Petrol-Diesel Price: बढ़ती महंगाई के बीच पेट्रोल-डीजल से बड़ी राहत की उम्मीद, और कम होंगे तेल के दाम, जानें कैसे

Petrol-Diesel Price - बढ़ती महंगाई के बीच पेट्रोल-डीजल से बड़ी राहत की उम्मीद, और कम होंगे तेल के दाम, जानें कैसे
| Updated on: 04-Jun-2022 08:07 AM IST
Petrol-Diesel Price | तेल,गैस और दैनिक उपभोग की वस्तुओं की कीमत में लगातार इजाफे से त्रस्त देश की जनता को डीजल-पेट्रोल से राहत की आस नजर आ रही है। महंगाई की मार झेल रहे लोगों को आने वाले दिनों में डीजल और पेट्रोल की कीमत में रियायत मिलेगी। ऐसा इसलिए कि तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक प्लस) और रूस समेत अन्य सहयोगी देश कच्चे तेल की उत्पादन सीमा को बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं। इससे वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम में गिरावट आएगी और देश में भी तेल सस्ता हो जाएगा।

ओपेक और सहयोगी देशों (ओपेक प्लस) ने महामारी के दौरान अपने कुल उत्पादन में भारी कटौती की थी। मगर अब नए फैसले से कोरोना के दौरान की गई कटौती को तेजी से बहाल करने में मदद मिलेगी। ओपेक मौजूदा समय में प्रति दिन 4,32,000 बैरल कच्चे तेल का उत्पादन कर रहा है। हालांकि अब इस सीमा को जुलाई से बढ़ाकर 6,48,000 बैरल प्रतिदिन करने का फैसला ओपेक प्लस द्वारा लिया गया है। यह फैसला ऐसे समय किया गया है जब कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण अमेरिका में पेट्रोल का दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। अमेरिका में कच्चे तेल की कीमत में इस साल की शुरुआत से अब तक 54 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

देश में ऐसे कम होंगे तेल के दाम

तेल निर्यातक देशों के ताजा फैसले से विश्व में कच्चे तेल की आपूर्ति पहले की तुलना में काफी बढ़ेगी और इस कारण इसकी कीमतें भी वैश्विक बाजार में कम हो जाएगी। भारत अपनी कुल जरूरत का 85 फीसदी कच्‍चा तेल आयात करता है, ऐसे में यदि कच्चा तेल सस्ता होगा तो निश्चित तौर पर भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम गिरेंगे।

वित्तीय वर्ष 2021-22 (अप्रैल 2021 से मार्च 2022) में भारत ने तेल पर लगभग 119.2 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किया था। शुरूआत में तेल उत्‍पादक देश ज्‍यादा मुनाफा कमाने के लिए अपनी आपूर्ति नहीं बढ़ाने के जिद पर अड़े हुए थे। उनकी दलील थी कि महामारी के समय सस्ता कच्चा तेल बेचकर उन्‍हें काफी घाटा हुआ है, जिसकी भरपाई होने तक उत्‍पादन में इजाफा नहीं किया जा सकता है। हालांकि बाद में इस पर उन्हें सहमत होना पडा।

यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद बढ़ा संकट

गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद यूरोपीय देशों का रूस के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों के चलते कच्चे तेल के उत्पादन में कमी आई है। इसी कमी को पूरा करने के लिये ओपेक और सहयोगी देशों से उत्पाद बढ़ाने का आग्रह किया गया था। रूस दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है जो रोजाना 80 लाख बैरल तेल का उत्पादन करता था। रूस, दुनिया के कई देशों में कच्चे तेल की सप्लाई करता है। रूस पर विभिन्न प्रतिबंधों और कम उत्पादकता के कारण वैश्विक बाजार में कीमतें बढ गई।

नौ गुना बढ़ा रूसी तेल का आयात

रूस के तेल पर विभिन्न प्रतिबंधों के बाद भी भारत लगातार रूस से सस्ते दाम पर तेल खरीद रहा है। केप्लर के एक विवरण के मुताबिक,यूक्रेन युद्ध के बीच भारत का पूरा जोर रूस से सस्ता तेल खरीदने पर है। भारत रूस से रिकॉर्ड स्तर पर तेल खरीद रहा है। रूसी तेल का भारतीय आयात 12 महीने पहले की तुलना में नौ गुना तक अधिक हो गया है। हालांकि अभी तक भारत अपने कुल तेल आयात का केवल 2 प्रतिशत ही रूस से आपूर्ति करता रहा है, ऐसे में वैश्विक तेल की कीमतों से ही भारत में तेल के दाम तय होते है।

क्या है ओपेक प्लस?

यह ओपेक के सदस्य देशों और 10 प्रमुख गैर-ओपेक तेल निर्यातक देशों (अज़रबैजान, बहरीन, ब्रुनेई, कज़ाखस्तान, मलेशिया, मैक्सिको, ओमान, रूस, दक्षिण सूडान और सूडान) का गठबंधन हैं। ओपेक के कुल 14 देश (ईरान, इराक, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, अल्जीरिया, लीबिया, नाइजीरिया, गैबॉन, इक्वेटोरियल गिनी, कांगो गणराज्य, अंगोला, इक्वाडोर और वेनेजुएला) सदस्य हैं। ओपेक प्लस का मकसद दुनियाभर में तेल की आपूर्ति और उसकी कीमतें निर्धारित करना है। हर महीने विएना में ओपेक प्लस देशों की बैठक होती है। इसी बैठक में यह तय होता है कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कितने कच्चे तेल की आपूर्ति करनी है।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।