EC SIR Phase 2: EC का बड़ा फैसला, राजस्थान में भी होगा SIR, क्या-क्या डॉक्यूमेंट्स जरूरी? जानें हर जरूरी बात

EC SIR Phase 2 - EC का बड़ा फैसला, राजस्थान में भी होगा SIR, क्या-क्या डॉक्यूमेंट्स जरूरी? जानें हर जरूरी बात
| Updated on: 27-Oct-2025 06:22 PM IST
भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची की शुद्धता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को घोषणा की कि 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का दूसरा चरण शुरू किया जाएगा। इस चरण में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, पुडुचेरी और तमिलनाडु जैसे प्रमुख राज्य शामिल हैं और यह व्यापक अभ्यास कल, यानी मंगलवार से बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AERO) के प्रशिक्षण के साथ शुरू होगा, जो चुनावी प्रक्रिया की रीढ़ हैं।

वोटर लिस्ट फ्रीज और प्रशिक्षण का महत्व

चुनाव आयोग के इस ऐलान के साथ ही, जिन 12 राज्यों में SIR प्रक्रिया। शुरू की जा रही है, उनकी मतदाता सूची आज रात से फ्रीज कर दी जाएगी। यह कदम पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान किसी भी अनधिकृत बदलाव को रोकने और सूची की अखंडता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि हर चुनाव से पहले मतदाता सूची का पुनरीक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में, विभिन्न राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची की शुद्धता पर चिंता व्यक्त की है, जिससे यह विशेष गहन पुनरीक्षण और भी आवश्यक हो गया है और इस प्रक्रिया के तहत, इन 12 राज्यों में कुल 50. 99 लाख (लगभग 51 करोड़) से अधिक मतदाता हैं, जिनके लिए 5. 33 लाख से अधिक मतदान केंद्र और BLOs तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा, 10,448 EROs/AEROs और 321 DEOs इस विशाल कार्य की निगरानी करेंगे।

SIR की आवश्यकता और इतिहास

अंतिम बार 2000 से 2004 के बीच विशेष गहन पुनरीक्षण किया गया था, जिसके बाद इतने लंबे अंतराल पर यह प्रक्रिया अब और भी ज्यादा जरूरी हो गई है। मतदाता सूची में समय के साथ मृत मतदाताओं के नाम, स्थायी रूप से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित हुए मतदाताओं के नाम, और उन नामों की पहचान करना महत्वपूर्ण है जो दो स्थानों पर पंजीकृत हैं। आयोग ने पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से SIR करवाने का निर्णय लिया है, जिसकी शुरुआत बिहार से हुई थी। इस पुनरीक्षण का प्राथमिक उद्देश्य एक त्रुटिहीन और अद्यतन मतदाता सूची। तैयार करना है, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों का आधार है। मतदाताओं की सुविधा के लिए, चुनाव आयोग ने यह भी निर्णय लिया है कि किसी भी मतदान केंद्र में 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे, ताकि मतदान के दिन भीड़ से बचा जा सके और प्रक्रिया सुचारू रूप से चले और sIR प्रक्रिया के तहत, बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) प्रत्येक मतदाता के घर कम से कम तीन बार जाएंगे। यह घर-घर जाकर सत्यापन यह सुनिश्चित करेगा कि मतदाता सूची में कोई त्रुटि न हो। इसके अतिरिक्त, मतदाताओं के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जिससे प्रक्रिया और भी सुलभ हो जाएगी। BLOs मृत लोगों, स्थायी तौर पर दूसरे जगह शिफ्ट हो चुके और दो जगह पर रजिस्टर्ड मतदाताओं की पहचान करेंगे और उन्हें सूची से हटाएंगे या संशोधित करेंगे।

मतदाताओं की सुविधा और प्रक्रिया

आवश्यक दस्तावेज और पहचान प्रक्रिया

चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि जिन लोगों का नाम पहले से मतदाता सूची में है, उन्हें किसी भी प्रकार के अतिरिक्त दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी। BLO जब Enumeration forms लेकर मतदाताओं के घर जाएंगे, तो वे मौजूदा नामों का 2003 की सूची से मिलान करेंगे। यदि नाम या माता-पिता के नाम का मिलान होता है, तो कोई कागज नहीं मांगा जाएगा। नए पंजीकरण या संशोधन के लिए, मतदाताओं से रंगीन फोटो लगाने का आग्रह किया गया है। SIR के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची में केंद्र/राज्य सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम द्वारा जारी पहचान पत्र, पेंशन भुगतान आदेश, 01 जुलाई 1987 से पहले जारी पहचान पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, मैट्रिकुलेशन/शैक्षणिक प्रमाण पत्र, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, NRC (जहां लागू हो), परिवार रजिस्टर, भूमि/मकान आवंटन प्रमाण पत्र, और आधार कार्ड शामिल हैं। आधार के लिए, आयोग के 09. 09. 2025 के निर्देश लागू होंगे।

शामिल होने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेश

SIR के दूसरे चरण में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात,। केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। ये सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस बड़े पुनरीक्षण अभियान का हिस्सा बनेंगे, जिसका उद्देश्य भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करना है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में हो और कोई भी अयोग्य व्यक्ति सूची में शामिल न हो। यह अभ्यास चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को और बढ़ाएगा।

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