India vs Canada: फिर भारत पर उंगली उठाई कनाडा के PM ट्रूडो ने, इस बार क्या कहा?

India vs Canada - फिर भारत पर उंगली उठाई कनाडा के PM ट्रूडो ने, इस बार क्या कहा?
| Updated on: 13-Nov-2023 06:30 AM IST
India vs Canada: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की धरती पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर एक बार फिर भारत पर उंगली उठाई है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून और लोकतंत्र का हवाला देते हुए भारत पर 40 राजनयिकों को निष्कासित करके वियना कन्वेंशन के उल्लंघन का आरोप लगाया. भारत ने भी स्पष्ट कर दिया है कि राजनयिकों को निकालने के मामले में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया गया है.

जस्टिन ट्रूडो ने चेतावनी दी कि अगर बड़े देश बिना किसी परिणाम के अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर सकते हैं, तो यह दुनिया को और ज्यादा खतरनाक बना देगा. उन्होंने “कानून के शासन” के लिए खड़े होने की कनाडा की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने एक बार फिर कहा कि वह चाहते हैं कि भारत इस मामले की जांच में सहयोग दे. उन्होंने कहा कि वह अन्य वैश्विक भागीदारों के साथ मिलकर काम करेंगे और मामले की जांच आगे बढ़ाएंगे.

भारत ने ट्रूडो के बयान का दिया जवाब

जवाब में, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि राजनयिकों को निकालने से किसी भी समझौते का उल्लंघन नहीं हुआ है. शनिवार को ओटावा में ट्रूडो ने कहा, “हमें यह पता चलने पर कि कनाडाई नागरिक की हत्या में भारत का हाथ है, तो हम इस मामले की जांच में सहयोग देने की मांग के साथ भारत पहुंचे. अंतरराष्ट्रीय कानून और लोकतांत्रिक संप्रभुता के गंभीर उल्लंघन पर काम करने के लिए अमेरिका और उस जैसे अपने मित्रों और सहयोगियों से भी संपर्क किया.”

निज्जर हत्याकांड में अमेरिका की अपील

कनाडाई पीएम की टिप्पणी अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के उस बयान के ठीक बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका कनाडा को “अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए” देखना चाहता है और भारत को “ऐसा इसमें मदद करने की जरूरत है”. हालांकि, ट्रूडो ने कहा कि कनाडा भारत के साथ “रचनात्मक रूप से काम करना” चाहता है.”

भारत पर कनाडा के आरोप, इंडिया ने किया स्पष्ट

पिछले महीने, कनाडा ने भारत से 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया था और केंद्र सरकार द्वारा उनकी छूट छीनने के फैसले के मद्देनजर चंडीगढ़, मुंबई और बेंगलुरु में वाणिज्य दूतावासों में अपनी वीजा और कांसुलर सेवाएं भी रोक दी थीं. भारतीय राजनयिकों पर कनाडा की कार्रवाई के बाद भारत सरकार ने यह फैसला किया था. भारत ने साथ ही वीजा सर्विस पर भी रोक लगा दी थी, लेकिन इसे फिर शुरू किए जाने पर विचार चल रहा है.

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