राजस्थान: CM अशोक गहलोत की कुर्सी पर संकट के बादल? राहुल-प्रियंका के साथ बंद कमरे में 1 घंटे तक सचिन पायलट ने की बातचीत

राजस्थान - CM अशोक गहलोत की कुर्सी पर संकट के बादल? राहुल-प्रियंका के साथ बंद कमरे में 1 घंटे तक सचिन पायलट ने की बातचीत
| Updated on: 24-Sep-2021 10:31 PM IST
गांधी परिवार के करीबी होने के बाद भी आलाकमान ने कैप्टन अमरिंदर को सत्ता से हटाने में ज्यादा नहीं सोचा. इससे साफ हो जाता है कि सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot) की कुर्सी पर भी संकट के बादल मंडरा सकते हैं.

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर को सत्ता से हटाए जाने के बाद अब राजस्थान में भी बड़े बदलाव (Rajasthan Politics) के कयास लगाए जा रहे हैं. दरअसल सचिन पायलट आज राहुल गांधी से मिलने दिल्ली (Sachin Pilot Meet Rahul Gandhi) पहुंचे. पायलट ने राहुल गांधी के आवास पर प्रियंका गांधी से भी मुलाकात की. सचिन पायलट से मिलने प्रियंका भी राहुल के आवास पर पहुंची थीं. इस बात से राजस्थान में बदलाव की चर्चा तेज हो गई है.

राजस्थान के सियासी हालात किसी से छिपे नहीं हैं. गहलोत (CM Gehlot) और पायलट गुट के बीच काफी समय से तनातनी देखने को मिल रही है. पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद पायलट गुट के हौसले और भी मजबूत हो गए हैं. सचिन पायलट आज राहुल गांधी से मिलने उनके दिल्ली आवास पर पहुंचे. इस मुलाकात को राजस्थान के सियासी घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है.

सीएम गहलोत की कुर्सी पर संकट?

गांधी परिवार के करीबी होने के बाद भी आलाकमान ने कैप्टन अमरिंदर को सत्ता से हटाने में ज्यादा नहीं सोचा. इससे साफ हो जाता है कि सीएम गहलोत की कुर्सी पर भी संकट के बादल मंडरा सकते हैं.अब सचिन पायलट का राहुल गांधी से मिलना किसी बड़े सियासी बदलाव की ओर इशारा कर रहा है. जिस तरह से कांग्रेस ने अमरिंद से पंजाब की कुर्सी छीनकर दलित सीएम बना दिया. उसी तरह से राजस्थान में ब्राह्मण कार्ड खेला जा सकता है.

राहुल गांधी से मिले सचिन पायलट

दिल्ली में आज राहुल और प्रियंका गांधी के साथ सचिन पाललट की करीब 1 घंटे तक बैठक हुई. बैठक में तीनों के बीच क्या बातचीत हुई, फिलहाल यह सामने नहीं आया है. लेकिन राजस्थान में सियासी बदलाव की अटकलें तेज जरूर हो गई हैं. पंजाब में राजनीतिक बदवाल के बाद सचिन पायलट गुट के हौसले काफी बुलंद हो गए हैं. अब उन्हें लगने लगा है कि राजस्थान में भी बदलाव असंभव नहीं है. हालांकि पंजाब और राजस्थान के हालात एक-दूसरे से अलग हैं. पंजाब में विधायकों को सपोर्ट अमरिंदर के साथ नहीं था. लेकिन राजस्थान में सीएम गहलोत को विधायकों का बड़ा समर्थन हासिल है.


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