जयपुर: ओला-उबर प्राइवेट नंबर की बाइक का भी कमर्शियल यूज कर रहीं, हादसा हो जाए तो इंश्योरेंस भी नहीं मिलेगा

जयपुर - ओला-उबर प्राइवेट नंबर की बाइक का भी कमर्शियल यूज कर रहीं, हादसा हो जाए तो इंश्योरेंस भी नहीं मिलेगा
| Updated on: 23-Aug-2019 02:40 PM IST
जयपुर. परिवहन विभाग ने कैब कंपनियों के लिए बनाई पॉलिसी में पूरे नियम-कायदे पहले तो उपभोक्ताओं पर थोप दिए। अब कंपनियां आधी-अधूरी पॉलिसी का भी पालन नहीं कर रहीं। कैब कंपनियां नियम के तहत प्राइवेट नंबर की बाइक को कमर्शियल यूज नहीं कर सकतीं। इसके बावजूद कंपनियों ने 600 से अधिक प्राइवेट नंबर की बाइक टैक्सी के तौर पर लगा रखी हैं। इन पर रोजाना आठ हजार से ज्यादा लोग सफर करते हैं। अगर इन प्राइवेट नंबर की कैब बाइक की दुर्घटना हो जाए तो पीड़ित को इंश्योरेंस क्लेम भी नहीं मिलेगा। विभाग को भी हर बाइक पर हर महीने करीब 2200 रुपए का राजस्व का भी घाटा हो रहा है।

एक्सीडेंट हो जाए तो परिवहन विभाग क्या करेगा?

आमतौर पर दुर्घटना से पहले विभाग ने कभी अवैध वाहनों पर कार्रवाई की ही नहीं। वाहनोंं की फिटनेस कभी नहीं जांची। चार महीने पहले जयपुर के करौली में खटारा बाल वाहिनी का फर्श टूट जाने से बच्चा गिरा और मर गया। इसके बाद मंत्री के निर्देश पर दो चार दिन हरकत हुई, फिर सब शांत हो गए। प्राइवेट नंबर की कैब बाइकें दौड़ रही हैं ये विभाग को पता है, मगर एक्शन के लिए शायद दुर्घटना का इंतजार ही कर रहा है विभाग।

शपथ-पत्र लेकर कैब कंपनियों की जिम्मेदारी खत्म

आरटीओ काे प्राइवेट नंबर की बाइक कैब कंपनियों में लगाने पर हर बाइक पर 2200 रुपए का नुकसान हाे रहा है। 

इसमें 1300 रुपए परमिट, 400 रुपए फिटनेस और 500 रुपए ग्रीन टैक्स का शामिल है।

बाइक संचालक अमित कुमार ने बताया कि कैब कंपनियां प्राइवेट बाइक लगाने पर बाइक मालिक से शपथ-पत्र लेती हैं। इसमें दुर्घटना हाेने पर क्लेम की काेई जिम्मेदारी नहीं हाेने का हवाला दिया जाता है।

....इसलिए नहीं लगा सकते प्राइवेट बाइक

मोटर व्हीकल एक्ट की धारा- 66 (1) के तहत कैब कंपनियाें में चलाने के लिए परमिट हाेना जरूरी है। परमिट उसी वाहन काे मिलता है, जिसका काॅमर्शियल श्रेणी में आरटीओ में रजिस्ट्रेशन हाे। ऐसे में प्राइवेट नंबर के वाहनाें काे काॅमर्शियल यूज नहीं किया जा सकता।

स्वेज फार्म स्थित मॉल की दूसरी मंजिल पर उबर का ऑफिस है। गेट पर तीन बाउंसर खड़े हैं। रिपोर्टर को रोका। प्राइवेट नंबर की बाइक कैब में लगाने को कहा तो दस्तावेज मांगे। रिपोर्टर ने पूछा- एक्सीडेंट होने पर इंश्योरेंस में तो कोई दिक्कत नहीं होगी ना? बोले- अंदर मैडम से बात कर लो। मैडम ने बताया- एक्सीडेंट क्लेम की जिम्मेदारी वाहन मालिक की ही होगी।

कैब कंपनियों में कॉमर्शियल वाहन ही लगाए जा सकते हैं। बाइक को पहले कॉमर्शियल में कन्वर्ट करा कर लगा सकते हैं। पहले भी शिकायत मिली है। प्रवर्तन शाखा को कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे। - राजेंद्र वर्मा, आरटीओ

अगर प्राइवेट नंबर की बाइक काॅमर्शियल यूज हाे रही है ताे क्लेम खारिज हाे जाएगा, क्योंकि काॅमर्शियल नंबर लेने पर इंश्योरेंस का प्रीमियम बढ़ जाता है।

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