Rajasthan Vidhan Sabha: भाजपा को ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने खारिज किया, जानिए विधानसभा में जूली क्या बोले

Rajasthan Vidhan Sabha - भाजपा को ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने खारिज किया, जानिए विधानसभा में जूली क्या बोले
| Updated on: 16-Jul-2024 07:10 PM IST
Rajasthan Vidhan Sabha: राजस्थान विधानसभा में बजट पर बहस के दौरान मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि मुख्यमंत्रीजी, यहां कुछ लोग सदन में ऐसे मानने वाले नहीं हैं, इनको मंत्री बना दीजिए। वित्त मंत्री ने इतना लंबा और बड़ा भाषण पढ़ने का साहस जुटाया, लेकिन इतना नीरस बजट भाषण कभी नहीं देखा। जूली ने कहा कि हर बजट की एक प्राथमिकता होती है, आपकी प्राथमिकता में क्या है, आपने अपनी 10 प्राथमिकताओं में गरीबों को 9वें नंबर पर रखा है। गुड गवर्नेंस को अपने 10 नंबर पर रखा है, इससे आपका विजन नजर आ रहा है। आपने बजट में 4 लाख नई नौकरियों की घोषणा की है। सरकार में 4 लाख तो पद ही खाली नहीं होंगे, आप इतनी नौकरियां देंगे कहां से, जब जवाब दें तो इस बारे में बताना।

उन्होंने कहा- देश के प्रधानमंत्री किसी गरीब की बेटी की शादी में शामिल नहीं होते, लेकिन जिस पर आरोप लगाते हैं, उस उद्योगपति के बेटे की शादी में शामिल होते हैं। इस सदन के एक सदस्य ने गांधी को लेकर एक टिप्पणी की। सावरकर और गांधी की मुलाकात लंदन में हुई थी, सावरकर ने मांसाहार का समर्थन किया, लेकिन गांधी ने शाकाहार का समर्थन किया।

आपको ब्रह्मा, विष्णु, महेश ने खारिज कर दिया : जूली

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि 400 पार का नारा दिया था, क्या हुआ? भगवान राम ने सबरी और गिलहरी दोनों का मान रखा था। जूली ने अयोध्या, बद्रीनाथ में बीजेपी की हार पर तंज कसते हुए कहा कि आपको तो ब्रह्मा, विष्णु, महेश ने खारिज कर दिया।

मुख्यमंत्री से गरीबों की योजनाएं बंद करवाकर पाप का घड़ा आप पर फोड़ना चाहते हैं: नेता प्रतिपक्ष

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि किसी गरीब को दाल-मसाले मिल रहे थे, किसी गरीब को सस्ता रसोई का सामान मिल रहा था, आपके पेट में क्यों दर्द ​हो गया? कांग्रेस राज की जनहित की स्कीम्स को आपने बंद कर दिया। गरीब को लाभ मिल रहा था। मुख्यमंत्रीजी, आप भले आदमी हैं। आपसे गरीबों की स्कीम्स बंद करवाकर ये पाप का घड़ा आप पर फोड़ना चाहते हैं।

ओपीएस जारी रखना चाहते हैं या नहीं, यह बताइए : जूली

जूली ने कहा कि आप ओपीएस को जारी रखना चाहते हैं या नहीं, यह सदन में क्यों नहीं बताते। विधायकों ने ओपीएस पर सवाल लगाए तो उनके जवाब क्यों नहीं दिए? अखिल भारतीय सेवाओं के अफसर ओपीएस के पक्ष में हैं। आपकी केंद्रीय वित्त मंत्री ओपीएस के खिलाफ है।

जूली बोले- किरोड़ीलाल के विभाग का बजट क्यों कम कर दिया?

नेता प्रतिपक्ष जूली ने किरोड़ीलाल मीणा के विभाग के बजट में कटौती करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किरोड़ीजी का बजट क्यों काट दिया, खेती-ग्रामीण विकास का बजट कम कर दिया। भाषण के दौरान सरकार के मंत्रियों ने नाराजगी जताई तो जूली ने कहा कि इस सरकार के मंत्रियों का व्यवहार ऐसा है, जैसे विपक्ष में हों।

राजस्थान बनने के बाद सबसे ज्यादा 70 हजार करोड़ का राजकोषीय घाटा 

जूली ने कहा कि बजट में आपने जितनी घोषणाएं की हैं, वित्त मंत्रीजी इनके लिए बजट में कितना प्रावधान रखा है, यह भी बताना। कोविड के बावजूद हमारा राजकोषीय घाटा आपसे कम रहा था। मुख्यमंत्री आप हमें कोस रहे थे, आपने तो 70 हजार करोड़ का राजकोषीय घाटा प्रस्तावित किया था। जब से राजस्थान बना है, सबसे ज्यादा राजकोषीय घाटा आपकी सरकार का है। हम पर आरोप लगाने से पहले खुद का देख लिया करो, यह तो अब प्रस्तावित था, जब एक्चुअल आएगा, तब तो यह घाटा और बढ़ेगा।

हमारी नीतियां गलत थीं तो हमारी टीम से ही बजट क्यों बनवाया? 

जूली ने कहा कि आप हमारी नीतियों को गलत बता रहे हो, हमारी सरकार के फैसलों की आलोचना कर रहे हो। आपके बजट में शुरुआत ही नकारात्मकता ये है, हमारी सरकार को कोसा है। जब हमारी नीतियां इतनी ही खराब थीं तो हमारी टीम से बजट क्यों तैयार करवाया? अफसरों की जिस टीम ने हमारा बजट तैयार किया था, उसी टीम से ही आपने बजट क्यों तैयार करवाया?

जमीनों के भाव बढ़ाने के लिए तो ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे की घोषणा नहीं की

जूली ने कहा- आपने 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा कर दी, केवल 300 करोड़ का बजट है। इतने से फंड में कहां से बन जाएंगे। कहीं जमीनों के भाव बढ़ाने के लिए तो इसकी घाेषणा नहीं की।

25 से 14 लोकसभा सीट पर क्यों आए, यह भी जवाब दे देना 

जूली ने एक शेर सुनाते हुए बीजेपी की लोकसभा चुनावों में कम सीटें आने पर तंज कसा। कहा- तेरी रहबरी का सवाल है, तू यह बता काफिला क्यों लूटा, 25 से 14 लोकसभा सीट पर क्यों आए, यह भी जवाब दे देना।

नेता प्रतिपक्ष बाेले- पेपरलीक की जड़ तक पहुंचना होगा

जूली ने कहा- पेपरलीक वसुंधरा राजे सरकार के समय हमसे ज्यादा हुए थे। आपने कार्रवाई की है, लेकिन पेपरलीक में मछलियों को पकड़ रहे हैं, मगरमच्छ खुले में घूम रहे हैं। पेपरलीक की जड़ कहां है, उस तक पहुंचने की जरूरत है। हम एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहेंगे, उससे कुछ बदलाव आना नहीं है।

जूली ने कहा- कोटा में कोचिंग के बच्चों के सुसाइड के मामले सामने आ रहे हैं। कोचिंग एक धंधा बन गया है। तमिलनाडु में सरकार ने कोचिंग बैन करने का मन बना लिया है। गरीब का बच्चा कैसे पढ़ेगा? कोचिंग वाले आज मगरमच्छ बनकर लूट रहे हैं, इस पर क्या नीति है?

जूली बोले- मुख्यमंत्री जी, मौका बार-बार नहीं मिलता 

जूली ने कहा- डबल इंजन की सरकार में आधा इंजन इधर, आधे उधर खींच रहे हैं। कोई कहते हैं, मुख्यमंत्री चला रहे हैं। मुझे खुशी है, भले आदमी है, पहली बार जीतकर आने वाले को सीएम बनाया। मुख्यमंत्री जी मौका बार-बार नहीं मिलता, साबित करना होता है।

जूली ने कहा- सरकार में चल किसकी रही है, यह पता नहीं है। कोई कहता है, मुख्यमंत्री की चल रही है, कोई कहता है ब्यूरोक्रेसी की चल रही है। ब्यूरोक्रेसी में भी किसकी चल रही है।

राजस्थान के हितों को मध्यप्रदेश के आगे  गिरवी रख आए 

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- ईआरसीपी बीजेपी सरकार की योजना थी, लेकिन केंद्र ने इसे लटकाए रखा। अब बीजेपी सरकार आने के बाद एमओयू किया है। छह महीने हो गए, ईआरसीपी पर दिल्ली में सीएम एमओयू करके आए थे, वो एमओयू कहां है? वो एमओयू आप सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहे? एमओयू सार्वजनिक इसलिए नहीं कर रहे, क्योंकि आपने मध्यप्रदेश के आगे राजस्थान के हितों को गिरवी रख दिया है।

जूली ने पूछा सवाल, मंत्री बोले- पहले दिखाते गंभीरता

श्रमिकों से जुड़ी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से जुड़े अजय सिंह किलक के सवाल पर मंत्री सुमित गोदारा ने ​कहा कि पिछले पांच साल सोई हुई सरकार थी, जिसने कुछ नहीं किया। अब पात्र लोगों को लाभ दिलवाया जाएगा।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मंत्री से साल 2013 से 2018 और 2018 से 2023 तक हुए खर्च का ब्योरा मांगने के साथ ही श्रमिकों की योजनाओं में पेंडिंग भुगतान की जानकारी देने को कहा। जूली ने शुभशक्ति योजना के बंद होने के स्टेटस पर भी पूछा।

मंत्री सुमित गोदारा ने कहा- नेता प्रतिपक्ष आप खुद इस विभाग के मंत्री थे। आज जितनी गंभीरता दिखा रहे हैं, उतनी मंत्री रहते दिखाते तो आज सवाल पूछने की जरूरत ही नहीं होती। हम समाधान करवाएंगे और श्रमिकों को उनके हित की योजनाओं का लाभ दिलवाएंगे।

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