Farmer Protest: देशभर के किसानों का आज फिर दिल्ली कूच, राजधानी में कड़ी सुरक्षा

Farmer Protest - देशभर के किसानों का आज फिर दिल्ली कूच, राजधानी में कड़ी सुरक्षा
| Updated on: 06-Mar-2024 08:58 AM IST
Farmer Protest: आज देशभर के किसान संगठन दिल्ली के जंतर-मंतर पर जमा होंगे लेकिन पंजाब-हरियाणा शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले 23 दिनों किसान दिल्ली की तरफ कूच नहीं करेंगे। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल की अगुवाई वाले संगठनों ने देशभर के किसानों से दिल्ली पहुंचने की अपील की थी जिसके बाद आज किसान दिल्ली कूच करेंगे। किसान संगठनों ने किसानों से बसों, ट्रेनों से दिल्ली पहुंचने को कहा है। 

दिल्ली में लगी धारा-144, कैसे आएंगे किसान?

वहीं किसानों के मार्च को देखते हुए एक बार फिर दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। दिल्ली के सभी एंट्री बॉर्डर पर एक्सट्रा फोर्स तैनात कर दी गई है, साथ ही बैरिकेडिंग को फिर से लगा दिया गया है। आज पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर बैठे किसान दिल्ली कूच नहीं करेंगे, उनकी जगह आज देशभर के दूसरे किसान संगठन दिल्ली कूच करेंगे। किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए पूरी दिल्ली में धारा 144 लागू है। दिल्ली में किसी तरह के प्रदर्शन, रैली या सभा करने पर रोक लगी है। अगर कोई शख्स नई दिल्ली में प्रदर्शन करेगा तो उसे हिरासत में लिया जा सकता है।

पुलिस को आशंका है कि किसान बसों और ट्रेनों और प्राइवेट गाड़ियों से दिल्ली आ सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने टीकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर, रेलवे और मेट्रो स्टेशनों पर निगरानी बढ़ाने का आदेश दिया है। इस बीच किसान संगठनों ने आज से अगले 8 दिनों तक का पूरा प्लान तैयार कर लिया है।

'किसानों की बात नहीं सुन रही सरकार'

किसान संगठन आज दिल्ली में जंतर-मंतर पर पहुंचेंगे इसके लिए किसान ट्रेन और बसों का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं 10 मार्च को किसान संगठन 4 घंटे तक ट्रेन रोकेंगे जबकि 14 मार्च को दिल्ली में महापंचायत बुलाई गई है। किसान संगठन अभी भी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। उनका आरोप है कि सरकार उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।

क्या है किसानों की मांगें?

  • किसान संगठन अपनी एक दर्जन मांगों के साथ पंजाब हरियाणा के बॉर्डर पर डटे हुए हैं उनकी मांग है कि सरकार-
  • सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाए।
  • स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों कीमत तय हो।
  • किसान और खेत में काम करने वाले मजदूरों का कर्जा माफ हो।
  • 60 साल से ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन दी जाए।
  • भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए।
  • लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए।
  • किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले।
बातचीत को तैयार सरकार, कहां फंस गया पेंच?

वहीं, अब किसान आंदोलन में राजस्थान के किसान भी शामिल होने लगे हैं। किसानों ने 11 मार्च को जयपुर मार्च रखा है। किसान संगठन ट्रैक्टरों के साथ जयपुर कूच करेंगे। किसानों की मांग है कि सरकार एमएसपी गारंटी कानून बनाए। 4 दौर की बातचीत के बाद अब तक सरकार और किसानों के बीच किसी तरह की कोई सहमति नहीं बन सकी है। हालांकि चौथी मीटिंग में सरकार ने चार फसलों पर एमएसपी की गारंटी देने का वादा किया था लेकिन किसान संगठनों ने सरकार के उस प्रस्ताव को नकार दिया। आज एक बार फिर किसान दिल्ली कूच करने जा रहे हैं मतलब ये कि आज एक बार फिर दिल्लीवालों को ट्रैफिक जाम से रूबरू होना पड़ सकता है।

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