Aravalli Hills: अरावली बचाओ आंदोलन: राजस्थान में कांग्रेस का प्रदेशव्यापी अभियान, सरकार की नीतियों पर सवाल

Aravalli Hills - अरावली बचाओ आंदोलन: राजस्थान में कांग्रेस का प्रदेशव्यापी अभियान, सरकार की नीतियों पर सवाल
| Updated on: 27-Dec-2025 05:57 PM IST
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने अरावली पर्वतमाला के संरक्षण के लिए एक जोरदार और व्यापक प्रदेशव्यापी अभियान चलाया है। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य अरावली को खनन गतिविधियों से बचाना और केंद्र तथा राज्य सरकारों की नीतियों पर सवाल उठाना है, जिन्हें कार्यकर्ता पर्यावरण के लिए हानिकारक मान रहे हैं। पूरे प्रदेश में हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और आम नागरिक इस अभियान में शामिल हुए, जिन्होंने अरावली को केवल एक पहाड़ नहीं, बल्कि जीवन की रक्षा करने वाली एक महत्वपूर्ण श्रृंखला बताया।

अरावली: राजस्थान की जीवन रेखा

अरावली पर्वतमाला को राजस्थान की जीवन रेखा माना जाता है, जो न केवल पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद करती है, बल्कि भूजल स्तर को भी प्रभावित करती है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि अरावली का संरक्षण भविष्य की पीढ़ियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकारें खनन माफियाओं के साथ मिलकर इस महत्वपूर्ण प्राकृतिक धरोहर को नष्ट कर रही हैं। यह आंदोलन अरावली के महत्व और उसके संरक्षण की तात्कालिक। आवश्यकता को उजागर करने के लिए शुरू किया गया है।

खनन की नई परिभाषा पर गहरा विरोध

इस आंदोलन का एक प्रमुख मुद्दा अरावली में खनन की नई परिभाषा है, जिसके तहत 100 मीटर तक की पहाड़ियों को खनन योग्य माना गया है और कांग्रेस ने इस नीति का कड़ा विरोध किया है, यह आशंका जताते हुए कि इससे पर्यावरण को भारी और अपरिवर्तनीय नुकसान पहुंचेगा। कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह नई परिभाषा खनन गतिविधियों को और तेज करेगी, जिससे क्षेत्र का पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ जाएगा और जल स्तर में गिरावट आएगी, जिसका सीधा असर स्थानीय आबादी और कृषि पर पड़ेगा। डीडवाना जिले में कांग्रेस कमेटी ने अरावली बचाओ अभियान के तहत एक विशाल पैदल मार्च निकाला।

यह मार्च हॉस्पिटल चौराहे से शुरू होकर जिला कलेक्ट्रेट तक पहुंचा और पूर्व विधायक चेतन डूडी के आवास से शुरू हुए इस मार्च में जिलेभर से कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। उन्होंने अरावली की रक्षा के नारे लगाए और सरकार की खनन नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए और चेतन डूडी ने इस अवसर पर कहा कि खनन की नई परिभाषा से खनन गतिविधियां बेतहाशा बढ़ेंगी, जिससे जल स्तर में भारी गिरावट आएगी और भविष्य की पीढ़ियों का जीवन प्रभावित होगा। उन्होंने अरावली को क्षेत्र की जीवन रेखा बताते हुए पर्यावरण संतुलन बनाए रखने की पुरजोर अपील की। मार्च के दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर। नारेबाजी की और उन पर खनन माफियाओं से सांठगांठ का आरोप लगाया।

बूंदी में सनातन संस्कृति से जुड़ा अभियान

बूंदी जिले में कांग्रेस ने अरावली बचाओ अभियान के साथ-साथ मनरेगा का नाम बदलने के विरोध में भी प्रदर्शन किया। इस पैदल मार्च में बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। कांग्रेस नेता प्रह्लाद गुंजल ने अपने संबोधन में कहा कि अरावली हमारे जीवन, पर्यावरण और संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने इसे बचाना राजनीति से ऊपर एक नैतिक दायित्व बताया और गुंजल ने सनातन परंपरा का जिक्र करते हुए कहा कि सच्चा सनातनी वही है जो प्रकृति की रक्षा करता है, न कि केवल नारे लगाने से कोई सनातनी बनता है। मार्च में प्रदर्शनकारियों ने अरावली को जीवनरेखा बताया और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए उसके खिलाफ नारेबाजी की। यह प्रदर्शन अरावली के पर्यावरणीय महत्व को सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों से जोड़कर प्रस्तुत करने का एक प्रयास था।

डूंगरपुर में जन जागरण की पदयात्रा

डूंगरपुर जिले में कांग्रेस ने अरावली बचाओ जन-आंदोलन के तहत शहर में एक प्रभावशाली पदयात्रा निकाली। विधायक गणेश घोघरा और जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में यह यात्रा नया बस स्टैंड से शुरू हुई और कलेक्ट्रेट पहुंचकर एक धरने में बदल गई और इस आंदोलन में पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा, पूर्व विधायक सुरेंद्र बामनिया, भरत नागदा और नरेंद्र खोड़निया जैसे कई प्रमुख नेता शामिल हुए। कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और अरावली की नई खनन परिभाषा को तत्काल वापस लेने की मांग की और उन्होंने चेतावनी दी कि खनन से पर्यावरण बुरी तरह बिगड़ेगा और स्थानीय लोगों का जीवन और आजीविका प्रभावित होगी। यह पदयात्रा स्थानीय समुदाय को अरावली के संरक्षण के महत्व के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।

झुंझुनू में बैनरों से सजा मार्च

झुंझुनू जिले में कांग्रेस ने विद्यार्थी भवन से कलेक्ट्रेट तक एक विशाल पैदल मार्च निकाला। जिला अध्यक्ष और मंडावा विधायक रीटा चौधरी के नेतृत्व में यह आंदोलन चला। कार्यकर्ताओं ने हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर अरावली बचाने के नारे लगाए, जिससे पूरे शहर में एक मजबूत संदेश गया। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह अरावली को खनन माफियाओं के हवाले कर रही है, जिससे इस महत्वपूर्ण पर्वत श्रृंखला का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। यह मार्च गांधी चौक और रोड नंबर-1 से गुजरा, जहां प्रदर्शनकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों का कड़ा विरोध किया और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य जन जागरण फैलाना और अरावली संरक्षण के मुद्दे पर जनता का ध्यान आकर्षित करना था।

नागौर में सीमित लेकिन सशक्त प्रदर्शन

नागौर जिला मुख्यालय पर कांग्रेस कार्यालय से गांधी चौक तक लगभग दो किलोमीटर का पैदल मार्च निकाला गया। इस मार्च में कार्यकर्ता कांग्रेस के झंडे और 'सेव अरावली' की तख्तियां लेकर चले और जिलाध्यक्ष हनुमान बांगड़ा और पूर्व मंत्री मंजू मेघवाल ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया। हालांकि, अन्य जिलों की तुलना में यहां कम संख्या में लोग आए, जिससे यह प्रदर्शन कुछ हद तक 'खानापूर्ति' जैसा प्रतीत हुआ, लेकिन अरावली संरक्षण के प्रति अभियान की भावना और प्रतिबद्धता मजबूत बनी रही। यह प्रदर्शन भी प्रदेश भर में कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे अरावली बचाओ अभियान का एक हिस्सा था, जिसमें अरावली के संरक्षण की मांग जोरदार तरीके से उठाई गई।

करौली में पर्यावरण संतुलन की पुकार

करौली जिले में कांग्रेस ने मासलपुर मोड़ से सिटी पार्क तक एक पैदल मार्च निकाला। जिला कमेटी के तत्वावधान में आयोजित यह जन-जागरण रैली थी, जिसमें। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सरकारों पर खनन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन नीतियों के कारण पर्यावरण संतुलन और प्रदेश की पहचान खतरे में है और मार्च में अरावली संरक्षण की मांग जोरदार तरीके से उठाई गई और केंद्र तथा राज्य सरकारों के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। कार्यकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि अरावली का विनाश न केवल पारिस्थितिक आपदा लाएगा, बल्कि राजस्थान की प्राकृतिक सुंदरता और विरासत को भी मिटा देगा। यह प्रदर्शन अरावली के पर्यावरणीय महत्व और उसके संरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डालने के लिए किया गया था।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।