Bangladesh Violence: बांग्लादेश में बवाल जारी: बैरिकेड्स तोड़कर संसद भवन में घुसे प्रदर्शनकारी, यूनुस सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम

Bangladesh Violence - बांग्लादेश में बवाल जारी: बैरिकेड्स तोड़कर संसद भवन में घुसे प्रदर्शनकारी, यूनुस सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम
| Updated on: 21-Dec-2025 08:14 AM IST
बांग्लादेश में इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद से देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। राजधानी ढाका में हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं, जहां प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़कर संसद भवन में घुसने का प्रयास किया और यह घटना हादी को सुपुर्द-ए-खाक किए जाने के तुरंत बाद हुई, जिसने पहले से ही उग्र भीड़ को और भड़का दिया।

शरीफ उस्मान हादी की मौत और उसके बाद की हिंसा

शरीफ उस्मान हादी, जो इंकलाब मंच के एक प्रमुख प्रवक्ता थे, को 12 दिसंबर को सेंट्रल ढाका के बिजोयनगर इलाके में एक चुनावी कैंपेन के दौरान नकाबपोश बंदूकधारियों ने सिर में गोली मार दी थी और गुरुवार को सिंगापुर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई, जिसके बाद पूरे बांग्लादेश में आक्रोश फैल गया। उनकी मौत ने देश की राजनीतिक अस्थिरता को और बढ़ा दिया है, और उनके समर्थकों ने न्याय की मांग में सड़कों पर उतरकर हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। हादी के नमाज-ए-जनाजा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, और उन्हें। राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम की कब्र के बगल में दफनाया गया।

यूनुस सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम

हादी के समर्थकों ने यूनुस सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि इस अवधि के भीतर हादी के सभी हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो एक बड़ा और व्यापक आंदोलन शुरू किया जाएगा। इंकलाब मंच से जुड़े हादी के करीबी सहयोगी अब्दुल्ल अल जबेर ने सरकार से अगले 24 घंटों में सार्वजनिक रूप से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि हादी की हत्या के लिए कौन जिम्मेदार है, अब तक क्या जांच हुई है और गिरफ्तारी के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। जबेर ने जोर देकर कहा कि यदि सरकार इन मांगों को पूरा नहीं करती है, तो वे चुप नहीं बैठेंगे और देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संसद भवन में प्रदर्शनकारियों का प्रवेश

हादी को सुपुर्द-ए-खाक किए जाने के बाद, आक्रोशित भीड़ ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और संसद भवन में घुस गई। यह घटना बांग्लादेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति को दर्शाती है। प्रदर्शनकारियों का यह कदम सरकार पर दबाव बनाने और हादी की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को तुरंत न्याय के कटघरे में लाने के लिए था। राजधानी ढाका में बड़े पैमाने पर हिंसक विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

चुनाव टालने के आरोप और राजनीतिक अस्थिरता

पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी ने हादी को कट्टरपंथी बताते हुए यूनुस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। चौधरी का कहना है कि यूनुस सरकार हिंसा भड़काकर फरवरी 2026 में होने वाले आगामी चुनावों को टालना चाहती है। हालांकि, यूनुस सरकार ने हिंसा की निंदा की है और हत्यारों को सजा दिलाने का वादा किया है और विशेषज्ञों का मानना है कि हादी की मौत और उसके बाद की हिंसा बांग्लादेश में फरवरी 2026 के चुनाव से पहले नई अस्थिरता पैदा कर सकती है, जिससे देश का राजनीतिक परिदृश्य और अधिक जटिल हो सकता है।

भारतीय सहायक उच्चायोग कार्यालय पर सुरक्षा बढ़ाई गई

बांग्लादेश में शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बढ़े तनाव को देखते हुए,। भारतीय सहायक उच्चायोग कार्यालय और वीजा आवेदन केंद्र पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार के अनुसार, सिलहट मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अतिरिक्त उपायुक्त (मीडिया) सैफुल इस्लाम ने बताया कि सुरक्षा के कड़े उपाय इसलिए किए गए हैं ताकि कोई तीसरा पक्ष इस संवेदनशील स्थिति का फायदा न उठा सके और किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। यह कदम क्षेत्र में भारतीय हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

शाहबाग चौराहे से प्रदर्शनकारियों का हटना

शेख हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में एक अहम नेता रहे उस्मान हादी की मौत। के बाद, प्रदर्शनकारियों ने शाहबाग चौराहे के आसपास की सड़कों को ब्लॉक कर दिया था। यह चौराहा ढाका में विरोध प्रदर्शनों का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। हालांकि, हादी को सुपुर्द-ए-खाक किए जाने के बाद, प्रदर्शनकारियों ने शाहबाग चौराहे के आसपास का इलाका खाली कर। दिया है, लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है और आगे बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

अल्पसंख्यकों पर हमले और सिलीगुड़ी में विरोध प्रदर्शन

बांग्लादेश में हिंसा के दौरान अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की खबरें भी सामने आई हैं। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में लोगों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। इस बीच, 27 साल के हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की बेरहमी से हत्या के मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने इस मामले में सात संदिग्धों को पकड़ा है, जबकि पुलिस ने तीन अन्य को गिरफ्तार किया है। अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले देश में मानवाधिकारों की स्थिति पर गंभीर। सवाल खड़े करते हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ा रहे हैं। इन घटनाओं ने देश के सामाजिक ताने-बाने पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला है।

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