Lok Sabha Elections: कन्हैया कुमार को कांग्रेस ने दिया टिकट, इस बड़े नेता के खिलाफ मैदान में उतारा, देखें लिस्ट

Lok Sabha Elections - कन्हैया कुमार को कांग्रेस ने दिया टिकट, इस बड़े नेता के खिलाफ मैदान में उतारा, देखें लिस्ट
| Updated on: 14-Apr-2024 09:46 PM IST
Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने दिल्ली में बड़ा दांव खेला है। कांग्रेस ने चांदनी चौक से जेपी अग्रवाल, नार्थ-ईस्ट दिल्ली से कन्हैया कुमार और नार्थ-वेस्ट दिल्ली से उदित राज को अपना प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा कांग्रेस ने पंजाब और यूपी में भी अपने कैंडिडेट्स का ऐलान किया है। बता दें कि कांग्रेस ने बीजेपी के मनोज तिवारी के खिलाफ कन्हैया कुमार को मैदान में उतारा है।

कौन कहां से प्रत्याशी?

पंजाब के अमृतसर से गुरजीत सिंह औजला, जालंधर से चरणजीत सिंह चन्नी, फतेहगढ़ साहिब से अमर सिंह, भटिंडा से जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू, संगरूर से सुखपाल सिंह खैरा, पटियाला से धर्मवीर गांधी और इलाहाबाद से उज्जवल रेवती रमन सिंह को टिकट मिला है। 

कांग्रेस के घोषणा पत्र की बड़ी बातें

  • कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को अपना घोषणापत्र जारी किया जिसमें उसने जाति आधारित जनगणना कराने, आरक्षण की सीमा बढ़ा कर 50 प्रतिशत से अधिक करने, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने और चुनावी बॉण्ड, राफेल एवं पेगासस जैसे ‘भ्रष्टाचार के मामलों’ की जांच कराने का वादा किया।
  • कांग्रेस ने वादा किया कि देश में उसकी सरकार बनने पर वह जाति आधारित जनगणना कराएगी और आरक्षण की अधिकतम सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाया जाएगा। कांग्रेस ने यह भी कहा कि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को सभी वर्गों के गरीबों के लिए बिना भेदभाव के लागू करेगी। घोषणा पत्र में यह भी कहा गया है कि सरकार में आने के बाद नयी शिक्षा नीति को लेकर राज्य सरकारों के साथ परामर्श कर इसमें संशोधन किया जाएगा। 
  • पार्टी ने घोषणापत्र में कहा कि जो नेता भ्रष्टाचार के मामलों से बचने के लिए भाजपा में शामिल हुए, उनके मामलों को फिर से खोला जाएगा और जांच कराई जाएगी। कांग्रेस ने वादा किया कि वह ऊपरी अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उच्चतम न्यायालय के साथ विचार विमर्श कर राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन करेगी। पार्टी ने ‘युवा न्याय’ के तहत जिन पांच गारंटी की बात की है उनमें 30 लाख सरकारी नौकरियां देने और युवाओं को एक साल के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत एक लाख रुपये देने का वादा शामिल है।
  •  ‘हिस्सेदारी न्याय’ के तहत जाति जनगणना कराने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने की ‘गारंटी’ दी गई है। ‘किसान न्याय’ के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने, कर्ज माफी आयोग के गठन और जीएसटी मुक्त खेती का वादा किया गया है। कांग्रेस ने ‘श्रमिक न्याय’ के तहत मजदूरों को स्वास्थ्य का अधिकार देने, न्यूनतम मजूदरी 400 रुपये प्रतिदिन सुनिश्चित करने और शहरी रोजगार गारंटी का वादा किया है। उसने ‘नारी न्याय’ के अंतर्गत ‘महालक्ष्मी’ गारंटी के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को एक-एक लाख रुपये प्रति वर्ष देने समेत कई वादे किए हैं।
  • कांग्रेस ने घोषणा पत्र में कहा है कि उसने अगले 10 वर्षों में भारत की जीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। वादा भी किया कि वह ‘मॉब लिंचिंग’, बुलडोजर न्याय और फर्जी मुठभेड़ जैसे गैर न्यायिक कदमों का पुरजोर विरोध करती है और सत्ता में आने पर इनसे कानून के मुताबिक सख्ती से निपटेगी। 
  • कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में यह भी कहा कि वह रक्षा बलों के लिए "वन रैंक वन पेंशन" (ओआरओपी) को सही रूप में लागू करेगी और मोदी सरकार की ओर से इसमें जो भी विसंगतियां पैदा की गई हैं उन्हें दूर किया जाएगा।
  • कांग्रेस ने कहा कि केंद्र में उसकी सरकार बनने की स्थिति में चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के माध्यम से ही होंगे, लेकिन मशीनों की क्षमता एवं मतपत्रों की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी और वीवीपैट (वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) पर्चियों का मिलान होगा। 
  • कांग्रेस ने वादा किया कि सत्ता में आने पर वह स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देगी। घोषणापत्र में कहा गया है कि कांग्रेस मणिपुर में मरहम लगाने का काम करेगी और राजनीतिक और प्रशासनिक समाधान के लिए एक सुलह आयोग का गठन करेगी। कांग्रेस ने वादा किया कि वह सत्ता में आने के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा तुरंत बहाल करेगी और लद्दाख के जनजातीय क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करेगी। उसने यह वादा भी किया कि ‘अग्निपथ’ योजना समाप्त कर सशस्त्र बलों के लिए सामान्य भर्ती प्रक्रिया बहाल की जाएगी। घोषणापत्र में यह भी कहा गया है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में 33 प्रतिशत पदों पर महिलाओं को नियुक्त किया जाएगा। 
  • कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में यह वादा भी किया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 में संशोधन करेगी ताकि तीन विषयों जमीन, पुलिस और कानून-व्यवस्था को छोड़कर उपराज्यपाल दिल्ली के मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करें। उसने कहा कि वन अधिकार कानून वाले पट्टों का एक साल में फैसला किया जाएगा। 
  • कांग्रेस ने वादा किया कि ‘‘एससी-एसटी सब प्लान’’ की कानूनी गारंटी दी जाएगी ताकि जितनी आबादी, उतना बजट सुनिश्चित हो सके। घोषणापत्र में यह भी कहा गया है कि मुख्य सरकारी कार्यों में ठेकेदारी प्रथा वाली मजूदरी को बंद किया जाएगा।
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