China Economy: चीन की अर्थव्यवस्था पर संकट: लगातार 8वें महीने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट
China Economy - चीन की अर्थव्यवस्था पर संकट: लगातार 8वें महीने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन वर्तमान में कई आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसमें उसका महत्वपूर्ण विनिर्माण क्षेत्र भी शामिल है। हालिया आंकड़ों से पता चला है कि देश का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) लगातार आठवें महीने 50 के महत्वपूर्ण स्तर से नीचे बना हुआ है, जो इस क्षेत्र में लगातार संकुचन का संकेत देता है। यह स्थिति चीन के आर्थिक स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है, क्योंकि विनिर्माण उसकी अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्तंभ है।
विनिर्माण क्षेत्र में लगातार गिरावट
चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में आधिकारिक मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई थोड़ा बढ़कर 49. 2 हो गया, जो अक्टूबर में 49 था। हालांकि यह मामूली वृद्धि है, लेकिन 50 से नीचे का। आंकड़ा अभी भी विनिर्माण गतिविधियों में संकुचन को दर्शाता है। यह लगातार आठवां महीना है जब चीन का पीएमआई 50 के स्तर से नीचे रहा है, जो फैक्ट्री गतिविधियों में एक लंबी मंदी की ओर इशारा करता है और पीएमआई 50 से ऊपर होने पर विस्तार और 50 से नीचे होने पर संकुचन माना जाता है। इस लगातार गिरावट ने विश्लेषकों और नीति निर्माताओं दोनों के लिए चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि यह औद्योगिक उत्पादन, रोजगार और समग्र आर्थिक भावना पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।व्यापक आर्थिक चुनौतियाँ
विनिर्माण क्षेत्र में मंदी चीन की व्यापक आर्थिक चुनौतियों का केवल एक हिस्सा है और देश का रियल एस्टेट बाजार लंबे समय से मंदी का सामना कर रहा है, जिससे घरों की कीमतें लगातार गिर रही हैं। घरों की कीमतों में गिरावट से उपभोक्ताओं का विश्वास कमजोर हो रहा है, क्योंकि उनकी संपत्ति का मूल्य कम हो रहा है, जिससे वे खर्च करने में अधिक सतर्क हो जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, रियल एस्टेट निवेश में भी उल्लेखनीय गिरावट आई है, जिसका निर्माण और संबंधित उद्योगों पर सीधा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, ऑटो उद्योग सहित कई घरेलू क्षेत्रों में तीव्र मूल्य प्रतिस्पर्धा ने भी व्यवसायों पर दबाव डाला। है, जिससे उनके लाभ मार्जिन कम हो गए हैं और निवेश के लिए प्रोत्साहन कम हो गया है।नीतिगत समर्थन की आवश्यकता और देरी
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार मोर्चे पर एक समझौता हुआ है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30 अक्टूबर से चीनी उत्पादों पर शुल्क में कटौती की घोषणा की थी। इस समझौते से चीन के निर्यात और विनिर्माण क्षेत्र के लिए कुछ उम्मीदें जगी थीं। यह उम्मीद की जा रही थी कि शुल्क में कटौती से चीनी उत्पादों को अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और फैक्ट्री गतिविधियों में तेजी आएगी। हालांकि, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि इस व्यापार समझौते के बाद निर्यात ने वास्तव में रफ्तार पकड़ी है या नहीं। आठ महीने से लगातार पीएमआई में गिरावट यह दर्शाती है कि व्यापार समझौते का तत्काल और पर्याप्त सकारात्मक प्रभाव अभी तक दिखाई नहीं दिया है, और चीन की अर्थव्यवस्था अभी भी महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रही है।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि चीन की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और मौजूदा मंदी से बाहर निकालने के लिए और अधिक सरकारी नीतिगत समर्थन की आवश्यकता है। उनका तर्क है कि उपभोक्ता विश्वास को बहाल करने, निवेश को प्रोत्साहित करने और समग्र मांग को बढ़ाने के लिए लक्षित हस्तक्षेप आवश्यक हैं। हालांकि, आईएनजी बैंक में ग्रेटर चाइना के मुख्य अर्थशास्त्री लिन सोंग ने इस महीने की शुरुआत में एक नोट में लिखा था कि नीति निर्माता आगे नीतिगत समर्थन देने में देरी करते दिख रहे हैं। यह देरी आर्थिक सुधार की गति को धीमा कर सकती है और मौजूदा चुनौतियों को और बढ़ा सकती है।समाप्त हो रही सब्सिडी और भविष्य की संभावनाएं
चीनी अधिकारियों ने पहले घरेलू उपकरणों और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ट्रेड-इन सब्सिडी जैसे उपाय शुरू किए थे, जिनका उद्देश्य घरेलू मांग को प्रोत्साहित करना था और हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि इनमें से कुछ सब्सिडी धीरे-धीरे समाप्त होने वाली हैं। इन सब्सिडी के समाप्त होने से बिक्री और मांग में गिरावट आने की संभावना है, जिससे अर्थव्यवस्था पर और दबाव पड़ सकता है। कैपिटल इकोनॉमिक्स के चीन अर्थशास्त्री ज़िचुन हुआंग ने पिछले हफ़्ते कहा कि उपभोक्ता वस्तुओं की ट्रेड इंटरी पॉलिसीज से मिलने वाला धीमा प्रोत्साहन मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की घरेलू मांग पर भारी पड़ सकता है, और घरेलू मांग के संकेत मिले-जुले रहे हैं। चीनी अधिकारियों ने पूरे 2025 के लिए लगभग 5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य रखा है। जुलाई-सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था 4. 8 प्रतिशत बढ़ी। सोंग ने लिखा कि इस साल के विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए न्यूनतम। अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता होगी, लेकिन मौजूदा आर्थिक माहौल में यह लक्ष्य चुनौतीपूर्ण लग रहा है।