देश: MSP विवाद के बीच कैबिनेट मीटिंग शुरू, किसानों के लिए हो सकता है ये बड़ा ऐलान

देश - MSP विवाद के बीच कैबिनेट मीटिंग शुरू, किसानों के लिए हो सकता है ये बड़ा ऐलान
| Updated on: 21-Sep-2020 03:47 PM IST
नई दिल्ली: कृषि क्षेत्र से जुड़े दो बिल राज्य सभा में भी पास हो चुके हैं। MSP को लेकर सरकार ने बार-बार सफाई दी है कि इसे खत्म नहीं किया जाएगा फिर भी कुछ राज्यों के किसान विरोध कर रहे हैं। विपक्षी दल किसानों को गुमराह कर रहे हैं। इसी बीच, सोमवार को मोदी कैबिनेट की बैठक हो रही है। इस बैठक में रबी फसलों के लिए  MSP का ऐलान संभव है। सूत्रों के मुताबिक, गेहूं का एमएसपी 85 रुपये बढ़ने के आसार हैं। सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार 2020 - 21 के रबी सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी ) का ऐलान कर सकती है। रबी फसलों में गेहूं और कुछ अन्य फसलें शामिल हैं। कैबिनेट मीटिंग में एमएसपी पर फैसला होने की संभावना है।  


बढ़ सकती है गेहूं की एमएसपी

सूत्रों के मुताबिक, सरकार गेहूं की एमएसपी में 85 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी कर सकती है। गेहूं की एमएसपी 2019 - 20 के लिए 1840 रुपए प्रति क्विंटल थी, जिसे बढ़ाकर 1925 रुपए प्रति क्विंटल किया जा सकता है। 


MSP जारी रहेगी: पीएम मोदी 

पएम मोदी ने आज फिर दोहराया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य व किसानों की उपज की सरकारी खरीद जारी रहेगी। पीएम मोदी ने बिहार के लिए राजमार्गों से जुड़ी 9 परियोजनाओं के शिलान्यास के दौरान कहा कि कोरोना वायरस के समय के दौरान सरकार ने कृषि उपज की रिकॉर्ड खरीद की है और किसानों को रिकॉर्ड राशि का भुगतान किया गया है। देश के किसानों को, देश की खेती को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमारे प्रयास निरंतर जारी रहेंगे। 


पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'मैं देश के प्रत्येक किसान को इस बात का भरोसा देता हूं कि MSP की व्यवस्था जैसे पहले चली आ रही थी, वैसे ही चलती रहेगी। इसी तरह हर सीजन में सरकारी खरीद के लिए जिस तरह अभियान चलाया जाता है, वो भी पहले की तरह चलते रहेंगे।' 

उन्होंने आगे कहा, 'इस साल रबी में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन को मिलाकर, किसानों को 1 लाख 13 हजार करोड़ रुपये MSP पर दिया गया है। ये राशि भी पिछले साल के से 30% से ज्यादा है। बीते 5 साल में जितनी सरकारी खरीद हुई है और 2014 से पहले के 5 साल में जितनी सरकारी खरीद हुई है, उसके आंकड़े इसकी गवाही देते हैं। अगर दलहन और तिलहन की बात करें तो पहले की तुलना में, दलहन और तिलहन की सरकारी खरीद करीब 24 गुना अधिक की गई है।'

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