India-China Relation: चीन ने दबा रखी है लद्दाख सीमा विवाद पर जुबान! PM मोदी ने बता दिए इरादे

India-China Relation - चीन ने दबा रखी है लद्दाख सीमा विवाद पर जुबान! PM मोदी ने बता दिए इरादे
| Updated on: 31-Oct-2024 10:20 PM IST
India-China Relation: करीब चार वर्षों से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी भारत-चीन तनाव अब समाप्ति की ओर है। दोनों देशों की सेनाओं ने विवादित स्थलों से पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है, जिससे क्षेत्र में स्थिरता की उम्मीद बढ़ गई है। हाल ही में चीन ने 22 अक्टूबर को सीमा विवाद को लेकर हुए समझौते की पुष्टि की, हालांकि बीजिंग ने डेमचोक और देपसांग में टकराव वाले स्थलों से सैनिकों के पूरी तरह से हट जाने पर कोई विशेष टिप्पणी नहीं की है। चीनी विदेश मंत्रालय ने यह अवश्य कहा कि दोनों देश विवादित स्थल से सैनिकों को पीछे हटाने के प्रस्ताव को व्यवस्थित रूप से लागू कर रहे हैं।

सैनिकों के पीछे हटने पर चीन का रुख

भारत-चीन के बीच 21 अक्टूबर को एक ऐतिहासिक समझौता हुआ, जिसके अंतर्गत सैनिकों को पीछे हटाने का निर्णय लिया गया। इस समझौते पर चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शिआओगांग ने टिप्पणी करते हुए कहा कि चीन और भारत कूटनीतिक एवं सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमा विवाद का समाधान निकालने में सफल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के सैनिक सुव्यवस्थित तरीके से समझौते को लागू कर रहे हैं। हालांकि, झांग ने सैनिकों को पीछे हटाने के लिए कोई समय सीमा बताने से इनकार किया।

पीएम मोदी का कड़ा संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कच्छ में दिवाली के अवसर पर सेना के जवानों के साथ समय बिताया और उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपनी सीमा की सुरक्षा को लेकर अडिग है। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी जमीन का एक इंच भी किसी को नहीं सौंपेगा। पीएम ने भारतीय सेना की ताकत और दृढ़ संकल्प पर विश्वास जताते हुए कहा कि भारतीय सेना की वजह से देश सुरक्षित है। प्रधानमंत्री ने जवानों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि दुश्मन भारत की ताकत को समझें और उनकी नापाक साजिशें खुद ही समाप्त हो जाएं।

चार वर्षों के तनाव का समापन

इस समझौते को भारत और चीन के बीच जारी चार साल के लंबे गतिरोध के अंत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ गया था, जिससे लद्दाख क्षेत्र में सैन्य गतिरोध बन गया था। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में कई दौर की कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ताओं के बाद भारत और चीन इस समझौते तक पहुंचने में सफल रहे। यह सफलता दोनों देशों के लिए एक स्थायी और शांतिपूर्ण संबंधों की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का यह समाधान दोनों देशों के आपसी संबंधों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। उम्मीद की जा रही है कि यह कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को नए सिरे से मजबूती प्रदान करेगा।

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