US News: राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले दुनियाभर के हिंदुओं के लिए बड़ी खुशखबरी

US News - राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले दुनियाभर के हिंदुओं के लिए बड़ी खुशखबरी
| Updated on: 09-Jan-2025 09:12 AM IST
US News: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले, वैश्विक हिंदू समुदाय के लिए एक बड़ी और गर्व भरी खबर सामने आई है। अमेरिका के ओहियो राज्य ने अक्टूबर को "हिंदू विरासत माह" के रूप में नामित किया है। यह ऐतिहासिक फैसला न केवल ओहियो में बसे भारतीय समुदाय के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है।

ओहियो के गवर्नर माइक डेविन का ऐतिहासिक कदम

ओहियो के गवर्नर माइक डेविन ने इस महत्वपूर्ण विधेयक पर हस्ताक्षर कर इसे कानून का रूप दिया। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य हिंदू संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को पहचानना और उन्हें सम्मान देना है। यह विधेयक राज्य के पूर्व सीनेटर नीरज अंतानी के नेतृत्व में पारित हुआ, जिन्होंने इसके मुख्य प्रायोजक और प्रस्तावक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सामुदायिक नेताओं का योगदान

बुधवार को आयोजित एक विशेष समारोह में, कई सामुदायिक नेताओं की उपस्थिति में इस विधेयक पर हस्ताक्षर किए गए। नीरज अंतानी ने इस अवसर पर कहा, "गवर्नर डेविन का हिंदू समुदाय के प्रति समर्थन और ओहियो में इस विधेयक को कानून बनाने में उनका योगदान अत्यंत प्रशंसनीय है। यह निर्णय ओहियो के हिंदू समुदाय की पहचान को मजबूत करेगा और उनके योगदान को सम्मानित करेगा।"

हिंदू विरासत माह का महत्व

यह विधेयक अब एक आधिकारिक कानून बन गया है और अगले 90 दिनों में प्रभावी होगा। इसका मतलब है कि अक्टूबर 2025 से ओहियो में हर साल "हिंदू विरासत माह" का आयोजन होगा। यह महीना हिंदू धर्म की समृद्ध परंपराओं, शिक्षा, और समुदाय की सेवा के प्रति समर्पण को उजागर करेगा।

भारतीय समुदाय की प्रतिक्रिया

इस ऐतिहासिक कदम ने भारतीय समुदाय में खुशी की लहर दौड़ा दी है। अमेरिका में बसे भारतीय मूल के लोगों के लिए यह पहल उनके धर्म और संस्कृति के प्रति सम्मान को दर्शाती है। साथ ही, यह पूरी दुनिया को यह संदेश देता है कि विविधता और सहिष्णुता को अपनाने वाले समाज में हर समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण है।

ओहियो का फैसला: भारत के लिए गर्व

ओहियो के इस निर्णय ने भारत और हिंदू समुदाय को गर्वित किया है। यह कदम अन्य देशों और राज्यों को भी प्रेरित करेगा कि वे भी सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक सहिष्णुता को महत्व दें।

निष्कर्ष

"हिंदू विरासत माह" की घोषणा न केवल ओहियो के लिए बल्कि पूरे वैश्विक हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह पहल भारत और अमेरिका के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगी और आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों और परंपराओं को गर्व के साथ अपनाने के लिए प्रेरित करेगी।

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