Digital Gold Investment: सोने से बनाना है पैसा तो गहना नहीं, इन डिजिटल विकल्पों में करें निवेश और बनें अमीर

Digital Gold Investment - सोने से बनाना है पैसा तो गहना नहीं, इन डिजिटल विकल्पों में करें निवेश और बनें अमीर
| Updated on: 16-Oct-2025 10:32 AM IST
पहले सोने में निवेश का मतलब गहने, सिक्के या बार खरीदना होता था। लेकिन अब टेक्नोलॉजी ने निवेश के तरीकों को पूरी तरह बदल दिया है। आज सोने में निवेश सिर्फ भौतिक रूप तक सीमित नहीं है, बल्कि डिजिटल और बाजार आधारित कई नए विकल्प सामने आए हैं और लोग बिना एक ग्राम सोना हाथ में लिए लाखों-करोड़ों रुपए निवेश कर सकते हैं और सोने की कीमत बढ़ने का फायदा उठा सकते हैं, साथ ही उसे आसानी से बेच भी सकते हैं। धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारों के मौसम में सोने की खरीददारी एक परंपरा है। लेकिन यदि आप केवल निवेश से लाभ कमाने में रुचि रखते हैं और गहने बनवाने का इरादा नहीं है, तो आपके पास डिजिटल माध्यम से सोने में निवेश के कई आसान विकल्प उपलब्ध हैं।

डिजिटल गोल्ड (Digital Gold)

डिजिटल गोल्ड असली सोने से जुड़ा होता है और इसकी कीमत बाजार के अनुसार बदलती है। इसमें मेकिंग चार्ज या स्टोरेज कॉस्ट जैसी कोई अतिरिक्त लागत नहीं होती। इसे 24 घंटे, सातों दिन खरीदा या बेचा जा सकता है,। और आप मात्र 1 रुपए से भी निवेश शुरू कर सकते हैं। इसमें एकमुश्त (Lump Sum) या SIP दोनों तरीके से निवेश संभव है और tanishq के अनुसार, जब निवेशक डिजिटल गोल्ड बेचते हैं, तो पैसा सीधे उनके बैंक खाते में आता है, और वे चाहें तो इसे असली सोने में भी बदल सकते हैं।

गोल्ड ETF

गोल्ड ETF (Exchange Traded Funds) सीधे असली सोने में निवेश करते हैं, लेकिन निवेशक को सोना अपने पास रखने की आवश्यकता नहीं होती। इन्हें शेयर मार्केट में शेयरों की तरह खरीदा-बेचा जा सकता है, जिसके लिए एक डीमैट अकाउंट अनिवार्य है। ये कम खर्च वाले (Low Expense) और उच्च तरलता (High Liquidity) वाले निवेश विकल्प हैं। अनंद राठी वेल्थ लिमिटेड के डायरेक्टर चिराग मुनी के अनुसार, गोल्ड ETF उन लोगों के लिए सबसे बेहतर विकल्प। हैं जो सोने में निवेश करना चाहते हैं, क्योंकि इनमें स्टोरेज, इंश्योरेंस या मेकिंग चार्ज जैसी लागतें नहीं होतीं। उन्होंने कहा कि गोल्ड ETF डिजिटल गोल्ड से ज्यादा लचीलापन और कम खर्च वाले होते हैं, इसलिए लंबे समय के निवेश के लिए ये अधिक फायदेमंद हैं और उदाहरण के तौर पर, Nippon India ETF Gold BeES ने 2007 से अब तक करीब 950% रिटर्न दिया है, जिसका अर्थ है कि 10 लाख रुपए का निवेश 18 साल में 1 करोड़ रुपए से अधिक हो गया।

गोल्ड म्यूचुअल फंड

गोल्ड म्यूचुअल फंड्स भी गोल्ड ETF में निवेश करते हैं। इसमें आप एकमुश्त निवेश या SIP दोनों कर सकते हैं। ये उन नए निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प हैं जो सीधे सोना नहीं खरीदना चाहते। हालांकि, इनका खर्च अनुपात (Expense Ratio) गोल्ड ETF से थोड़ा ज्यादा होता है, जिससे रिटर्न पर मामूली असर पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, पिछले 10 सालों में ABSL Gold Direct Plan ने 15. 86% का औसत वार्षिक रिटर्न दिया है, जिससे 10 लाख रुपए का निवेश 10 साल में 44 लाख रुपए से ज्यादा हो गया।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs)

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा केंद्र सरकार की ओर से जारी किए जाते हैं। ये 999 शुद्धता वाले सोने पर आधारित होते हैं। इनकी अवधि 8 साल की होती है, लेकिन 5 साल बाद इन्हें भुनाया जा सकता है और इसमें सोने की कीमत बढ़ने का फायदा तो मिलता ही है, साथ ही निवेशक को हर साल 2. 5% ब्याज भी मिलता है। इन्हें सेकेंडरी मार्केट से भी खरीदा जा सकता है।

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