Rajasthan Cabinet: कैबिनेट विस्तार पर झाबर सिंह खर्रा का बड़ा बयान: 'सीएम चाहेंगे तो तुरंत दे देंगे इस्तीफा'
Rajasthan Cabinet - कैबिनेट विस्तार पर झाबर सिंह खर्रा का बड़ा बयान: 'सीएम चाहेंगे तो तुरंत दे देंगे इस्तीफा'
राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चल रही अटकलों और राजनीतिक गलियारों में गरमागरम चर्चा के बीच, कैबिनेट मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इन अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि अभी तक इस तरह की कोई बात नहीं है और हालांकि, उन्होंने तुरंत यह भी स्पष्ट कर दिया कि अगर मुख्यमंत्री या पार्टी आलाकमान चाहेंगे तो वे बिना किसी देरी के अपना इस्तीफा प्रस्तुत कर देंगे. खर्रा के इस बयान ने राज्य की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है, खासकर तब जब मुख्यमंत्री. भजनलाल शर्मा हाल ही में दिल्ली दौरे पर थे, जिसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं और तेज हो गई थीं.
मंत्रिमंडल विस्तार की बढ़ती अटकलें
राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं काफी समय से चल रही हैं. हाल ही में ऐसी जानकारी सामने आई थी कि अंता विधानसभा चुनाव के बाद कैबिनेट विस्तार पर काम किया जाएगा. अंता विधानसभा चुनाव को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के लिए एक महत्वपूर्ण 'लिटमस टेस्ट' के रूप में देखा जा रहा है, जो उनकी सरकार के प्रदर्शन और लोकप्रियता का आकलन करेगा. इस चुनाव के परिणाम मंत्रिमंडल विस्तार की दिशा और स्वरूप को प्रभावित कर सकते हैं. मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे ने इन अटकलों को और बल दिया कि जल्द ही कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है.गुजरात मॉडल की संभावना
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजस्थान में भी गुजरात मॉडल का इस्तेमाल किया जा सकता है. गुजरात में हाल ही में पूरी कैबिनेट को इस्तीफा दिलाकर नए सिरे से गठन किया गया था, जिसमें कई पुराने चेहरों को हटाकर नए और युवा चेहरों को मौका दिया गया था. ऐसी अटकलें हैं कि राजस्थान में भी सभी मौजूदा मंत्रियों से इस्तीफा लेकर चुनिंदा चेहरों को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है और यह कदम पार्टी के भीतर नए नेतृत्व को बढ़ावा देने और सरकार को अधिक गतिशील बनाने के उद्देश्य से उठाया जा सकता है. हालांकि, इस मॉडल को अपनाने पर अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह चर्चा का एक प्रमुख विषय बना हुआ है.झाबर सिंह खर्रा का स्पष्टीकरण
मंत्रिमंडल विस्तार और मंत्रियों के इस्तीफे की बात पर कैबिनेट मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि अभी तक इस तरह की कोई चर्चा नहीं हुई है और उन्होंने इन बातों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अगर आलाकमान या मुख्यमंत्री चाहेंगे तो वे तुरंत अपना इस्तीफा प्रस्तुत कर देंगे. खर्रा ने जोर देकर कहा कि यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. वे जब चाहें, मुख्यमंत्री से चर्चा करके मंत्री परिषद का विस्तार कर सकते हैं. यह बयान दर्शाता है कि मंत्री पार्टी के फैसले का सम्मान करने के लिए तैयार हैं.मंत्रिमंडल की वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाएं
वर्तमान में, राज्य मंत्रिमंडल में 24 मंत्री काम कर रहे हैं. राजस्थान में मंत्रिमंडल की कुल अधिकतम सीमा 30 मंत्रियों की है, जिसका अर्थ है कि अभी भी छह पद खाली पड़े हैं. ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दिसंबर में सरकार के दो साल पूरे होने से पहले अपनी टीम को मजबूत बनाना चाहते हैं. इस विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखा जाएगा, ताकि सभी वर्गों और क्षेत्रों को उचित प्रतिनिधित्व मिल सके. यह कदम सरकार की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने और जनता के बीच बेहतर संदेश देने के लिए महत्वपूर्ण होगा. खाली पदों को भरने और संभावित फेरबदल से सरकार को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है.