देश: 58 साल बाद फिर...देश में कब-कब हुईं सैन्य हेलिकॉप्टर दुर्घटनाएं? जानें

देश - 58 साल बाद फिर...देश में कब-कब हुईं सैन्य हेलिकॉप्टर दुर्घटनाएं? जानें
| Updated on: 08-Dec-2021 09:45 PM IST
New Delhi : देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत नहीं रहे। तमिलनाडु के कुन्नूर में आज हुए हेलिकॉप्टर हादसे में उनकी, पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य अफसरों और सहयोगियों के साथ मौत हो गई। हादसे में वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की ही जान बची है। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस घटना ने सैन्य अधिकारियों से जुड़ी पिछली घटनाओं को भी याद करने के लिए मजबूर कर दिया है।

सेना में ऐसी हाई प्रोफाइफ दुर्घटना लगभग 58 साल बाद देखने को मिला है। आज की कुन्नूर की घटना से पहले 22 नवंबर, 1963 को पुंछ के पास भारतीय वायु सेना का हेलिकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हो गया था। इसमें हादसे में सेना के कई बड़े अधिकारियों की जान चली गई थी। जिन अधिकारियों की मौत हुई थी उसमें लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल बिक्रम सिंह, एयर वाइस मार्शल ईडब्ल्यू पिंटो, मेजर जनरल केएनडी नानावटी, ब्रिगेडियर एसआर ओबेरॉय और फ्लाइट लेफ्टिनेंट एसएस सोढी शामिल थे।

पुंछ की घटना पर संसद में क्या बोले थे तत्कालीन रक्षा मंत्री?

पुंछ में हेलिकॉप्टर की दुर्घटना पर संसद में बयान देते हुए तत्कालीन रक्षा मंत्री वाईबी चव्हाण ने कहा था 'इन अधिकारियों की मृत्यु में, हमारे रक्षा बलों ने बहुत प्रतिष्ठित, सक्षम और होनहार लीडरों को खो दिया है। उनके नेतृत्व ने अतीत में बहुत योगदान दिया है, विशेष रूप से लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल बिक्रम सिंह और विशेष रूप से एयर वाइस मार्शल ईडब्ल्यू पिंटो ने पिछले हवाई अभ्यासों में बहुत अच्छा काम किया है।' उन्होंने कहा था कि उनके निधन से हमें लगता है कि हमने बहुत कीमती चीज खो दी है।

1952 में डेवोन क्रैश

सीडीएस रावत की हेलिकॉप्टर दुर्घटना फरवरी 1952 की डेवोन क्रैश की याद दिलाती है जिसने दो भावी प्रमुखों सहित भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारी शामिल थे। दुर्घटना में बाल-बाल बचने वाले लेफ्टिनेंट जनरल एसएम श्रीनागेश और मेजर जनरल केएस थिमय्या, दोनों आगे चलकर सेना प्रमुख बने, गनीमत रही कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ था। मेजर जनरल एसपीपी थोराट जो बाद में पूर्वी सेना कमांडर बने, मेजर जनरल सरदानंद सिंह, मेजर जनरल मोहिंदर सिंह चोपड़ा और ब्रिगेडियर अजायब सिंह भी डेवोन विमान में सवार थे।

1993 में भूटान और 2019 में पुंछ में हुआ था ऐसा ही हादसा

इसके बाद मई 1993 में भूटान में एक एमआई-8 हेलिकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हो गया था। इसमें सेना के आठ सीनियर अधिकारी शामिल थे। जिसमें तत्कालीन पूर्वी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जमील महमूद भी शामिल थे। इसके अलावा अक्टूबर 2019 में पुंछ सेक्टर में ध्रुव एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर की दुर्घटना में उत्तीर सेना के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और आठ अन्य घायल हो गए थे।

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