Delhi Election 2025: यमुना में अमोनिया पर संग्राम... चुनाव आयोग से सीएम आतिशी ने की शिकायत
Delhi Election 2025 - यमुना में अमोनिया पर संग्राम... चुनाव आयोग से सीएम आतिशी ने की शिकायत
Delhi Election 2025: देश की राजधानी दिल्ली में चुनावी माहौल के बीच पानी विवाद ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। यमुना नदी में बढ़े अमोनिया के स्तर को लेकर दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) और हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं। इस विवाद ने राजनीति के नए मोर्चे खोल दिए हैं, जिसमें एक तरफ दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्री चुनाव आयोग तक पहुंच गए हैं, तो दूसरी तरफ हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में पलटवार किया है।
यमुना में अमोनिया विवाद: AAP का आरोप
आम आदमी पार्टी ने हरियाणा पर आरोप लगाया है कि उसने जानबूझकर यमुना नदी में प्रदूषण फैलाया है। पार्टी का कहना है कि हरियाणा से आने वाले पानी में अमोनिया का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ गया है, जिससे दिल्ली में पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है। मंगलवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई। AAP ने इसे साजिश करार दिया और कहा कि चुनावी माहौल में जनता को असुविधा पहुंचाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
हरियाणा का पलटवार: "AAP फैला रही है झूठ"
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आम आदमी पार्टी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। नरेला विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सैनी ने कहा कि केजरीवाल झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने कभी पानी की दिक्कत नहीं आने दी। यह वही पवित्र यमुना है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने कालिया नाग का संहार कर इसे शुद्ध किया था। लेकिन केजरीवाल ने अपनी राजनीति के लिए हरियाणा की पवित्र भूमि को भी कलंकित कर दिया।"सैनी ने चुनावी रैली के मंच से जनता को भरोसा दिलाया कि हरियाणा सरकार यमुना को स्वच्छ और साफ रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि AAP केवल चुनावी फायदा उठाने के लिए ऐसे आरोप लगा रही है।
चुनावी राजनीति में पानी बना हथियार
दिल्ली और हरियाणा के बीच पानी विवाद कोई नया नहीं है। लेकिन इस बार यह मुद्दा चुनावी राजनीति में अहम भूमिका निभा रहा है। आम आदमी पार्टी इस विवाद को जनता के बीच ले जाकर इसे हरियाणा सरकार की नाकामी बता रही है, जबकि हरियाणा सरकार इसे सियासी चाल कहकर खारिज कर रही है।विशेषज्ञों का कहना है कि यमुना में बढ़ते प्रदूषण का मुद्दा केवल एक राज्य की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक अंतरराज्यीय मुद्दा है, जिसे सुलझाने के लिए सभी पक्षों को मिलकर काम करना होगा। हालांकि, चुनावी माहौल में दोनों पार्टियों के बीच यह विवाद जल्द सुलझता नजर नहीं आ रहा।
क्या है समाधान?
यमुना नदी के प्रदूषण का मुद्दा केवल राजनीति तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यह समय की जरूरत है कि केंद्र सरकार, दिल्ली और हरियाणा मिलकर एक साझा योजना बनाएं। वैज्ञानिक और तकनीकी उपायों के जरिए नदी की सफाई और प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप से इतर, जनता को यह उम्मीद है कि यमुना जैसी जीवनदायिनी नदी को बचाने के लिए सत्ताधारी और विपक्षी दल मिलकर काम करेंगे। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह चुनावी राजनीति से ऊपर उठकर संभव होगा?