देश: तबलीगी जमात के विदेशी सदस्य हुए रिहा, 7-10 हजार रुपये जुर्माना देकर लौट सकेंगे अपने देश
देश - तबलीगी जमात के विदेशी सदस्य हुए रिहा, 7-10 हजार रुपये जुर्माना देकर लौट सकेंगे अपने देश
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Updated on: 11-Jul-2020 11:36 AM IST
नई दिल्ली। आपको याद होगा मार्च के महीने में कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन लागू किया गया था। इसी दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के लोगों ने एक मरकज का आयोजन किया था। ऐसे में लॉकडाउन के चलते सैकड़ों लोग एक ही बिल्डिंग के अंदर फंस गए थे। इसमें कई विदेशी नागरिक भी थे। इस घटना को लेकर देश भर में जमकर हंगामा मचा था। लोग उन दिनों तबलीगी जमात पर कोरोना फैलाने का आरोप लगा रहे थे। दिल्ली पुलिस ने इस दौरान जमात के कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था, जिसमें कई विदेशी नागरिक हैं। अब दिल्ली की एक अदालत ने इन्हें रिहा कर दिया है। इन पर 7-10 हजार तक का जुर्माना लगाया गया है।
956 विदेशी नागरिक हुए थे गिरफ्तारतबलीगी जमात के कार्यक्रम में मलेशिया के 121 और सऊदी अरब के 11 नागरिकों ने अपनी गलती मान ली है। इन सबने कोर्ट में वीज़ा और लॉकडाउन के उल्लंघन की बात मानी है। इन पर 7-10 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया गया। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 956 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इन्हें सिर्फ जुर्माना देकर छोड़ने पर कोई आपत्ति नहीं जताई। विदेशी नागरिकों की पहली खेप अब अगले मंगलवार को वापस लौट सकती है। 59 आरोपपत्र हुए थे दाखिलपुलिस ने जून महीने में इस मामले में 36 देशों के 956 विदेशियों के खिलाफ 59 आरोपपत्र दाखिल किए थे। विदेशी नागरिकों की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि मलेशियाई नागरिकों ने आरोपों को स्वीकार करके सजा कम करने की अपील की, जिसके बाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ मलिक ने आदेश दिया। इस मामले में याचिकाकर्ता लाजपत नगर के एसडीएम, लाजपत नगर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और निजामुद्दीन के निरीक्षक ने कहा कि उन्हें याचिकाओं पर कोई आपत्ति नहीं है, जिसके बाद उन्हें रिहा करने की अनुमति दे गई।60 मलेशियाई नागरिकों की हुई थी रिहाईवरिष्ठ वकील एस हरि हरन ने कहा कि एक अन्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आशीष गुप्ता ने सऊदी अरब के विदेशी नागरिकों के मामले में आदेश दिया। उन्होंने भी सजा कम करने के बदले हल्के आरोप स्वीकार किए हैं। इससे पहले गुरुवार को भी इसी प्रक्रिया के तहत अदालत ने 60 मलेशियाई नागरिकों को 7-7 हजार रुपये जुर्माना अदाकर रिहाई की अनुमति दी थी।
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