Chandigarh Bill: चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को खत्म करने की कोशिश, फेडरल स्ट्रक्चर की उड़ रहीं धज्जियां- केजरीवाल

Chandigarh Bill - चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को खत्म करने की कोशिश, फेडरल स्ट्रक्चर की उड़ रहीं धज्जियां- केजरीवाल
| Updated on: 23-Nov-2025 11:30 AM IST
केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संविधान (131वें संशोधन) विधेयक, 2025 को लेकर पंजाब में राजनीतिक विरोध और प्रदर्शन तेज हो गए हैं। इस विधेयक का उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 के दायरे में लाना है,। जिससे राष्ट्रपति को कुछ केंद्र शासित प्रदेशों के लिए सीधे नियम और कानून बनाने का अधिकार मिल जाएगा। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी (आप) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने इस कदम को चंडीगढ़ पर पंजाब के ऐतिहासिक और संवैधानिक अधिकारों पर सीधा हमला बताया है।

केजरीवाल का केंद्र पर हमला: 'फेडरल स्ट्रक्चर की धज्जियां उड़ रहीं'

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार की इस पहल की कड़ी निंदा की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर स्पष्ट रूप से कहा कि 'चंडीगढ़ पंजाब का है और पंजाब का रहेगा। ' केजरीवाल ने इस प्रस्तावित संशोधन को 'पंजाब की पहचान और संवैधानिक अधिकारों पर सीधा हमला' करार दिया। उन्होंने आगे कहा कि 'फेडरल स्ट्रक्चर की धज्जियां उड़ाकर पंजाबियों के हक छीनने की यह मानसिकता बेहद खतरनाक है। ' केजरीवाल ने इस बात पर जोर दिया कि जिस पंजाब ने देश की सुरक्षा, अनाज, पानी और इंसानियत के लिए हमेशा बलिदान दिया है, आज उसी पंजाब को उसके अपने हिस्से से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने इसे केवल एक प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि 'पंजाब की आत्मा को चोट पहुंचाने जैसा' बताया।

मुख्यमंत्री मान का कड़ा विरोध और चेतावनी

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी इस विधेयक के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि 'संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार की ओर से लाए जा रहे प्रस्तावित संविधान (131वां संशोधन) बिल का हम कड़ा विरोध करते हैं। ' मान ने इस संशोधन को 'पंजाब के हितों के विरुद्ध' बताया और केंद्र सरकार पर 'पंजाब के विरुद्ध रची जा रही साजिश' का आरोप लगाया। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि 'हम केंद्र सरकार की ओर पंजाब के विरुद्ध रची जा रही साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे। ' मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ पर पंजाब के ऐतिहासिक दावे को दोहराते हुए कहा कि 'हमारे पंजाब के गांवों को उजाड़कर बने चंडीगढ़ पर सिर्फ पंजाब का हक है। ' उन्होंने चेतावनी दी कि पंजाब अपना हक यूं ही जाने। नहीं देगा और इसके लिए जो भी कदम उठाने पड़ेंगे, वे उठाएंगे।

पंजाबियों का इतिहास: तानाशाही के सामने न झुकने का संकल्प

अरविंद केजरीवाल ने पंजाबियों के गौरवशाली इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि 'इतिहास गवाह है कि पंजाबियों ने कभी किसी तानाशाही के सामने सिर नहीं झुकाया है। ' उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 'पंजाब आज भी नहीं झुकेगा। ' यह बयान पंजाब के लोगों के दृढ़ संकल्प और अपने अधिकारों के लिए लड़ने की उनकी क्षमता को रेखांकित करता है और केजरीवाल और मान दोनों ने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाते हुए केंद्र सरकार के फैसले का पुरजोर विरोध करने का संकल्प लिया है।

क्या है 131वां संविधान संशोधन विधेयक?

प्रस्तावित 131वां संविधान संशोधन विधेयक, 2025, भारत सरकार द्वारा लाया जा रहा एक महत्वपूर्ण कानूनी बदलाव है और इसका मुख्य उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 के दायरे में लाना है। अनुच्छेद 240 राष्ट्रपति को कुछ केंद्र शासित प्रदेशों, जैसे दादरा और नागर हवेली, लक्षद्वीप, के लिए सीधे विनियम और कानून बनाने का अधिकार देता है, जहां कोई विधानमंडल नहीं होता। वर्तमान में, चंडीगढ़ का प्रशासन पंजाब के राज्यपाल द्वारा किया जाता है। इस संशोधन के लागू होने से चंडीगढ़ के प्रशासनिक ढांचे में बड़ा बदलाव आ सकता है और पंजाब के इस पर अधिकार संबंधी दावों पर सीधा असर पड़ेगा। पंजाब सरकार का मानना है कि यह कदम चंडीगढ़ पर उसके लंबे समय से चले आ रहे दावे को कमजोर करेगा और राज्य के संघीय अधिकारों का उल्लंघन करेगा।

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