जयपुर | फास्टटैग, मकसद है एनएचएआई के सभी टोल प्लाजा पर वाहन चंद सेकेंडों में ही गुजर सकें ताकि समय और पैसे की बचत हो। 15 दिसंबर से सिर्फ एक कैशलेन होगी, बाकी सब फास्ट टैग लेन।ऐसे में जब भास्कर जयपुर शहर के टोल प्लाजा पर ग्राउंड रियलिटी जानने पहुंचा तो तस्वीर बिल्कुल अलग दिखी। कई जगह तो कैशलेन में 8 मिनट लग रहे हैं, वहीं फास्ट टैग लेन में 10-10 मिनट वाहनों को कतार में खड़ा होना पड़ रहा है।
जयपुर-सीकर रोड टाटियावास टोल प्लाजा- टाटियावास टोल प्लाजा पर आने-जाने की 5-5 लाइनें हैं। इनमें से 2-2 लाइनें फास्ट टैग और 3-3 लाइनों में कैश लेने की व्यवस्था है।
- 25000 वाहन रोज गुजरते हैं, इनमें तकरीबन 20000 कारें 5000 भारी वाहन (ट्रक) हैं।
- 6000 कारें, 2000 ट्रक ही फास्ट टैग लगे हुए निकल रहे हैं।
- सुबह-शाम तो वाहनों को निकलने में 10 मिनट से ज्यादा लग रहा है।
बड़ी समस्या- फास्ट टैग से टोल कटने के बाद भी कंम्प्यूटर राशि कटना नहीं बता रहा था जबकि चालक कह रहे थे- उनके मोबाइल में राशि कटने का मैसेज आया है।
दौलतपुरा टोल प्लाजा - यहां आने-जाने की 14 लेन हैं। 24 घंटे में करीब 18000 वाहन गुजरते हैं।
- 6000 कारें और 12 हजार ट्रक होते हैं।
- भारी वाहनों पर ही फास्ट टैग लगे हैं लेकिन अधिकतर कारों पर फास्ट टैग नहीं लगे हुए।
बड़ी समस्या- यहां भारी वाहनों में फास्ट टैग को ऑटोमेटिक सिस्टम रीड ही नहीं कर पा रहा है। नतीजा ये कि टोल कर्मी हाथ में मशीन लेकर फास्ट टैग के सामने लगाते नजर आए।