देश: कृषि विधेयकों के खिलाफ आज किसानों का भारत बंद, पंजाब में तीन दिन का रेल रोको आंदोलन
देश - कृषि विधेयकों के खिलाफ आज किसानों का भारत बंद, पंजाब में तीन दिन का रेल रोको आंदोलन
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Updated on: 25-Sep-2020 06:14 AM IST
चंडीगढ़। पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) के किसान संसद में पारित कृषि सुधार विधेयकों (Farm Bills) के खिलाफ आज हड़ताल करेंगे। पंजाब बंद (Punjab Bandh) के लिए 31 किसान संगठनों ने हाथ मिलाया है। हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kissan Union) समेत कई संगठनों ने कहा है कि उन्होंने विधेयकों के खिलाफ कुछ किसान संगठनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (CM Amarinder Singh) ने प्रदर्शन के दौरान किसानों से कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और कोरोना वायरस (Coronavirus) से जुड़े सभी नियमों का पालन करने की अपील की है। एक बयान में सिंह ने कहा कि राज्य सरकार विधेयकों के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह किसानों के साथ है और धारा 144 के उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हड़ताल के दौरान कानून-व्यवस्था की दिक्कतें पैदा नहीं करनी चाहिए। उन्होंने किसानों से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि नागरिकों को किसी तरह की दिक्कतें नहीं हो और आंदोलन के दौरान जान-माल को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होना चाहिए। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) महासचिव सुखबीर सिंह ने हड़ताल के समर्थन में वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, दुकानदारों से अपनी दुकानों बंद रखने की अपील की है।आम आदमी पार्टी भी कर रही है समर्थनपंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Punjab Congress Chief Sunil Jakhar) ने भी लोगों से किसानों का समर्थन करने और हड़ताल को सफल बनाने का अनुरोध किया है। मुख्य विपक्षी आम आदमी पार्टी पहले ही अपना समर्थन दे चुकी है जबकि शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) ने सड़क बंद करने की घोषणा की है। विधेयकों के खिलाफ किसानों ने पंजाब में कई स्थानों पर गुरुवार को तीन दिवसीय रेल रोको प्रदर्शन शुरू किया और पटरियों पर धरना दिया। अनिश्चितकालीन रेल रोको प्रदर्शन भी शुरू करने का फैसलाकिसान संगठनों ने एक अक्टूबर से अनिश्चितकालीन रेल रोको प्रदर्शन भी शुरू करने का फैसला किया है। प्रदर्शनकारियों ने आशंका व्यक्त की है कि केंद्र के कृषि सुधारों से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और कृषि क्षेत्र बड़े पूंजीपतियों के हाथों में चला जाएगा। किसानों ने कहा है कि तीनों विधेयक वापस लिए जाने तक वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। हरियाणा भाकियू के प्रमुख गुरनाम सिंह ने कहा कि उनके संगठन के अलावा कुछ अन्य किसान संगठनों ने भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। सिंह ने कहा, ‘‘हमने अपील की है कि राज्य के राजमार्गों पर धरना होना चाहिए और अन्य सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध होना चाहिए। राष्ट्रीय राजमार्गों पर धरना नहीं देना चाहिए।’’ सिंह ने कहा कि हड़ताल के दौरान सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक किसी भी प्रकार के गैरकानूनी काम में संलिप्त नहीं होना चाहिए।भाकियू नेता ने कहा कि कमीशन एजेंट, दुकानदारों और ट्रांसपोर्टरों से भी हड़ताल का समर्थन करने का अनुरोध किया गया है।
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