Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या किले में तब्दील: पीएम मोदी के धर्म ध्वज स्थापना दौरे से पहले सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त

Ayodhya Ram Mandir - अयोध्या किले में तब्दील: पीएम मोदी के धर्म ध्वज स्थापना दौरे से पहले सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
| Updated on: 24-Nov-2025 10:28 PM IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या दौरे के मद्देनजर, जहां वे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराएंगे, पूरे शहर और विशेष रूप से मंदिर परिसर को अभूतपूर्व सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है और अयोध्या को एक तरह से किले में तब्दील कर दिया गया है, ताकि इस ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण अवसर पर किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सीधे निर्देश पर, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए। व्यापक पुलिस बल और विभिन्न विशेष सुरक्षा इकाइयों को तैनात किया गया है।

सुरक्षा व्यवस्था का व्यापक खाका

सुरक्षा योजना का खाका अत्यंत विस्तृत और समन्वित है, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों। से लेकर जमीनी स्तर की टीमों तक का प्रबंधन सुनिश्चित किया गया है। आधिकारिक बयान के अनुसार, रणनीतिक नेतृत्व के लिए उच्च अधिकारियों को तैनात किया गया है, जिनमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, क्षेत्रीय अधिकारी और निरीक्षकों की एक बड़ी संख्या शामिल है। यह सुनिश्चित किया गया है कि हर संवेदनशील बिंदु पर पर्याप्त और प्रशिक्षित कर्मी मौजूद रहें। सुरक्षा का यह स्तर प्रधानमंत्री की उपस्थिति और मंगलवार को अयोध्या में भारी संख्या में वीवीआईपी की मौजूदगी को देखते हुए आवश्यक है।

विशाल पुलिस बल की तैनाती

सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस बल की तैनाती का आंकड़ा प्रभावशाली है। कुल 30 पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी, 90 पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी, 242 उपनिरीक्षक, 1060 पुरुष निरीक्षक और 80 महिला उपनिरीक्षक ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 3090 पुरुष हेड कांस्टेबल और 448 महिला हेड कांस्टेबल भी सुरक्षा घेरे का हिस्सा हैं। यातायात प्रबंधन को सुचारु बनाए रखने के लिए 800 से अधिक यातायात विभाग के कर्मी भी अपनी सेवाएं देंगे, ताकि प्रधानमंत्री के काफिले। और अन्य वीवीआईपी आवाजाही के दौरान किसी भी प्रकार की बाधा न आए और आम जनता को भी कम से कम असुविधा हो।

विशेष सुरक्षा इकाइयों का सक्रिय योगदान

सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए कई विशेष सुरक्षा इकाइयों को भी तैनात किया गया है। इनमें बम खोजी दस्ता (बीडीएस), श्वान दस्ता, वीवीआईपी सुरक्षा निरीक्षण दल,। यातायात प्रबंधन इकाई, अग्निशमन इकाई और त्वरित प्रतिक्रिया बल शामिल हैं। इन इकाइयों को अयोध्या के विभिन्न संवेदनशील बिंदुओं पर रणनीतिक रूप से तैनात किया गया है। इनका मुख्य कार्य भीड़ नियंत्रण, संदिग्ध गतिविधियों की तलाशी और जांच करना, तथा किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देना है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मंदिर परिसर और उसके आसपास का क्षेत्र पूरी तरह से सुरक्षित रहे।

आधुनिक तकनीक और विशिष्ट बल

सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए आधुनिक तकनीक और विशिष्ट बलों का भी सहारा लिया जा रहा है। बीडीएस यूनिट के साथ-साथ एक्स-रे जांच मशीनें, सीसीटीवी कैमरे, विशेष सुरक्षा वैन, गश्ती इकाइयां और एंबुलेंस इकाइयां भी उपलब्ध कराई गई हैं। ये सभी उपकरण और वाहन किसी भी संभावित खतरे का पता लगाने और उससे निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। स्थानीय पुलिस के अलावा, आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के कमांडो की विशेष टीम, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की स्नाइपर यूनिट और एक एंटी-ड्रोन यूनिट भी सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए तैनात की गई है। यह तैनाती हवाई खतरों और किसी भी प्रकार के ड्रोन हमले से निपटने के लिए की गई है, जिससे प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

प्रधानमंत्री के दौरे का महत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। धर्म ध्वज की स्थापना न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह मंदिर निर्माण की प्रगति और देश की सांस्कृतिक विरासत के पुनरुत्थान का भी प्रतीक है। ऐसे महत्वपूर्ण अवसर पर, सुरक्षा व्यवस्था का इतना व्यापक और बहुस्तरीय होना स्वाभाविक है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समारोह शांतिपूर्ण और सफल ढंग से संपन्न हो। अयोध्या का यह परिवर्तन, एक धार्मिक नगरी से एक अभेद्य। किले में, इस आयोजन की गंभीरता और महत्व को दर्शाता है।

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