Anant Singh Arrest: दुलारचंद यादव हत्याकांड: पूर्व विधायक अनंत सिंह बाढ़ के कारगिल मार्केट से गिरफ्तार, 150 पुलिसकर्मी मौके पर

Anant Singh Arrest - दुलारचंद यादव हत्याकांड: पूर्व विधायक अनंत सिंह बाढ़ के कारगिल मार्केट से गिरफ्तार, 150 पुलिसकर्मी मौके पर
| Updated on: 02-Nov-2025 08:31 AM IST
पटना पुलिस ने मोकामा के दुलारचंद यादव हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व विधायक और जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह को देर रात गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें बाढ़ के कारगिल मार्केट से पकड़ा गया, जहाँ वे पुलिस के पहुँचने पर सरेंडर करने के लिए पहले से ही तैयार बैठे थे। इस गिरफ्तारी अभियान का नेतृत्व पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने किया, जिसमें लगभग 150 पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिस के पहुँचते ही अनंत सिंह ने बिना किसी विरोध के सफेद स्कॉर्पियो में बैठकर पुलिस के साथ जाना स्वीकार कर लिया और इस दौरान उनके किसी भी समर्थक ने कोई हंगामा नहीं किया, जिससे गिरफ्तारी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई।

दुलारचंद यादव हत्याकांड का घटनाक्रम

यह गिरफ्तारी 30 अक्टूबर को हुई एक झड़प के बाद हुई, जिसमें 75 वर्षीय दुलारचंद यादव की मृत्यु हो गई थी और पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के अनुसार, यह झड़प दो प्रत्याशियों के गुटों के बीच हुई थी, जिसमें पथराव भी हुआ और कई लोग घायल हुए। घटना के बाद दुलारचंद यादव का शव बरामद किया गया, जो उसी गाँव के निवासी थे जहाँ यह झड़प हुई थी। मृतक के पोते ने अनंत सिंह समेत चार लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके अतिरिक्त, जनसुराज के प्रत्याशी पियूष प्रियदर्शी ने भी छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी, और पुलिस ने अपनी जांच के आधार पर एक अलग प्राथमिकी दर्ज की थी। साक्ष्यों, प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने पाया कि यह घटना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन थी और एक गंभीर मामला था, जिसमें अनंत सिंह की मौजूदगी पाई गई, जिससे वे इस मामले में मुख्य आरोपी बन गए।

गिरफ्तारी और अन्य आरोपियों की धरपकड़

अनंत सिंह की गिरफ्तारी के साथ ही उनके दो साथी मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी पकड़ा गया है। एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि हत्या के आरोप में कुल तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन तीनों आरोपियों ने आत्मसमर्पण नहीं किया था, बल्कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है। पुलिस जल्द से जल्द अदालत से उनकी रिमांड लेने और जांच शुरू करने की कोशिश करेगी। दुलारचंद यादव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनके पैर में गोली लगी थी, जिससे उनकी मृत्यु हुई। रिपोर्ट में एक प्रवेश घाव और एक निकास घाव का उल्लेख है, हालांकि गोली बरामद नहीं हुई है। इस घटना में अनंत सिंह के साथ-साथ कुल 21 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है, और घटना के एक दिन पहले 80 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जो चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे।

प्रशासनिक कार्रवाई और चुनाव आयोग का सख्त रुख

दुलारचंद हत्याकांड मामले में निर्वाचन आयोग ने बेहद सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) सहित चार अधिकारियों का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया है, जबकि एक अधिकारी को निलंबित (सस्पेंड) कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, भदौर और घोसवरी थाना प्रभारी को भी निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान हुई लापरवाही और संवेदनशील मामले में अपेक्षित सतर्कता न बरतने के आरोपों के आधार पर की गई है और आयोग ने स्पष्ट किया है कि कानून-व्यवस्था में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पटना के डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने बताया कि घटना को बहुत गंभीरता से लिया गया है और पिछले 48 घंटों से प्रशासन दिन-रात कैंप कर रहा है। स्थिति अब पूरी तरह सामान्य है।

सुरक्षा व्यवस्था और निष्पक्ष चुनाव की प्रतिबद्धता

मोकामा में तनाव की स्थिति को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके। राजद प्रत्याशी वीणा देवी, अनंत सिंह और जनसुराज के प्रत्याशी प्रियदर्शी पियूष को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की गई है। पटना के डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने जोर देकर कहा कि जिला प्रशासन और पुलिस मोकामा विधानसभा क्षेत्र में हुई घटना को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता पूरी चुनाव प्रक्रिया का एक मजबूत स्तंभ है और यदि कोई असामाजिक तत्व कानून या आदर्श आचार संहिता के खिलाफ जाने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने 100% हथियार जमा करने के निर्देश दिए हैं, और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 50 से अधिक चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) भी जांच कर रहा है और अवैध हथियारों को जब्त करने के लिए छापेमारी की जा रही है। इस मामले की जांच सीआईडी ने भी शुरू कर दी है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सभी पहलुओं की गहनता से पड़ताल हो।

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