Supreme Court News: SC से नहीं मिली बिलकिस बानो के दोषियों को राहत, सरेंडर के लिए मांगी थी मोहलत
Supreme Court News - SC से नहीं मिली बिलकिस बानो के दोषियों को राहत, सरेंडर के लिए मांगी थी मोहलत
Supreme Court News: बिलकिस बानो मामले में दोषियों ने सरेंडर करने की अवधि को बढ़ाने की मांग की थी. उन्हें सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है. शीर्ष अदालत ने सभी दोषियों की ओर से दाखिल की गई याचिकाओं को खारिज कर दिया है. जस्टिस बीवी नगरत्ना की पीठ ने सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा की सुप्रीम कोर्ट की ओर से दो सप्ताह में आत्मसमर्पण करने के पिछले आदेश का अनुपालन किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा सभी याचिकाएं निराधार हैं और बेतुके आधारों पर हम सरेंडर करने की तारीख नहीं बढ़ा सकते. सभी दोषियों को 21 जनवरी को सरेंडर करना होगा.बिलकिस बानो के 11 दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट के सामने खुद के स्वास्थ्य के साथ-साथ बूढ़े मां-बाप सहित कई पारिवारिक जिम्मेदारियों हवाला दिया था. 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले ये सभी दोषी आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे, लेकिन अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने उनकी सजा माफ कर दी थी.11 दोषियों में बकाभाई वोहानिया, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, गोविंद जसवन्त नाई, मितेश भट्ट, प्रदीप मोरधिया, राधेश्याम शाह, राजूभाई सोनी, रमेश चांदना और शैलेश भट्ट शामिल हैं. अपनी याचिका में नौ दोषियों ने छह सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा, जबकि एक ने चार सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा था.सुप्रीम कोर्ट ने आठ जनवरी को रद्द की थी रहाईसुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को बिलकिस बानों के सभी 11 दोषियों की रिहाई को रद्द कर दिया था और आदेश दिया था कि सभी दोषियों की दो सप्ताह के भीतर सरेंडर करना होगा. ये सभी आरोपी गुजरात के रहने वाले हैं. वहीं दोषियों ने दावा किया था जब से वे जेल से छूटे हैं तब से वे अपने परिवारों के साथ रह रहे हैं और उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी 11 दोषियों के रिहाई पर सवाल खड़े किए थे. कोर्ट ने कहा था कि महाराष्ट्र में दी गई सजा को माफ करने का अधिकार गुजरात सरकार के पास नहीं है. गुजरात सरकार ने मई 2022 के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर नहीं करके महाराष्ट्र सरकार की शक्ति छीन ली.