Manipur Violence: मजबूर हुई महिलाओं की भीड़ के आगे सेना, छोड़ा 12 उग्रवादियों को; केवल हथियार लेकर वापस लौटे

Manipur Violence - मजबूर हुई महिलाओं की भीड़ के आगे सेना, छोड़ा 12 उग्रवादियों को; केवल हथियार लेकर वापस लौटे
| Updated on: 25-Jun-2023 12:13 PM IST
Manipur Violence: मणिपुर में पिछले महीने से चली आ रही हिंसा अभी तक नहीं थमी है. हिंसा को कंट्रोल करने के लिए कई जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है. इटरनेट पर बैन है. सरकार शांति बहाली के लिए सेना को मोर्चे पर लगा रखी है. इस बीच शनिवार को एक बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला. जहां, सुरक्षाबलों को कांगलेई यावोल कन्ना लुप (KYKL) के 12 उग्रवादियों को भीड़ की वजह से मजबूरन छोड़ना पड़ गया.

सुरक्षा बलों ने कांगलेई यावोल कन्ना लुप के 12 उग्रवादियों को एक गांव में घेर लिया था तभी महिलाओं की अगुवाई में करीब 1500 लोगों की भीड़ सामने आई गई. भीड़ को देखते हुए मजबूरी में सुरक्षाबलों को उन 12 उग्रवादियों को छोड़ना पड़ा जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ा था. 12 उग्रवादियों में मोइरंगथेम तम्बा उर्फ ​​उत्तम भी शामिल था. तम्बा को साल 2015 में हुए उस हमले का मास्टरमाइंड था जिसमें सुरक्षा बलों के 18 जवानों की मौत हुई थी.

इम्फाल में डिफेंस पीआरओ ने बताया कि सुरक्षा बलों के जवानों ने भीड़ को हटने के लिए बार-बार अपील की लेकिन लोग पीछे नहीं हटे. अंत में मजबूरन उग्रवादियों को छोड़ना पड़ गया. हालांकि, सुरक्षाबलों ने उग्रवादियों के पास से मिले बड़ी मात्रा में हथियार को जब्त कर लिया है. ऐसा पहली बार नहीं है जब उग्रवादियों को बचाने के लिए महिलाएं सामने आई. इससे पहले भी इस तरह का मामला सामने आ चुका है.

सीबीआई टीम का रोक दिया था रास्ता

22 जून को महिला प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व में भीड़ ने सीबीआई की एक टीम का रास्ता रोक दिया था. सीबीआई की टीम जो कि हथियारों की लूट की जांच के लिए मणिपुर पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज में एंट्री करने जा रही थी. इसके ठीक एक दिन बाद यानी 23 जून को सेना ने एक ट्वीट करते हुए बताया कि महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ ने सुरक्षाकर्मियों को उस इलाके में जाने से रोक दिया जहां से हथियारों से लैस बदमाश ऑटोमेटिक बंदूकों से फायरिंग कर रहे थे.

3 मई को शुरू हुई थी हिंसा

मणिपुर 3 मई से ही हिंसा की आग में झुलस रहा है. हिंसा की शुरुआत उस समय हुई जब तीन मई को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने के विरोध में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच में पहली बार झड़प देखने को मिली. देखते ही देखते झड़प हिंसा में तब्दील हो गई है और पूरे राज्य में फैल गई. सैकड़ों घरों को जला दिया गया. अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. हजारों की संख्या में लोगों को राहत शिविर में रखा गया है जबकि सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं.

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।