India-US Trade Deal: भारत के साथ ट्रेड डील पर आया डोनाल्ड ट्रंप का ताजा बयान, जानें पूरी डिटेल्स

India-US Trade Deal - भारत के साथ ट्रेड डील पर आया डोनाल्ड ट्रंप का ताजा बयान, जानें पूरी डिटेल्स
| Updated on: 08-Jul-2025 10:11 PM IST

India-US Trade Deal: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया कि भारत के साथ एक व्यापार समझौता अंतिम चरण में है। सोमवार को एक बयान में ट्रंप ने कहा, "हमने ब्रिटेन और चीन के साथ व्यापार समझौते किए हैं, और अब हम भारत के साथ समझौता करने के बहुत करीब हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि उनके प्रशासन ने कई देशों को पत्र भेजकर आयातित उत्पादों पर लगने वाले टैरिफ की जानकारी देना शुरू कर दिया है। ट्रंप ने स्पष्ट किया, "जिन देशों के साथ समझौता नहीं हो पा रहा है, उन्हें हमने पत्र भेजा है कि यदि वे अमेरिका में अपना सामान भेजना चाहते हैं, तो उन्हें टैरिफ का भुगतान करना होगा।"

हाई टैरिफ सस्पेंशन में विस्तार

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी प्रशासन ने 2 जुलाई से लागू हाई टैरिफ के सस्पेंशन को 9 जुलाई से बढ़ाकर 1 अगस्त तक कर दिया है। इस फैसले से भारत को अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए अतिरिक्त तीन सप्ताह का समय मिल गया है। भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले सप्ताह कहा था कि भारत समयसीमा के दबाव में कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत तभी समझौते को स्वीकार करेगा, जब वह पूरी तरह से अंतिम रूप ले लेगा और राष्ट्रीय हित में होगा।

कृषि और डेयरी सेक्टर: भारत के लिए चुनौती

भारत के लिए कृषि और डेयरी सेक्टर में टैरिफ रियायतें देना एक जटिल मुद्दा बना हुआ है। भारत ने अभी तक किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में अपने डेयरी सेक्टर को पूरी तरह से नहीं खोला है। यह क्षेत्र भारत के लिए संवेदनशील है, और अमेरिका के साथ इस पर सहमति बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ट्रंप प्रशासन ने विभिन्न देशों को पत्र भेजकर उनके आयातित सामान पर लागू होने वाले टैरिफ की जानकारी दी। इसमें बांग्लादेश, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड जैसे देश शामिल हैं। ट्रंप ने इन देशों पर अमेरिका को "लूटने" का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ देश 200 प्रतिशत तक टैरिफ लगा रहे हैं, जो व्यापार को "असंभव" बना रहा है।

वैश्विक व्यापार और टैरिफ की रणनीति

ट्रंप ने अपने बयान में यह भी कहा कि उनकी नीति का उद्देश्य अमेरिकी हितों की रक्षा करना है। उन्होंने दावा किया कि कई देश अमेरिका के साथ व्यापार में अनुचित लाभ उठा रहे हैं। पत्र भेजने की प्रक्रिया को ट्रंप ने एक चेतावनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसमें देशों को स्पष्ट किया गया है कि अमेरिकी बाजार में प्रवेश के लिए उन्हें टैरिफ का भुगतान करना होगा। इस नीति का असर भारत जैसे देशों पर भी पड़ सकता है, जो अमेरिका के साथ व्यापार में संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।

आगे की राह

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता लगभग अंतिम चरण में है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर अभी भी सहमति बननी बाकी है। खास तौर पर, कृषि और डेयरी सेक्टर में भारत की सतर्कता इस समझौते की दिशा को प्रभावित कर सकती है। पीयूष गोयल के बयान से स्पष्ट है कि भारत राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देगा। दूसरी ओर, ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीति वैश्विक व्यापार में एक नया दबाव पैदा कर रही है। अगले कुछ हफ्तों में भारत और अमेरिका के बीच होने वाली बातचीत इस समझौते के भविष्य को तय करेगी।

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