खाद्य एवं पोषण बोर्ड की 43 सामुदायिक खाद्य एवं पोषण विस्तार इकाइयों के जरिये 30 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में अन्न प्रासन्न उत्सव और आईवाईसीएफ पर क्विज प्रतियोगिता जैसी गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इनमें राज्यों के स्वास्थ्य विभागों के अधिकारियों, गृह विज्ञान कॉलेजों, चिकित्सा संस्थानों, यूनिवर्सिटियों, एनजीओ और दूसरे हितधारकों को भी शामिल किया गया है।
विश्व स्तनपान सप्ताह के उद्देश इस प्रकार हैं:
स्तनपान महत्वपूर्ण है क्योंकिः
शिशु और छोटे बच्चे को दूध पिलाने के सही तरीकेः
विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान आयोजित की जाने वाली गतिविधियां स्तनपान कराने वाली माताओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए संगोष्ठी की तरह हैं। ताकि आंगनवाड़ी केंद्रों से लगे क्षेत्रों के लाभार्थियों को एकत्र कर, पौष्टिक आहार और क्विज प्रतियोगिताओं की प्रतिस्पर्धा के जरिये उनमें स्तनपान, आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के अन्न प्रासन्न के महत्व को लेकर जागरुकता पैदा की जा सके।
इसके अलावा, पोषण, शिशुओं एवं छोटे बच्चों के लिए कम कीमत वाले पोषक आहार को लेकर जमीनी स्तर पर प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा। स्वास्थ्यकर भोजन, स्वच्छता बनाए रखने और सफाई को लेकर भी जागरुकता पैदा की जाएगी। साथ ही इनके गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए महत्व को भी बताया जाएगा। इसके अतिरिक्त, कठपुतली शो, स्किट्स, नृत्य एवं नाटकों, फिल्मों, स्लाइड शो, एवी स्पॉट्स और रैलियां के जरिये ग्रामीण स्तर पर भी जाकरुकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
पोषण को लेकर इस तरह के महत्वपूर्ण प्रयासों से कुपोषण के दुष्चक्र को तोड़ने और सरकार को राष्ट्रीय पोषण लक्ष्यों एवं सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने में मदद मिलेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, स्तनपान को बढ़ाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के पास ले जाने से प्रत्येक वर्ष 8,00,000 से ज्यादा जीवन बचाने में मदद मिलेगी। इसमें बड़ी संख्या 6 महीने से कम आयु के बच्चों की है।