देश: खेतों में बने मकान पर भी किसान ले सकते बैंक लोन, नियमों में किया गया बदलाव

देश - खेतों में बने मकान पर भी किसान ले सकते बैंक लोन, नियमों में किया गया बदलाव
| Updated on: 02-Oct-2021 10:35 AM IST
प्रदेश में 2 अक्टूबर से शुरू हो रहे प्रशासन शहरों के संग और प्रशासन गांवों के संग अभियान को लेकर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का दावा है कि इस अभियान के जरिए सरकार गांव-ढाणियों तक के लोगों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेगी।

मंत्री हरीश चौधरी ने सोमवार को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रशासन गांव के संग अभियान में इस बार नकल और नक्शा जैसे काम नहीं के बराबर होंगे। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग की ओर से 300 से ज्यादा तहसील ऑनलाइन कर दी गई हैं। अगर किसी को नक्शा और नकल चाहिए तो मैं ऑनलाइन आवेदन कर सकता है।

खेतों में बने मकान पर लोन ले सके किसान

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि अब किसान(Farmer) खेतों में बने अपने मकान पर भी लोन ले सकेगा। इसके लिए राजस्थान भू राजस्व अधिनियम के नियमों बदलाव किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों(Farmer) और ग्रामीणों के पास अस्थाई तौर पर बड़े प्लॉट होते हैं, जिनका स्वामित्व उनके पास कब्जे के तौर पर तो होता है, लेकिन नियमों में उनका स्वामित्व नहीं होता।

ऐसे में उस जमीन की खातेदारी भी किसान या ग्रामीण के पास नहीं होती थी लेकिन अब उस मकान का स्वामित्व किसान को मिल जाएगा। हरीश चौधरी ने कहा कि खेत में अगर आवास होते थे तो उन पर बैंक का लोन नहीं मिलता था, लेकिन अब जब किसानों(Farmer) को खेत में बने मकानों के पट्टे मिल जाएंगे तो उन्हें लोन भी मिल जाएगा।

गांवों के संग अभियान में 21 विभागों के काम होंगे

प्रशासन गांव के संग अभियान के तहत प्रदेश की 352 पंचायत समितियों के कुल 11341 ग्राम पंचायतों कि हर ग्राम पंचायत में शिविर लगाए जाएंगे। इस अभियान के तहत 21 विभागों के काम हर पंचायत में लगने वाले शिविरों में होंगे। इन विभागों में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल, कृषि, जनजाति क्षेत्रीय विकास, उर्जा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, सैनिक कल्याण, महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, आयोजना, पशुपालन, श्रम, आयुर्वेद के कार्य होंगे। इसी प्रकार सहकारिता विभाग, राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड, सार्वजनिक निर्माण, शिक्षा, वन विभाग, जल संसाधन एवं परिवहन विभाग के कार्य शामिल होंगे।


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