Asaram Bapu: आसाराम को रेप केस में हुई उम्रकैद की सजा, सूरत की महिला से किया था दुष्कर्म

Asaram Bapu - आसाराम को रेप केस में हुई उम्रकैद की सजा, सूरत की महिला से किया था दुष्कर्म
| Updated on: 31-Jan-2023 04:10 PM IST
Asaram Bapu: सूरत की एक महिला से रेप के मामले में आसाराम को मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। गुजरात के गांधीनगर सेशन कोर्ट ने आसाराम को सोमवार को दोषी करार दिया था। इससे पहले जोधपुर कोर्ट ने 25 अप्रैल, 2018 को आसाराम को यूपी की एक नाबालिग से रेप के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सोमवार को कोर्ट में आसाराम की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई।

इस केस में आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य आरोपी थे। कोर्ट ने आसाराम को दोषी माना। आरोपियों में से एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। कोर्ट ने बाकी पांच आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

2013 में केस दर्ज हुआ था करीब 10 साल पहले आसाराम पर सूरत की एक महिला ने अहमदाबाद के मोटेरा स्थित उसके आश्रम में बार-बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। इस मामले में अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में FIR दर्ज हुई थी। FIR के मुताबिक, महिला के साथ अहमदाबाद शहर के बाहर बने आश्रम में कई 2001 से 2006 के बीच कई बार दुष्कर्म किया गया था। महिला तब आसाराम के आश्रम में रह रही थी।मामले में पुलिस ने जुलाई 2014 में चार्जशीट दाखिल की थी।

पीड़ित महिला की छोटी बहन ने आसाराम के बेटे पर लगाया था रेप का केस

दो बहनों में से छोटी ने आसाराम के बेटे नारायण साईं और बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज कराई थी। बड़ी बहन की शिकायत गांधीनगर ट्रांसफर होने के कारण आसाराम पर गांधीनगर में मुकदमा चला, जिसमें सोमवार को कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार दिया है। सरकारी वकील आरसी कोडेकर और सुनील पंड्या ने कहा कि हम अदालत में प्रयास करेंगे कि इस केस के दोषियों को अधिकतम सजा मिले।

आसाराम का आदमी महिला को आश्रम ले गया था

पीड़ित महिला की शिकायत में कहा गया था कि आसाराम ने उसे गुरुपूर्णिमा आने पर स्पीकर के रूप में चुने जाने के लिए कहा था और बाद में स्पीकर के रूप में चुना। इसके बाद आसाराम के फार्म हाउस शांतिवाटिका में बुलाया गया। आश्रम का ही एक अन्य व्यक्ति उसे आसाराम के फार्म हाउस ले गया। वहां आसाराम ने हाथ-पैर धोकर उसे कमरे के अंदर बुलाया और बाद में एक कटोरी घी मंगवाकर उसके सिर की मालिश की।

मालिश करने के दौरान आसाराम ने पीड़ित महिला के साथ जबरदस्ती शुरू कर दी। आसाराम ने कहा- जितना जल्द समर्पण करोगी उतना आगे बढ़ोगी। जिस पर महिला ने वहां से भागने की कोशिश की। दुष्कर्म करने के बाद उसने अननेचुरल सेक्स भी किया। इसके बाद धमकी देकर वहां से चले जाने को कहा।

गवाहों पर लगातार होते रहे जानलेवा हमले

28 फरवरी, 2014 को सूरत की दो पीड़ित बहनों में से एक के पति पर घातक हमला किया गया था। इसके 15 दिन बाद आसाराम के वीडियोग्राफर राकेश पटेल पर भी जानलेवा हमला किया गया। हमले के कुछ दिनों बाद सूरत के एक कपड़ा बाजार में गवाह दिनेश भगनानी पर तेजाब फेंक दिया गया। ये तीनों गवाह उन हमले में बच गए थे। 23 मार्च 2014 को एक गवाह अमृत प्रजापति को गोली मार दी गई। 17 दिनों के इलाज के बाद अमृत की मौत हो गई थी।

एक गवाह पर कोर्ट में ही हुआ हमला

जनवरी 2015 में एक अन्य गवाह अखिल गुप्ता की मुजफ्फरनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एक महीने बाद, आसाराम के निजी सहायक के रूप में काम करने वाले राहुल सचान पर हमला किया गया। जोधपुर कोर्ट में गवाही देने पहुंचे राहुल पर कोर्ट परिसर में जानलेवा हमला किया गया। राहुल सचान हमले में बच गए, लेकिन 25 नवंबर 2015 को लापता हो गए और तब से उनका कोई पता नहीं चला है।

गवाहों पर हमलों का सिलसिला जारी रहा और 13 मई 2015 को पानीपत में महेंद्र चावला पर हमला किया गया। हालांकि, हमले में महेंद्र की जान बच गई थी। इसके तीन महीने बाद एक अन्य गवाह 35 वर्षीय कृपाल सिंह की जोधपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कृपाल सिंह ने जोधपुर कोर्ट में पीड़िता के पक्ष में गवाही दी थी।

आशुमल की जगह नाम रखा आसाराम

असली नाम आशुमल हरपलानी है। उसका जन्म अप्रैल 1941 में सिंध, पाकिस्तान के बेरानी गांव में हुआ था। 1947 के विभाजन के बाद परिवार अहमदाबाद में बस गया था। 1960 के दशक में आसाराम ने लीलाशाह को अपना गुरु बनाया था। आसाराम ने दावा किया कि गुरु ने उसे आसुमल की जगह आसाराम नाम दिया है। 1972 में आसाराम ने अहमदाबाद से दस किलोमीटर दूर मोटेरा गांव के पास साबरमती नदी के किनारे अपनी छोटी सी झोपड़ी बनाई। आसाराम के भक्तों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी और गुजरात के कई शहरों और देश के विभिन्न राज्यों में भी उसके आश्रम खुलने लगे।

दो-तीन दशक में आश्रमों का साम्राज्य खड़ा कर दिया

शुरुआत में आसाराम ने अपने 'व्याख्यान, देशी औषधि और भजन-कीर्तन' से गुजरात के गांवों के गरीब, पिछड़े और आदिवासी लोगों को आकर्षित किया। बाद में धीरे-धीरे इसका प्रभाव गुजरात के शहरी क्षेत्रों के मध्यम वर्ग में भी बढ़ने लगा। शुरुआती वर्षों में आसाराम के व्याख्यानों के बाद प्रसाद के नाम पर मुफ्त भोजन दिया जाता था। दो-तीन दशकों में आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं ने मिलकर देश-विदेश में 400 आश्रमों का साम्राज्य खड़ा कर लिया था।

जैसे-जैसे आश्रमों और अनुयायियों की संख्या बढ़ती गई, आसाराम की संपत्ति बढ़ने लगी। उनके पास करीब 10 हजार करोड़ की संपत्ति बताई गई थी। आसाराम द्वारा जमा की गई संपत्ति की जांच केंद्रीय और गुजरात कर विभाग और ईडी ने भी की थी। साथ ही जांच एजेंसियों ने जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाए गए आश्रमों की भी जांच की।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।