US-China: अमेरिका को चेतावनी देने के लिए चीन ने साउथ चाइना सी में दागी दो 'कैरियर किलर' मिसाइलें

US-China - अमेरिका को चेतावनी देने के लिए चीन ने साउथ चाइना सी में दागी दो 'कैरियर किलर' मिसाइलें
| Updated on: 27-Aug-2020 03:31 PM IST
चीन ने एक बार फिर दक्षिण चीन सागर में मिसाइल दागकर विवाद पैदा कर दिया है। चीन के एक अखबार ने यह खबर प्रकाशित की है कि चीन ने 'कैरियर किलर' नाम से प्रसिद्ध दो मिसाइलों को दक्षिण चीन सागर में दागा है। इन मिसाइलों को दागने के पीछे मकसद है अमेरिका को डराना और चेतावनी देना। क्योंकि चीन ने यह कदम अमेरिकी खोजी विमानों के उसकी वायुसीमा के नजदीक उड़ान भरने के विरोध में उठाया है। 

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक बुधवार को DF-26B और DF-21D मिसाइल हैनान और पारसेल द्वीप के बीच दागी गई हैं। ये दोनों मिसाइलें मध्यम दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें हैं। मिसाइल दागने की वजह से इस इलाके में हवाई यातायात को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था। 

कुछ दिन पहले अमेरिकी युद्पोत रोनाल्ड रीगन ने पारसेल द्वीप के पास ही युद्धाभ्यास किया था। माना जा रहा है कि उसी का जवाब देने के लिए चीन ने मिसाइल टेस्ट के लिए इस जगह को चुना था। हालांकि, रक्षा विशेषज्ञ ये भी मान रहे हैं कि अमेरिकी जासूसी विमान U2 की उड़ानों से भी चीन नाराज है। 

DF-21D मिसाइल को कैरियर किलर कहा जाता है। डिफेंस एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर यह मिसाइल किसी युद्धपोत की तरफ दागी जाती है तो वह उसे पूरी तरह से नष्ट कर देती है। DF-26B मिसाइल को उत्तर-पश्चिम में स्थित क्विंघाई प्रांत से लॉन्च किया गया था। DF-21D मिसाइल को शंघाई के दक्षिण में स्थित झेजियांग प्रांत से दागा गया था।

DF-26B मिसाइल पारंपरिक और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। चीन ने पिछले साल अमेरिका और रूस के साथ हुए इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी से खुद को वापस खींच लिया था। जिसकी वजह से अमेरिका लगातार चीन पर आरोप लगा रहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। 

अमेरिका ने चीन की 24 कंपनियों उस सूची में डाल दिया है जो चीन की सेना की मदद करती हैं। जिसके बाद ये कंपनियां अमेरिका में अपना बिजनेस नहीं कर पाएंगी। इन कंपनियों और इनसे जुड़े लोगों के खिलाफ कड़ी जांच भी होगी। अमेरिका ने आरोप लगाया था कि ये कंपनियां साउथ चाइना सी में ऑर्टिफिशियल द्वीप बनाकर उसके सैन्य अड्डा बनाने में सहायता करती हैं। अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में द्वीपों के निर्माण को लेकर चीन की कई बार आलोचना भी हो चुकी है। 

चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह कार्रवाई एक सामान्य अभ्यास था। मंत्रालय ने प्रवक्ता वू कीन ने कहा कि अमेरिका के जासूसी विमानों की उड़ान पूरी तरह से उकसावे की कार्रवाई है। वू ने कहा कि चीन ने इसका कड़ा विरोध किया है। अमेरिका से ऐसी हरकतें रोकने की मांग की है। अगर अमेरिका ऐसे ही युद्धाभ्यास और जासूसी विमानों की उड़ान जारी रखेगा तो चीन भी उसका वाजिब जवाब देगा। 

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।