IPL 2024 : BCCI नहीं मानेगी ICC के ये नियम, आईपीएल में फील्डिंग टीम को फायदा

IPL 2024 - BCCI नहीं मानेगी ICC के ये नियम, आईपीएल में फील्डिंग टीम को फायदा
| Updated on: 21-Mar-2024 07:40 PM IST
IPL 2024: दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग का तमाशा फिर शुरू होने जा रहा है. पिछले 10 महीने से IPL के नए सीजन के शुरू होने का इंतजार कर रहे फैंस के लिए वो घड़ी बस आ ही गई. शुक्रवार 22 मार्च को चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम यानी चेपॉक स्टेडियम में मौजूदा चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टक्कर के साथ IPL 2024 सीजन का आगाज होगा. हर बार की तरह इस सीजन में भी कुछ नए खिलाड़ी अपना जलवा दिखाने के लिए बेकरार होंगे, जबकि एक नया चैंपियन मिलने की उम्मीद भी होगी. इन सबके अलावा एक नया नियम भी इस बार IPL में दिखेगा लेकिन ICC के दो नए नियमों को BCCI टूर्नामेंट में लागू नहीं कर रही है.

गेंदबाजों को मिलेगा फायदा

IPL के 17वें सीजन में 10 टीमों के बीच खिताब के लिए जंग होने वाली है. वैसे तो हर सीजन ही खास होता है लेकिन सही मायनों में इस बार का सीजन तेज गेंदबाजों के लिए कुछ ज्यादा खास होने वाला है. इस फॉर्मेट में छोटी-छोटी बाउंड्रियों वाले मैदानों में खूब मार खाने वाले गेंदबाजों की ताकत इस सीजन में बढ़ गई है क्योंकि भारतीय बोर्ड ने एक ओवर में 2 बाउंसर की इजाजत दी है. टी20 इंटरनेशनल से लेकर दुनिया के बाकी टी20 टूर्नामेंटों में ओवर में सिर्फ एक ही बाउंसर का नियम है.

बीसीसीआई ने घरेलू टी20 टूर्नामेंट, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के पिछले सीजन में पहली बार ये नियम लागू किया था और अब इसे IPL में भी उतारा जा रहा है. वैसे इंटरनेशनल क्रिकेट में टेस्ट और वनडे में ये नियम लागू है. भारतीय बोर्ड ने इसे दुनिया की सबसे मशहूर टी20 लीग में उतारने का फैसला किया है और यहां सफलता मिलने की स्थिति में इसे इंटरनेशनल टी20 में उतारने पर भी जोर दिया जा सकता है.

ICC के नियम नहीं मानेगी BCCI

हालांकि भारतीय बोर्ड उन 2 नियमों को लागू नहीं करने वाला, जिन्हें ICC ने हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट में लागू किया था. इसमें से एक नियम तो बिल्कुल नया है- स्टॉप क्लॉक. यानी दो ओवरों के बीच का समय. टी20 क्रिकेट में टाइम वेस्टिंग को रोकने के लिए ICC ने इसे लागू करने का फैसला किया है, जिसके तहत एक ओवर खत्म होने के बाद अगला ओवर शुरू करने के लिए सिर्फ 60 सेकेंड ही मिलेंगे. ऐसा नहीं होने पर फील्डिंग टीम को सजा मिलती है.

वहीं, दूसरा नियम नया नहीं है, बल्कि पुराने नियम में बदलाव है. अभी तक ऐसा होता था कि स्टंपिंग की स्थिति में थर्ड अंपायर कैच की संभावना को भी चेक करता था और फिर स्टंपिंग चेक करता था. लेकिन टीमें इसका गलत इस्तेमाल कर रही थीं, जिसके बाद ICC ने स्टंपिंग की स्थिति में कैच चेक करने पर रोक लगा दी थी. BCCI इससे सहमत नहीं है और उसने IPL में स्टंपिंग के साथ ही कैच चेक करने का नियम बरकरार रखा है. BCCI का मानना है कि इससे फील्डिंग टीम का नुकसान होने से बचेगा.

तेजी से आएंगे DRS के फैसले

इन सबके अलावा BCCI ने स्मार्ट रिप्ले सिस्टम भी इस बार शुरू किया है, जिसके तहत थर्ड अंपायर और हॉक-आई ऑपरेटर एक ही कमरे में बैठे होंगे और थर्ड अंपायर को सीधे हॉक-आई कैमरा की तस्वीरें दिखेंगी. इससे रिप्ले देखने और फैसला लेने में होने वाली देरी में कमी आएगी और तेज रफ्तार से किसी भी रेफरल या करीबी मामलों में फैसला ज्यादा स्पीड से आ पाएगा.

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