Delhi-NCR Pollution: दिल्ली-एनसीआर में ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार, कई इलाकों में AQI 400 के पार
Delhi-NCR Pollution - दिल्ली-एनसीआर में ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार, कई इलाकों में AQI 400 के पार
राजधानी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के निवासियों को इस समय दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ जहां सुबह और रात के समय ठंड का एहसास बढ़ने लगा है, वहीं दूसरी ओर वायु प्रदूषण का स्तर भी लगातार गंभीर होता जा रहा है। मौसम विभाग ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी, जिससे ठंड और बढ़ेगी। यह स्थिति ऐसे समय में आ रही है जब दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के आंकड़े को पार कर गया है, जो हवा की गुणवत्ता को 'गंभीर' श्रेणी में धकेलता है।
बिगड़ती वायु गुणवत्ता की स्थिति
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई। सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत AQI 392 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी के ऊपरी छोर पर था और 'गंभीर' श्रेणी के करीब था। दिल्ली के पड़ोसी शहरों में भी स्थिति चिंताजनक रही, जहां नोएडा का AQI 391 और गाजियाबाद का AQI 387 दर्ज किया गया, दोनों ही 'बहुत खराब' श्रेणी में थे और 'गंभीर' श्रेणी की दहलीज पर थे। यह दर्शाता है कि पूरे एनसीआर क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ रही है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।प्रदूषण के प्रमुख हॉटस्पॉट
दिल्ली के विभिन्न इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक ने खतरनाक स्तर छू लिया है। CPCB के आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार में AQI 412, अलीपुर में 415,। अशोक विहार में AQI 416 और बवाना में सबसे अधिक 436 दर्ज किया गया। ये सभी आंकड़े 'गंभीर' श्रेणी में आते हैं, जो अत्यंत खराब वायु गुणवत्ता का संकेत देते हैं। इसके अलावा, चांदनी चौक में AQI 409, आरके पुरम में 422 और पटपड़गंज में 425 दर्ज किया गया। सोनिया विहार में भी AQI 415 'गंभीर' श्रेणी में रहा, जबकि आईटीओ में 420, मुंडका में 412, ओखला में 405 और पूसा में AQI 406 दर्ज किया गया और इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि दिल्ली के अधिकांश प्रमुख क्षेत्रों में हवा सांस लेने लायक नहीं है और यह स्थिति गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती है।पिछले दिनों का हाल और GRAP-2 का प्रभाव
पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता लगातार खराब बनी हुई है। शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सुबह 'बहुत खराब' श्रेणी में रही, जब सुबह 8 बजे तक दिल्ली का AQI 355 दर्ज किया गया था। इससे एक दिन पहले, शुक्रवार को राजधानी में AQI 'बेहद खराब' श्रेणी में आ गया था और दिल्ली का AQI 312 रहा था। दिवाली के बाद से, दिल्ली-एनसीआर में AQI कई इलाकों में 'खराब' और 'बेहद खराब' श्रेणी। में बना हुआ है, जो दर्शाता है कि प्रदूषण का स्तर लगातार उच्च बना हुआ है। इस बिगड़ती स्थिति के बावजूद, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चरण 2 अभी भी प्रभावी है, जिसका उद्देश्य वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना है।GRAP-2 के तहत उठाए गए कदम
बिगड़ती वायु गुणवत्ता के कारण GRAP-2 लागू होने के बाद, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) ने राष्ट्रीय राजधानी भर में पार्किंग शुल्क दोगुना करने की घोषणा पहले ही कर दी है और यह कदम लोगों को निजी वाहनों का उपयोग कम करने और सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके। GRAP के विभिन्न चरण वायु गुणवत्ता के स्तर के आधार पर विभिन्न प्रतिबंध और उपाय लागू करते हैं, और चरण 2 में पार्किंग शुल्क बढ़ाना एक महत्वपूर्ण उपाय है।AQI श्रेणियों को समझना
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया है ताकि आम जनता को हवा की गुणवत्ता को समझने में आसानी हो। 0 से 50 के बीच के AQI को 'अच्छा' माना जाता है, जो न्यूनतम स्वास्थ्य जोखिम दर्शाता है। 51-100 के बीच को 'संतोषजनक' कहा जाता है, जिसमें संवेदनशील लोगों के लिए मामूली स्वास्थ्य चिंताएं हो सकती हैं। 101-200 के बीच 'मध्यम' श्रेणी में आता है, जहां संवेदनशील लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। 201-300 के बीच 'खराब' श्रेणी है, जो अधिकांश लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है। 301-400 के बीच 'बेहद खराब' श्रेणी है, जो गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव डाल सकती है और और अंत में, 401-500 के बीच को 'गंभीर' माना जाता है, जो स्वस्थ लोगों को भी प्रभावित कर सकता है और बीमार लोगों के लिए अत्यंत खतरनाक हो सकता है। दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में AQI का 400 के पार होना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि क्षेत्र। में हवा की गुणवत्ता अत्यंत खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है, जिससे तत्काल और प्रभावी उपायों की आवश्यकता है।