Delta Plus Variant : देश के 12 राज्यों में फैला कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट, जानिए इसके लक्षण और बचाव का तरीका
Delta Plus Variant - देश के 12 राज्यों में फैला कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट, जानिए इसके लक्षण और बचाव का तरीका
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Updated on: 29-Jun-2021 06:49 AM IST
नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर शांत नहीं हो पाई थी कि एक नए वेरिएंट ने भारत में दस्तक दे दी है। इस वेरिएंट का नाम डेल्टा प्लस है, जो तेजी से फैल रहा है। इसे लेकर कुछ विशेषज्ञों ने चिंता व्यक्त की है और बताया है कि ये वेरिएंट पहले से ज्यादा शक्तिशाली है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है और इस संभावित लहर की मुख्य वजह कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant ) का तेज़ी से फैलना हो सकती है। भारत के 12 राज्यों में डेल्टा प्लस के 51 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इस खबर में हम आपको डेल्टा प्लस वेरिएंट क्या है, इसके लक्षण और इसे लेकर क्या-क्या दावे किए जा रहे हैं उसके बारे में जानकारी दे रहे हैं।क्या है डेल्टा प्लस वेरिएंट?मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो डेल्टा प्लस प्रकार वायरस के डेल्टा या बी1।617।2 प्रकार में उतपरिवर्तन होने से बना है। इस जीनोम का सबसे पहला क्रम इस साल मार्च महीने के आखिर में यूरोप में पाया गया था। वैज्ञानिकों ने कोरोना के इस नए रूप को 'डेल्टा प्लस' 'एवाई 1' नाम दिया है। फिलहाल इसे 'वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट' की कैटेगरी में रखा गया है, यानी इसमें ये पता लगाने कि कोशिश की जाएगी कि किस तरह से ये अपना रूप बदल रहा है। वहीं, माना जा रहा है कि ये भारत में कोरोना की तीसरी लहर आने का कारण बन सकता है।12 राज्यों में मिले मरीजकोरोना की दूसरी लहर के बीच डेल्टा प्लस वेरिएंट तेजी से फैल रहा है। अब तक देश के 12 राज्यों में डेल्टा प्लस के 51 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। सबसे पहले डेल्टा प्लस का वेरिेंट इस साल मार्च में यूरोप में मिला था। तब से लेकर अब तक इस वेरिएंट पर निगरानी रखी जा रही थी। आम लोगों को इसके बारे में जून में पता चला। अब ये वेरिएंट यूरोप, एशिया और अमेरिका जैसे देशों में भी फैल गया है। डॉ। एनके अरोड़ा ने 'डेल्टा प्लस' वैरिएंट को लेकर कही ये बातकोरोना वायरस के 'डेल्टा प्लस' वैरिएंट (Coronavirus Delta Plus Variant) को लेकर एनटीएजीआई के कोविड-19 कार्य समूह के प्रमुख डॉ। एनके अरोड़ा ने कहा कि 'अन्य वैरिएंट की तुलना में डेल्टा प्लस की फेफड़ों के भीतर ज्यादा मौजूदगी मिली है, लेकिन यह ज्यादा नुकसान पहुंचाता है, इसकी पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है। इसका यह भी मतलब नहीं है कि इससे गंभीर बीमारी होगी या यह ज्यादा संक्रामक है।'डेल्टा प्लस के लक्षणस्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो डेल्टा प्लस पहले वाले वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक है। यह फेफड़े की कोशिकाओं में पहले की तुलना में ज्यादा मजबूती से चिपक सकता है। फेफड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। यह हमारे इम्यूनिटी को कमजोर भी कर सकता है और उसे चकमा भी दे सकता है। इसकी चपेट में आने वालों में गंभीर रूप से खांसी, जुकाम और कोल्ड देखने को मिली है। इससे सिरदर्द, गले में खराश, नाक बहना जैसे आम लक्षण तो संभव हैं ही। ऐसे करें बचावघर से बाहर जाएं तो डबल मास्क लगाएंसमय-समय पर सैनिटाइजर का यूज करेंघर से बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें बाहर से घर आएं तो हाथों को करीब 20 सेकेंड तक धोएंबाहर से लाए हुए सामान को डिसइंफेक्ट करें
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