Russia Earthquake: इन 12 देशों पर रूस में भूकंप के बाद मंडरा रहा है सुनामी का खतरा? यहां देखें लिस्ट

Russia Earthquake - इन 12 देशों पर रूस में भूकंप के बाद मंडरा रहा है सुनामी का खतरा? यहां देखें लिस्ट
| Updated on: 30-Jul-2025 02:27 PM IST

Russia Earthquake: 30 जुलाई 2025 को रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आए 8.8 तीव्रता के भीषण भूकंप ने न केवल रूस बल्कि पूरे प्रशांत क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। यह भूकंप, जो भारतीय समयानुसार सुबह 4:54 बजे आया, दुनिया का छठा सबसे बड़ा भूकंप माना जा रहा है। इसकी तीव्रता इतनी अधिक थी कि प्रशांत महासागर में सुनामी की लहरें उठने लगीं, जिसके बाद कई देशों में सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया गया। यह स्थिति 2011 में जापान में आए 9.1 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद की विनाशकारी सुनामी की याद दिला रही है, जिसने 15,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी। आइए, जानते हैं उन देशों और क्षेत्रों के बारे में, जहां सुनामी का खतरा मंडरा रहा है और इसका क्या असर हो सकता है।

सुनामी की लहरें शुरू, तटीय इलाकों में दहशत

रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आए इस भूकंप का केंद्र समुद्र के नीचे लगभग 19.3 किलोमीटर की गहराई पर था, जिसके कारण सुनामी की लहरें उत्पन्न हुईं। रूस के कुरील्स्क शहर में 15 फीट तक ऊंची लहरें देखी गईं, जबकि जापान और अमेरिका के तटीय इलाकों में भी लहरें पहुंचने लगी हैं। हवाई में सुनामी की लहरें तटों से टकरा रही हैं, और हालांकि अभी इनकी ऊंचाई कम है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह बड़े खतरे का संकेत हो सकता है। हवाई के तटीय इलाकों को खाली कराया जा चुका है, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।

जापान में भी स्थिति गंभीर है। जापान की मौसम एजेंसी ने होक्काइडो, होन्शू, शिकोको, और क्यूशू के लिए सुनामी चेतावनी और एडवाइजरी जारी की है। फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट, जो 2011 की सुनामी में बुरी तरह प्रभावित हुआ था, को एहतियातन खाली कराया गया है। जापान में करीब 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है, और लोगों से समुद्र तटों और नदियों के किनारों से दूर रहने की अपील की गई है।

किन देशों पर मंडरा रहा है सुनामी का खतरा?

इस भूकंप के बाद प्रशांत महासागर से सटे कई देशों में सुनामी का खतरा बढ़ गया है। प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र के अनुसार, रूस, जापान, अमेरिका, कनाडा, इक्वाडोर, पेरू, मेक्सिको, न्यूजीलैंड, चीन, फिलीपींस, ताइवान, और इंडोनेशिया में सुनामी की लहरें पहुंच सकती हैं। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया, कोलंबिया, टोंगा, समोआ, गुआम, और मार्शल आइलैंड्स जैसे देशों में भी 1 से 3 मीटर ऊंची लहरों की आशंका जताई गई है।

  • रूस: कामचटका प्रायद्वीप के तटीय इलाकों में 4 मीटर तक ऊंची सुनामी लहरें देखी गई हैं। यह भूकंप 1952 के बाद इस क्षेत्र में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप है।

  • जापान: जापान के पूर्वी तट, विशेष रूप से होक्काइडो और होन्शू, में सुनामी की लहरें टकरा रही हैं। जापान की स्थिति इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि यह 'पैसिफिक रिंग ऑफ फायर' पर स्थित है, जो भूकंप और सुनामी के लिए अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है।

  • अमेरिका: हवाई, अलास्का, और कैलिफोर्निया सहित पश्चिमी तट के राज्यों में सुनामी का अलर्ट जारी है। कैलिफोर्निया में 3.90 करोड़ की आबादी पर असर पड़ सकता है, जबकि हवाई की 15 लाख और अलास्का की 7.5 लाख आबादी खतरे में है।

  • कनाडा, इक्वाडोर, पेरू, मेक्सिको: इन देशों में भी तटीय इलाकों से लोगों को हटाया जा रहा है। पेरू और इक्वाडोर के गैलापागोस द्वीपों में भी चेतावनी जारी की गई है।

  • चीन, फिलीपींस, ताइवान, इंडोनेशिया: इन देशों में हल्की से मध्यम लहरों की आशंका है, लेकिन प्रशासन ने एहतियातन अलर्ट जारी किया है।

  • न्यूजीलैंड: न्यूजीलैंड में फिलहाल सुनामी का खतरा कम है, लेकिन सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

अमेरिका पर संभावित प्रभाव

अमेरिका में सुनामी का खतरा सबसे ज्यादा हवाई, अलास्का, और कैलिफोर्निया जैसे तटीय राज्यों में है। यूएस सुनामी चेतावनी केंद्र ने अगले कुछ घंटों में खतरनाक लहरों की चेतावनी दी है। कैलिफोर्निया में 3.90 करोड़, हवाई में 15 लाख, और अलास्का में 7.5 लाख लोगों पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, वाशिंगटन, ओरेगन, टेक्सास, न्यू मैक्सिको, एरिजोना, और लुइसियाना जैसे राज्यों में भी सुनामी का खतरा मंडरा रहा है। तटीय इलाकों में रहने वाले करीब 10 करोड़ लोग इस आपदा से प्रभावित हो सकते हैं। अमेरिकी प्रशासन ने लोगों से ऊंचे स्थानों पर जाने और समुद्र तटों से दूर रहने की अपील की है।

जापान में स्थिति गंभीर

जापान में सुनामी की लहरें पूर्वी तट से टकरा रही हैं, और प्रशांत महासागर में 1 से 3 मीटर ऊंची लहरें देखी जा रही हैं। जापान की मौसम एजेंसी ने चेतावनी दी है कि सुनामी बार-बार आ सकती है, इसलिए जब तक चेतावनी वापस नहीं ली जाती, लोग समुद्र या नदियों के किनारे न जाएं। फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को खाली कराया गया है, क्योंकि 2011 की सुनामी ने वहां भारी तबाही मचाई थी। होक्काइडो से क्यूशू तक के तटीय इलाकों में अलर्ट जारी है, और करीब 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।

ऐतिहासिक संदर्भ और भविष्य की आशंका

कामचटका प्रायद्वीप पहले भी बड़े भूकंपों का केंद्र रहा है। 1952 में यहां 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसने हवाई में भारी नुकसान पहुंचाया था। इस बार का 8.8 तीव्रता का भूकंप भी उसी स्तर का खतरा पैदा कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि उथले केंद्र (19.3 किमी) के कारण इस भूकंप का प्रभाव व्यापक हो सकता है। टोक्यो विश्वविद्यालय के भूकंपविज्ञानी शिनिची सकाई ने कहा कि उथले भूकंप दूरस्थ क्षेत्रों में भी सुनामी का कारण बन सकते हैं।

भारत पर प्रभाव

भारत में अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भी इस भूकंप के बाद हल्के झटके महसूस किए गए हैं, और सुनामी की आशंका को देखते हुए सरकार अलर्ट मोड पर है। सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए सलाह जारी की है।

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