Chaitra Navratri 2025: महानवमी पर करें ये खास उपाय, मिलेगी मां सिद्धिदात्री की कृपा

Chaitra Navratri 2025 - महानवमी पर करें ये खास उपाय, मिलेगी मां सिद्धिदात्री की कृपा
| Updated on: 04-Apr-2025 09:49 AM IST

चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन महानवमी देवी उपासना का अत्यंत शुभ और फलदायी दिन माना जाता है। इस दिन माता दुर्गा के नवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। साथ ही कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है, जहां नौ कन्याओं को देवी का रूप मानकर उन्हें भोजन और भेंट दी जाती है।

2025 में महानवमी की तिथि और विशेष योग

इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की महानवमी 6 अप्रैल 2025 को पड़ रही है। इस दिन का महत्व और भी अधिक हो जाता है क्योंकि इस दिन चार अत्यंत शुभ योग बन रहे हैं—सुलक्ष्मी योग, रवि पुष्य योग, बुधादित्य योग और मालव्य योग। ऐसे शुभ संयोग में किए गए उपाय निश्चित रूप से सकारात्मक फल देते हैं।


माता सिद्धिदात्री की पूजा विधि

महानवमी के दिन प्रातः स्नान कर साफ वस्त्र पहनें और माता सिद्धिदात्री की पूजा करें। उन्हें सफेद फूल, नारियल और मिठाई अर्पित करें। “ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः” मंत्र का 108 बार जप करें। पूजा के उपरांत कन्या पूजन करें और उन्हें भोजन, उपहार देकर आशीर्वाद प्राप्त करें।


धन प्राप्ति के लिए उपाय

महानवमी के दिन एक लाल कपड़े में नारियल, मिश्री और हल्दी बांधकर माता को अर्पित करें। यह उपाय आर्थिक समृद्धि और घर में लक्ष्मी स्थायित्व के लिए अचूक माना जाता है।


वैवाहिक जीवन में सुख-शांति हेतु उपाय

यदि आप दांपत्य जीवन में सुख और सामंजस्य चाहते हैं, तो इस दिन सुहाग का सामान जैसे चूड़ी, सिंदूर, बिंदी आदि माता को अर्पित करें। इससे वैवाहिक जीवन में प्रेम और समर्पण बढ़ता है।


धन वृद्धि का उपाय

एक पान के पत्ते पर सुपारी, पीली कौड़ी और 1 रुपये का सिक्का रखें। इसे पूजा के बाद घर की तिजोरी या जहां आप धन रखते हैं, वहां स्थापित करें। इससे न सिर्फ धन में वृद्धि होती है, बल्कि करियर में भी उन्नति के संकेत मिलते हैं।


ग्रह दोष से मुक्ति के लिए उपाय

अगर कुंडली में राहु, केतु या शनि के दुष्प्रभाव हैं, तो महानवमी के दिन एक लाल कपड़े में 5 कौड़ियां बांधकर तुलसी के पौधे के पास रख दें। इस उपाय से नकारात्मक ग्रहों का प्रभाव कम होता है और जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।


स्वास्थ्य लाभ के लिए उपाय

घर के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) में दीपक जलाएं और माता का ध्यान करें। यह उपाय रोगों से मुक्ति दिलाकर आरोग्य प्रदान करता है।

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