India vs China: चीन का दशकों तक यहां रहा है दबदबा, अब भारत ने पकड़ ली रफ्तार!

India vs China - चीन का दशकों तक यहां रहा है दबदबा, अब भारत ने पकड़ ली रफ्तार!
| Updated on: 09-Sep-2025 07:20 AM IST

India vs China: पिछले एक दशक में तेल और गैस के वैश्विक बाजार में चीन का दबदबा रहा है, लेकिन अब यह स्थिति बदल रही है। वैश्विक कमोडिटी कंपनी Trafigura के अनुसार, भारत की तेल मांग बहुत जल्द चीन को पीछे छोड़ देगी। भारत में तेजी से औद्योगीकरण, इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, मध्यम वर्ग का विस्तार और यात्रा की बढ़ती जरूरतों के कारण तेल और गैस की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। दूसरी ओर, चीन की अर्थव्यवस्था में मंदी और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण वहां तेल की मांग में कमी आ रही है।

भारत बनाम चीन: तेल मांग में बदलाव

S&P Global Commodity Insights के APPEC कार्यक्रम में Trafigura के मुख्य अर्थशास्त्री साद रहीम ने बताया कि यदि चीन की स्टॉकिंग (तेल भंडारण) को हटा दिया जाए, तो भारत की तेल मांग स्पष्ट रूप से चीन से आगे निकल जाएगी। भारत में शहरीकरण तेजी से हो रहा है और लोगों की आय में वृद्धि के साथ-साथ तेल की खपत भी बढ़ रही है। इसके विपरीत, चीन में तेल की मांग अब धीमी गति से बढ़ रही है, और यह वृद्धि मुख्य रूप से पेट्रोकेमिकल उद्योग तक सीमित है।

चीन का तेल भंडारण: रणनीतिक कदम

चीन में तेल की मांग भले ही धीमी हो रही हो, लेकिन वह अपने रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व (SPR) को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर तेल का भंडारण कर रहा है। गनवोर ग्रुप के रिसर्च हेड फ्रेडरिक लासेरे के अनुसार, चीन पिछले कुछ महीनों से प्रतिदिन लगभग 2 लाख बैरल अतिरिक्त तेल अपने भंडार में जोड़ रहा है। यह रणनीति भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए है। हालांकि, लासेरे ने चेतावनी दी कि यह भंडारण लंबे समय तक नहीं चल सकता, और यदि बाजार में तेल की आपूर्ति बढ़ जाती है, तो इसे संभालना चुनौतीपूर्ण होगा।

2026 में तेल की मांग: वैश्विक परिदृश्य

Trafigura के साद रहीम के अनुसार, 2026 में वैश्विक तेल मांग की वृद्धि दर और धीमी हो जाएगी, जो 10 लाख बैरल प्रति दिन से भी कम रह जाएगी। इस दौरान OPEC+ देश अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा रहे हैं, जिससे बाजार में तेल की आपूर्ति बढ़ सकती है। इससे तेल की कीमतों पर दबाव पड़ सकता है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था और विशेष Missouri

भारत के लिए अवसर और चुनौतियां

भारत में तेल की बढ़ती मांग देश की आर्थिक प्रगति को दर्शाती है। मूडीज़ की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में भारत की GDP 6.3% और 2026 में 6.5% की दर से बढ़ सकती है, जिससे भारत G-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा। परिवहन और औद्योगिक जरूरतों के कारण तेल की मांग में निरंतर वृद्धि हो रही है, और सरकारी तेल कंपनियां अपनी रिफाइनिंग क्षमता को बढ़ाने में निवेश कर रही हैं।

हालांकि, यह बढ़ती मांग भारत के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी भी लाती है। देश को अपनी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए रणनीतिक कदम उठाने होंगे। साथ ही, नवीकरणीय और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को अपनाने पर ध्यान देना होगा ताकि तेल पर निर्भरता को कम किया जा सके।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।