Electoral Bonds Case: 'सरकार के इशारों पर चुनाव आयोग काम करता है'- कपिल सिब्बल ने फिर साधा निशाना

Electoral Bonds Case - 'सरकार के इशारों पर चुनाव आयोग काम करता है'- कपिल सिब्बल ने फिर साधा निशाना
| Updated on: 17-Mar-2024 03:09 PM IST
Electoral Bonds Case: राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर एक बार फिर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है, इसका फायदा सीधा बीजेपी को हुआ है। उन्होंने कहा कि आरएसएस (RSS) और बीजेपी (BJP) बताए इस करप्शन पर क्या कहेंगे, उन्हें जवाब देना चाहिए। ED सिर्फ विपक्ष के नेताओं पर रेड करती है। अरविंद केजरीवाल को आज नहीं तो कल गिरफ्तार करेगी। चुनाव आयोग सरकार के इशारों पर काम करता है। सात चरणों में चुनाव कराकर आयोग इसी बात को साबित करना चाहता है।

"किसी ने कहा था- ना खाऊंगा ना खाने दूंगा"

इससे पहले इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद सिब्बल ने पीएम मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स से पता चलता है कि कहीं न कहीं 'लाभ के बदले लाभ देने' का काम हुआ है। उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि किसी ने कहा था- ना खाऊंगा ना खाने दूंगा। पीएम मोदी ने 2014 से पहले भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा करते हुए ये बात कही थी।

कोर्ट से मांगे गए एक्सटेंशन पर भी की थी टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "इलेक्टोरल बॉन्ड के दानदाता, लाभ के बदले लाभ स्पष्ट रूप से दिख रहा है।" उन्होंने आगे पीएम मोदी का नाम नहीं लिए बगैर कहा, 'एक क्विज है- किसने कहा था- ना खाऊंगा ना खाने दूंगा?' इससे पहले उन्होंने एसबीआई की ओर से इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स जारी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से मांगे गए एक्सटेंशन पर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि एसबीआई ने टालने की कोशिश की, लेकिन कोर्ट मजबूती से खड़ा रहा।

एसबीआई ने चुनाव आयोग को बॉन्ड की डिटेल सौंपी

बता दें कि चुनाव आयोग ने 14 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स सार्वजनिक की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 12 मार्च को चुनाव आयोग को बॉन्ड की डिटेल्स दी, जिसे फिर सार्वजनिक कर दिया गया। इसके सामने आते ही विपक्षी दलों ने बयानबाजी शुरू कर दी और कहा कि डिटेल्स से पता चलता है कि सबसे ज्यादा चुनावी चंदा बीजेपी को मिला है।

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