Makar Sankranti: मकर संक्रांति पर लोगों ने जयपुरराइट्स ने दिनभर पतंगबाजी की और देर शाम होते ही आतिशबाजी। आतिशबाजी से नजारा दीपावली जैसा हो गया। लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। दो साल बाद शहर में ऐसा देखने को मिला। कोरोना के कारण दो साल तक लोग मकर संक्रांति को एन्जॉय नहीं कर पा रहे थे।चारदीवारी के लोगों ने इस बार दीपावली से ज्यादा आतिशबाजी मकर संक्रांति पर कर डाली। जिसे देखने के लिए राजस्थान के साथ देशभर से पर्यटक जयपुर पहुंचे।इससे पहले मौसम ने भी शहरवासियों का पूरा साथ दिया। अलसुबह से तेज हवा का दौर शाम तक चला। इस दौरान हर उम्र के लोगों ने पतंग उड़ाकर जयपुर की अनूठी परंपरा का पूरा लुफ्त उठाया। इस दौरान चारदीवारी में बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घर की छत पर म्यूजिक सिस्टम भी लगाया। जो सुबह से देर शाम बजाया गया।
मकर संक्रांति इस बार शनिवार को रहने से लोग दो दिन छुट्टी के मूड में दिखे। इसलिए त्योहार को जमकर एन्जॉय किया। रविवार को भी मकर संक्रांति मनाई जाएगी।
गोविंद देव जी मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाबमकर संक्रांति पर जयपुर के लोग आराध्य देव गोविंद देवजी के दर्शन करते हैं और मंदिर की गोशाला में गायों को हरा चारा खिलाते हैं। यहां सिरहड्योड़ी गेट से अंदर जाने पर बाहरी चौक और जलेब चौक पर पक्षियों को दाना भी डालते हैं। जलेब चौक से मंदिर जाने वाले रास्ते में मिलने वाले बंदरों और गायों को भी फल व हरा चारा दान करते हैं।गोविंद देवजी मंदिर में रविवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया गया। जिसमें मंगला झांकी के बाद ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक किया और ठाकुरजी को नवीन गुलाबी रंग की जामा पोशाक पहनाई गई। इसके साथ ही उनके तिल के लड्डू और फिनी का भोग लगाया गया । ठाकुरजी के पतंगों की झांकी के दर्शन भक्त 15 जनवरी को भी करेंगे। ठाकुरजी के हाथ में सोने की पतंग है और राधा रानी के हाथ में चांदी की चरखी रखी गई। सखियों के हाथ में चरखी सेवा रही।
जलमहल की पाल पर पतंगबाजी के साथ कच्छी घोड़ीजलमहल की पाल पर काइट फेस्टिवल का आयोजन किया गया, जिसमें लोक कलाकरों ने जमकर लोगों का मनोरंजन किया। गीत संगीत के साथ कई लोगों ने पाल से ही पतंग उड़ाई।पतंगबाजी का ये त्योहार हर आम और खास को घरों से निकाल कर छतों पर ले आया। राजनीति से जुड़े नेता-मंत्री तक आसमान में अपनी पतंग बढ़ाकर दांव पेंच लगाते नजर आए।