Chandipura Virus: संदिग्ध वायरस से गुजरात में हो रही बच्चों की मौत, अब तक 12 की गई जान; जानें क्या हैं लक्षण

Chandipura Virus - संदिग्ध वायरस से गुजरात में हो रही बच्चों की मौत, अब तक 12 की गई जान; जानें क्या हैं लक्षण
| Updated on: 16-Jul-2024 10:00 AM IST
Chandipura Virus: राज्य में पिछले पांच दिनों में संदिग्ध वायरस की वजह से छह बच्चों की मौत हो गई है। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले पांच दिन में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस से छह बच्चों की मौत हो गई है। वहीं संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। उन्होंने बताया कि चांदीपुरा वायरस से बुखार आता है, जिसके साथ फ्लू और तीव्र एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) जैसे लक्षण होते हैं। यह मच्छरों और रेत मक्खियों आदि द्वारा फैलता है।

अब तक 12 की हुई मौत

स्वास्थ्य मंत्री पटेल ने कहा, "इन 12 मरीजों में से चार साबरकांठा जिले से, तीन अरावली से और एक-एक महिसागर तथा खेड़ा से हैं। दो मरीज राजस्थान और एक मध्य प्रदेश से है। इनका उपचार गुजरात में हुआ। राज्य में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस के कारण छह लोगों की मौत होने की बात सामने आयी है, लेकिन नमूनों की जांच के नतीजे आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि ये मौत चांदीपुरा वायरस के कारण हुई हैं या नहीं।" उन्होंने कहा, "छह में से पांच मौत साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल में हुईं। साबरकांठा के आठ समेत सभी 12 नमूनों को पुष्टि के लिए पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) भेजा गया है।" 

वायरस के नमूनों की हो रही जांच

हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों ने 10 जुलाई को चार बच्चों की मौत का कारण चांदीपुरा वायरस होने का संदेह जताया था और पुष्टि के लिए उनके नमूने एनआईवी भेजे थे। बाद में अस्पताल में चार और बच्चों में इसी तरह के लक्षण दिखे। पटेल ने कहा, "चांदीपुरा वायरस संक्रामक नहीं है। हालांकि, प्रभावित क्षेत्रों में गहन निगरानी की गई है। हमने 4,487 घरों में 18,646 लोगों की जांच की है। स्वास्थ्य विभाग बीमारी को फैलने से रोकने के लिए चौबीस घंटे काम कर रहा है।"(इनपुट- भाषा)

राजस्थान में भी चांदीपुरा वायरस का बढ़ा खतरा

उदयपुर के खेरवाड़ा के बावलवाड़ा व नयागांव में चांदीपुरा वायरस के दो मरीजों की पहचान हुई है. दोनों मरीजों का इलाज गुजरात में चल रहा था. उनमें से एक बच्चे की 27 जून को मौत हो गई. वहीं दूसरे का इलाज जारी है, जो खतरे से बाहर है. उदयपुर के चिकित्सा विभाग ने तत्परता से गावों में जाकर सैम्पल लेना चालू कर दिया है. ये वायरस आसपास के बच्चों में न फैले, इसको लेकर एंट्री लार्वा एक्टिवि​टी जारी है. बीमार बच्चों के आसपास घर-घर सर्वे कराया जा रहा है. 

दो बच्चों में मिले चांदीपुरा वायरस के लक्षण

चिकित्सा विभाग के डिप्टी सीएमएचओ अंकित जैन ने बताया कि उदयपुर जिले के खेरवाड़ा और नयागांव के दो बच्चों में चांदीपुरा वायरस के लक्षण मिले थे. दोनों को गुजरात के हिम्मतनगर के सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. दोनों ही बच्चों के ब्लड और सीरम के सैंपल पुणे भिजवाए गए. डिप्टी सीएमएचओ ने बताया कि खेरवाड़ा के बलीचा गांव में एक बच्चे को अचानक से दौरे आने लगे. उसे नजदीक की भीलूड़ा सीएचसी ले जाया गया, जहां से हिम्मतनगर सिविल हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया. 

दूसरे दिन उसकी मौत हो गई. दूसरा केस बावलवाड़ा गांव की बच्ची का है. बच्ची को 5 जुलाई को उल्टी-दस्त, बुखार की शिकायत थी. उसे हिम्मतनगर (गुजरात) रेफर किया गया. उसका आईसीयू में इलाज चल रहा था. अब उसे नॉर्मल वार्ड में शिफ्ट किया गया. वह बच्ची अब स्वस्थ है. सीएमएचओ डॉ शंकर बामनिया ने बताया कि दोनों इलाके खेरवाड़ा और नयागांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सोमवार को सर्वे कराया है.

कई इलाके में मेडिकल टीम तैनात

दोनों जगह 35 घरों के सर्वे में जाँच करवाई गई है. फिलहाल सर्वे जारी है और स्पेशल ड्‌यूटी लगाकर मेडिकल टीमें गुजरात से सटे कोटड़ा, खेरवाड़ा और नयागांव इलाके में तैनात की गई हैं. बलीचा गांव के बच्चे की गुजरात के हिम्मतनगर में इलाज के दौरान संक्रमण से मौत हो गई थी. बच्चे में चांदीपुरा वायरस के लक्षण थे.

एक बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. वायरस आसपास के बच्चों में न फैले, इसको लेकर एंट्री लार्वा एक्टिवि​टी जारी है. बीमार बच्चों के आसपास घर-घर सर्वे कराया जा रहा है. वर्ष 1966 में महाराष्ट्र के नागपुर स्थित चांदीपुरा गांव में चांदीपुरा वायरस की पहचान हुई थी. चांदीपुरा वायरस एक RNA वायरस है. यह वायरस सबसे अधिक मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से ही फैलता है. मच्छर में एडीज ही इसके पीछे ज्यादातर जिम्मेदार है. 15 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा इसका शिकार होते हैं. 

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