Delhi Cabinet: दिल्ली में प्रदूषण पर सख्त कार्रवाई: 800 फैक्ट्रियां बंद, DTC का बसों पर एकाधिकार और जल निकायों का कायाकल्प
Delhi Cabinet - दिल्ली में प्रदूषण पर सख्त कार्रवाई: 800 फैक्ट्रियां बंद, DTC का बसों पर एकाधिकार और जल निकायों का कायाकल्प
दिल्ली कैबिनेट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक में प्रदूषण से निपटने और शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से कई दूरगामी फैसले लिए हैं और पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इन निर्णयों की जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि अब पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने वालों के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। इन फैसलों में प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों पर सख्त कार्रवाई, सार्वजनिक परिवहन। प्रणाली का सुदृढीकरण और जल निकायों के संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण कदम शामिल हैं।
DTC का बसों पर पूर्ण नियंत्रण
दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में एक बड़ा बदलाव किया है और पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि दिल्ली में बसों के संचालन का 50% जिम्मा पहले DIMTS (Delhi Integrated Multi-Modal Transit System) के पास था, जिसे अब पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। अब दिल्ली परिवहन निगम (DTC) 100% बसों का संचालन करेगा। इस कदम से 'रूट रेशनलाइजेशन' यानी रूटों के बेहतर प्रबंधन में काफी आसानी होगी, जिससे दिल्ली की परिवहन व्यवस्था अधिक कुशल और सुव्यवस्थित हो सकेगी। यह निर्णय यात्रियों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी और समयबद्ध सेवाओं को सुनिश्चित करने में सहायक होगा, साथ ही सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देगा, जिससे निजी वाहनों पर निर्भरता कम होगी और प्रदूषण में कमी आएगी।होलंबी कलां में हाईटेक ई-वेस्ट प्लांट
इलेक्ट्रॉनिक कचरे के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है और सरकार होलंबी कलां में एक विशाल और अत्याधुनिक ई-वेस्ट प्लांट स्थापित करने जा रही है। यह प्लांट 11. 5 एकड़ के बड़े क्षेत्र में फैला होगा और इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह '0% पानी की बर्बादी' के सिद्धांत पर काम करेगा। यह पर्यावरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जहां आधुनिक तकनीक का उपयोग करके कचरे का प्रबंधन किया जाएगा और पानी जैसे महत्वपूर्ण संसाधन का संरक्षण भी सुनिश्चित किया जाएगा। यह प्लांट दिल्ली में उत्पन्न होने वाले इलेक्ट्रॉनिक कचरे के सुरक्षित और प्रभावी निपटान। में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा।जल निकायों का कायाकल्प और ₹100 करोड़ का आवंटन
दिल्ली में मौजूद 1,000 से अधिक जल निकायों में से 160 जल निकाय सीधे दिल्ली सरकार के अधीन हैं और इन जल निकायों के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए सरकार ने ₹100 करोड़ के बजट को मंजूरी दी है। पर्यावरण मंत्री ने आश्वासन दिया है कि इन जल निकायों को नया जीवन देने के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। यह पहल दिल्ली के पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने, भूजल स्तर को। बढ़ाने और शहरी जैव विविधता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित होगी। जल निकायों का जीर्णोद्धार न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि शहर की सुंदरता और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करेगा।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार ने सख्त रुख अपनाया है और अब GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) हटने के बाद भी दिल्ली में बिना वैध PUCC (Pollution Under Control Certificate) सर्टिफिकेट के पेट्रोल नहीं मिलेगा। जांच के दौरान 12 PUCC सेंटरों में धांधली पाई गई, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि केवल प्रदूषण मानकों का पालन करने वाले वाहन ही सड़कों पर चलें। इसके साथ ही, प्रदूषण फैलाने वाली 800 से अधिक औद्योगिक इकाइयों पर भी कड़ी कार्रवाई की गई है और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने 411 ऐसी इकाइयों को क्लोजर नोटिस जारी किए हैं, जबकि नगर निगम (MCD) ने 400 इकाइयों को सील कर दिया है। यह दर्शाता है कि सरकार पर्यावरण नियमों के उल्लंघन के प्रति बिल्कुल भी सहनशील नहीं है और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। इन सख्त उपायों से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार आने। की उम्मीद है, जिससे नागरिकों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिल सके।