US Doubles Visa Fees: भारतीयों के लिए बुरी खबर! ट्रंप ने बढ़ाई अमेरिका वीजा फीस, US जाना होगा और भी मुश्किल

US Doubles Visa Fees - भारतीयों के लिए बुरी खबर! ट्रंप ने बढ़ाई अमेरिका वीजा फीस, US जाना होगा और भी मुश्किल
| Updated on: 13-Jul-2025 04:40 PM IST

US Doubles Visa Fees: अमेरिका की सैर करने, पढ़ाई करने या काम करने का सपना देख रहे भारतीयों के लिए बुरी खबर है। जल्द ही आपको वीजा के लिए जेब और ढीली करनी पड़ सकती है, क्योंकि वीजा फीस में दोगुने से भी ज्यादा की बढ़ोतरी होने वाली है। अमेरिका ने एक नई वीजा इंटीग्रिटी फी लागू करने का ऐलान किया है, जो 2026 से आपकी जेब पर भारी पड़ सकती है। यह फीस पर्यटकों, छात्रों, बिजनेस ट्रैवलर्स और टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल्स समेत लगभग सभी गैर-आप्रवासी वीजा धारकों पर लागू होगी।

क्या है वीजा इंटीग्रिटी फी?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 4 जुलाई 2025 को वन बिग ब्यूटीफुल बिल नाम के एक बड़े कानून पर दस्तखत किए, जिसमें इस नई वीजा इंटीग्रिटी फी का जिक्र है। इस कानून के तहत हर गैर-आप्रवासी वीजा के लिए 250 डॉलर (लगभग 21,400 रुपये) की अतिरिक्त फीस देनी होगी। यह फीस एक तरह का सिक्योरिटी डिपॉजिट है, जो वीजा मिलने के समय चुकाना होगा। खास बात यह है कि यह रकम हर साल कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) के आधार पर बढ़ेगी, यानी हर साल जेब पर बोझ और बढ़ेगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह फीस बी1/बी2 (पर्यटक/बिजनेस), एफ/एम (छात्र), एच1बी (वर्क) और जे (एक्सचेंज) जैसे तमाम गैर-आप्रवासी वीजा पर लागू होगी। सिर्फ डिप्लोमैटिक वीजा (ए और जी कैटेगरी) वाले ही इस फीस से बच पाएंगे।

कितना बढ़ेगा खर्च?

वर्तमान में एक बी1/बी2 वीजा की फीस करीब 185 डॉलर (लगभग 16,000 रुपये) है। लेकिन नई वीजा इंटीग्रिटी फी के बाद यह खर्च बढ़कर करीब 472 डॉलर (लगभग 40,456 रुपये) हो जाएगा। यानी मौजूदा फीस से ढाई गुना ज्यादा! इसमें 250 डॉलर की वीजा इंटीग्रिटी फी के अलावा 24 डॉलर की आई-94 फी और 13 डॉलर की ईएसटीए फी भी शामिल है। हैदराबाद ओवरसीज कंसल्टेंट्स के संजीव राय के मुताबिक, नए शुल्क के साथ भारतीयों को बी1/बी2 वीजा के लिए करीब 37,500 रुपये खर्च करने होंगे।

हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और सटीक राशि भी स्पष्ट नहीं है। लेकिन इतना तय है कि यह बढ़ोतरी भारतीय यात्रियों, खासकर छात्रों और प्रोफेशनल्स के लिए बड़ा झटका होगी।

कब से लागू होगी ये फीस?

संजीव राय के अनुसार, नई वीजा फी का नियम जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। इसका मतलब है कि अगर आप अगले साल अमेरिका जाने की सोच रहे हैं, तो आपको पहले से ज्यादा बजट तैयार रखना होगा। यह फीस अमेरिका के गृह मंत्रालय (डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी) वसूलेगा और इसे हर साल सीपीआई के आधार पर बढ़ाया जाएगा।

क्या है रिफंड का नियम?

रिपोर्ट्स के अनुसार, यह वीजा इंटीग्रिटी फी एक सिक्योरिटी डिपॉजिट की तरह काम करेगी, जिसे कुछ शर्तों के साथ वापस पाया जा सकता है। अगर आप अपने वीजा की अवधि खत्म होने के पांच दिन के अंदर अमेरिका छोड़ देते हैं और न तो वीजा एक्सटेंशन मांगते हैं और न ही स्टेटस में बदलाव करते हैं, तो आप इस फीस को रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं। लेकिन ये शर्तें काफी सख्त हैं, खासकर छात्रों और प्रोफेशनल्स के लिए, जिनके वीजा की अवधि कई साल की हो सकती है। ऐसे में उनकी रकम लंबे समय तक फंसी रह सकती है।

भारतीयों पर क्या होगा असर?

इस फीस बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा असर भारतीय छात्रों, पर्यटकों और टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल्स पर पड़ेगा। भारत से हर साल लाखों लोग पर्यटन, पढ़ाई और काम के लिए अमेरिका जाते हैं। लेकिन अब वीजा की लागत बढ़ने से उनके लिए यह सपना और महंगा हो जाएगा। खासकर छात्रों के लिए, जो पहले से ही ट्यूशन फी और रहने के खर्च का बोझ उठाते हैं, यह अतिरिक्त फी किसी बड़े झटके से कम नहीं।

कई लोग अब यूरोप, कनाडा या ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की ओर रुख कर सकते हैं, जहां वीजा फी कम और प्रक्रिया आसान है। आव्रजन सलाहकारों का कहना है कि लोग 2025 के आखिर तक वीजा अप्लाई करने की जल्दी कर सकते हैं, ताकि नई फी से बच सकें। इससे वीजा अपॉइंटमेंट्स में भीड़ और देरी बढ़ सकती है।

क्यों लाई गई ये फी?

अमेरिका का कहना है कि यह वीजा इंटीग्रिटी फी वीजा नियमों का पालन सुनिश्चित करने और अवैध प्रवास को रोकने के लिए लाई गई है। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि यह फी लोगों को वीजा शर्तों का उल्लंघन करने से रोकेगी। हालांकि, कई विशेषज्ञों का कहना है कि यह फी आम यात्रियों, खासकर भारत जैसे विकासशील देशों के लोगों के लिए भारी पड़ सकती है और वैध यात्रा को भी हतोत्साहित कर सकती है।

क्या करें भारतीय आवेदक?

  • जल्दी अप्लाई करें: अगर आप 2025 में अमेरिका जाने की योजना बना रहे हैं, तो इस साल के अंत तक वीजा के लिए आवेदन करें, ताकि नई फी से बच सकें।

  • बजट बढ़ाएं: 2026 से लागू होने वाली फी के लिए पहले से ही बजट तैयार रखें।

  • वैकल्पिक देशों पर विचार करें: अगर अमेरिका का खर्च ज्यादा लगे, तो यूरोप या कनाडा जैसे देशों के विकल्प तलाशें।

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