Faridabad Terror Plot: फरीदाबाद में डॉक्टर के कमरे से 300 किलो RDX और AK-47 बरामद, आतंकी संगठन से जुड़ाव का खुलासा
Faridabad Terror Plot - फरीदाबाद में डॉक्टर के कमरे से 300 किलो RDX और AK-47 बरामद, आतंकी संगठन से जुड़ाव का खुलासा
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद में एक सनसनीखेज ऑपरेशन को अंजाम दिया है, जिसमें एक डॉक्टर के किराए के कमरे से भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद किए गए हैं और इस कार्रवाई ने पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। बरामदगी में लगभग 300 किलोग्राम आरडीएक्स, दो एके-47 राइफल, 84 कारतूस और कुछ रासायनिक पदार्थ शामिल हैं, जो एक बड़े आतंकी हमले की साजिश का संकेत देते हैं। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक विशेष टीम द्वारा स्थानीय पुलिस। के सहयोग से गुप्त सूचना के आधार पर किया गया था।
प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि जिस डॉक्टर के कमरे से ये विस्फोटक और हथियार बरामद हुए हैं, उसका संबंध अंसार गजवत-उल-हिंद (AGH) नामक आतंकी संगठन से है। यह संगठन कश्मीर में शरिया कानून के तहत एक इस्लामिक राज्य स्थापित करने और भारत के खिलाफ जिहाद छेड़ने के उद्देश्य से 2017 में हिजबुल मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर ज़ाकिर मूसा द्वारा गठित किया गया था। इस खुलासे ने आतंकी नेटवर्क की पहुंच और उसके शहरी क्षेत्रों में घुसपैठ की क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच एजेंसियां इस नेटवर्क के पूरे विस्तार को समझने की कोशिश कर रही हैं।
गिरफ्तारियां और फरार आरोपी
इस मामले में अब तक तीन डॉक्टरों के इस आतंकी संगठन से जुड़े होने की बात सामने आई है। इनमें से दो डॉक्टरों, अदील अहमद राथर (अनंतनाग निवासी) और मुज़म्मिल शकील (पुलवामा निवासी) को क्रमशः सहारनपुर और फरीदाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है और हालांकि, तीसरा डॉक्टर अभी भी फरार बताया जा रहा है, जिसकी तलाश में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगातार छापेमारी कर रही हैं। इन गिरफ्तारियों से आतंकी संगठन के नेटवर्क को तोड़ने में महत्वपूर्ण सफलता मिली। है, लेकिन फरार आरोपी की मौजूदगी अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है।अदील राथर का संदिग्ध अतीत
गिरफ्तार डॉक्टरों में से एक, अदील अहमद राथर का अतीत भी संदिग्ध रहा है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग मेडिकल कॉलेज (GMC) में उसके निजी लॉकर से एक एके-47 राइफल बरामद की गई थी। उस समय अदील कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के तौर पर कार्यरत था, लेकिन उसने 24 अक्टूबर 2024 को अपना पद छोड़ दिया था। यह घटनाक्रम मौजूदा बरामदगी से उसके गहरे आतंकी संबंधों की पुष्टि करता है और पुलिस ने उस समय यह कार्रवाई जॉइंट इंटरोगेशन सेंटर (JIC) अनंतनाग की मदद से की थी, जो यह दर्शाता है कि अदील पहले से ही सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में था।नेटवर्क को फिर से सक्रिय करने की कोशिश
जांच एजेंसियों का मानना है कि अदील और उसके सहयोगी डॉक्टर आतंकवादी संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद के नेटवर्क को फिर से सक्रिय करने की कोशिश में थे और इतनी बड़ी मात्रा में आरडीएक्स और हथियार बरामद होना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वे किसी बड़े विध्वंसक कार्य को अंजाम देने की फिराक में थे। यह दर्शाता है कि आतंकी संगठन अपने पुराने कैडरों को फिर से संगठित करने और नए सदस्यों को भर्ती करने का प्रयास कर रहे हैं, खासकर उन लोगों को जो समाज में प्रतिष्ठित पदों पर हैं, ताकि वे अपनी गतिविधियों को आसानी से छिपा सकें।आरडीएक्स की उत्पत्ति और नेटवर्क का विस्तार
पुलिस अब इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इतनी बड़ी मात्रा में आरडीएक्स और हथियार फरीदाबाद तक कैसे पहुंचे और यह एक गंभीर सवाल है क्योंकि यह सीमा पार से हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी के एक बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करता है। अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में कई राज्यों में फैले नेटवर्क की संभावना जताई जा रही है और एजेंसियां इसके तार कश्मीर घाटी, उत्तर प्रदेश और हरियाणा तक तलाश रही हैं। यह जांच राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आतंकी फंडिंग,। लॉजिस्टिक्स और स्लीपर सेल के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उजागर कर सकती है।राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव
फरीदाबाद में डॉक्टर के कमरे से भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियारों की बरामदगी ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर चिंताएं बढ़ा दी हैं। यह घटना शहरी क्षेत्रों में आतंकी तत्वों की मौजूदगी और उनके द्वारा। समाज के विभिन्न वर्गों में घुसपैठ करने की क्षमता को उजागर करती है। सुरक्षा एजेंसियों को अब ऐसे स्लीपर सेल और उनके समर्थकों की पहचान करने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए अपनी निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने के प्रयासों को और तेज करना होगा और इस तरह की बरामदगी यह भी दर्शाती है कि आतंकी संगठन अपनी रणनीति बदल रहे हैं और वे अब केवल सीमावर्ती क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि देश के आंतरिक हिस्सों में भी अपनी जड़ें जमा रहे हैं। इस मामले की गहन जांच से आतंकी नेटवर्क के कई महत्वपूर्ण पहलुओं का खुलासा होने की उम्मीद है।