Satya Pal Malik: J-K के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को CBI का नोटिस, कांग्रेस बोली- ये तो होना ही था

Satya Pal Malik - J-K के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को CBI का नोटिस, कांग्रेस बोली- ये तो होना ही था
| Updated on: 22-Apr-2023 10:06 AM IST
Satya Pal Malik: सीबीआई ने जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को तलब किया है. जम्मू कश्मीर में उनके राज्यपाल रहते हुए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश के मामले में उनसे पूछताछ की जाएगी. सत्यपाल मलिक ने को बताया कि सीबीआई ने मुझे पेश होने को कहा है. वे भ्रष्टाचार के इस मामले में कुछ चीजों पर मुझसे स्पष्टीकरण चाहते हैं. उन्होंने मुझसे मौखिक तौर पर 27 और 28 अप्रैल को मेरी सुविधानुसार पेश होने को कहा है. हालांकि, अभी तक सीबीआई ने सत्यपाल मलिक के इस दावे की पुष्टि नहीं की है. 

बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई ने रिलायंस इंश्योरेंस केस में पूछताछ के लिए बुलाया था.

कांग्रेस की तरफ से आई ये बात 

आख़िरकार PM मोदी से रहा न गया। सत्यपाल मलिक जी ने देश के सामने उनकी कलई खोल दी। अब CBI ने मलिक जी को बुलाया है। ये तो होना ही था। एक चीज और होगी... 'गोदी मीडिया' अब भी चुप रहेगा, लिखकर रख लीजिए। 

रिलायंस इंश्योरेंस केस में सत्यपाल मलिक को सीबीआई द्वारा बुलाए जाने की खबर सामने आने के बाद कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि आखिरकार पीएम मोदी से रहा न गया. सत्यपाल मलिक ने देश के सामने उनकी कलई खोल दी. अब सीबीआई ने मलिक जी को बुलाया है. ये तो होना ही था. 

क्या है मामला?

सत्यपाल मलिक को 2018 में बतौर राज्यपाल जम्मू-कश्मीर भेजा गया था. मलिक के कार्यकाल में ही केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया था. इसके बाद उन्हें बतौर राज्यपाल मेघालय भेज दिया गया था. लेकिन इस बीच उन्होंने दावा किया था कि उन्हें 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी.

उन्होंने कहा था कि कश्मीर जाने के बाद उनके पास मंजूरी के लिए दो फाइलें आई थीं. इनमें से एक फाइल अंबानी की और दूसरी आरएसएस से जुड़े व्यक्ति की थी, जो पिछली महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री थे और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) का बहुत करीब होने का दावा करते थे.

मलिक ने कहा था कि मुझे दोनों विभागों के सचिवों द्वारा सूचित किया गया था कि ये एक घोटाला है और मैंने उसके अनुरूप ही दोनों डील्स को रद्द कर दिया था.

मलिक ने यह भी बताया था कि सचिवों ने उनसे कहा था कि आपको हर फाइल को पास करने के लिए 150 करोड़ रुपये मिलेंगे.

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