्षा क्षमता मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 लू ने मेलबर्न में क्वाड मंत्रिस्तरीय का उल्लेख करते हुए कहा कि एक स्वतंत्र और इंडो-पैसिफिक का समर्थन करने को सभी क्वाड भागीदारों के संकल्प से चकित हैं। क्वाड अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान का एक चार सदस्यीय समूद है। इस समूह का गठन इस क्षेत्र में बढ़ती चीन की मुखरता पर नियंत्रण पाने के लिए किया गया है। क्वाड दुनिया को कोविड-19 की 1 अरब खुराक पहुंचाने के अपने लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में प्रगति कर रहा है। चीन लगभग सभी विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है। हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्से का दावा करते हैं। वहीं, बीजिंग ने दक्षिण सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं। इसके साथ ही जापान के साथ पूर्वी चीन सागर को लेकर भी बीजिंग समुद्री विवाद में शामिल है।

लू ने सीनेटर टेड क्रूज के उन आरोपों का भी खंडन किया, जिनमें कहा गया कि बाइडेन प्रशासन ने क्वाड में चीन का मुकाबला करने से वंचित कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने क्वाड के हर सत्र में भाग लिया है। हर सत्र में हम तीन क्वाड के साथ चीन के साथ मुकाबला करने की बात कर रहे हैं। हम सुरक्षा और रक्षा गतिविधियों से चीन का मुकाबला करने की बात कर रहे हैं। इसके साथ ही हम कोरोना वैक्सीन को लेकर भी बात कर रहे हैं, क्योंकि हम जानते हैं यह इंडो पैसिफिक में चीन की पहुंच का हिस्सा है। इसलिए मैं उस बयान पर आपत्ति जताता हूं क्योंकि मैंन ऐसा नहीं देखा है। नवंबर 2017 में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने क्वाड की स्थापना की थी।


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